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सहारनपुर: शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी की जा रही है. शिवालिक वन क्षेत्र में लगातार हाथियों और बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके चलते मंडलायुक्त ने टाइगर रिजर्व विकसित करने के लिए वन संरक्षकों को स्टडी करने के निर्देश दिए हैं.

शिवालिक वन क्षेत्र बनेगा टाइगर रिजर्व.
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Published : Aug 3, 2019, 10:55 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र को उत्तराखण्ड के राजा जी नेशनल पार्क की तर्ज पर बनाने तैयारियां शुरू हो गई है. शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने पर विचार किया जा रहा है, वहीं पेड़ों की अवैध कटान को रोकने के लिए गश्त भी बढ़ा दी गई है. जानकारी के मुताबिक शिवालिक वन क्षेत्र में लगातार हाथियों और बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके चलते मंडलायुक्त ने टाइगर रिजर्व विकसित करने के लिए न सिर्फ वन संरक्षकों को स्टडी करने के निर्देश दिए हैं, बल्कि इसके लिए वन संपदा मंत्रालय को भी पत्र लिखा है.

मंडलायुक्त ने दी जानकारी.

क्या खासियत है सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र की

सहारनपुर के शिवालिक की छोटी पहाड़ियों के बीच 35000 हेक्टेयर में फैला शिवालिक जंगल उत्तराखण्ड से सटा हुआ है. इसकी खास बात यह है कि ये जंगल राजाजी नेशनल पार्क से बिल्कुल मिला हुआ है. जिससे आए दिन यहां जंगली जानवरों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसके चलते भविष्य में हाथी और बाघ शिवालिक वन क्षेत्र का रुख कर सकते हैं, जबकि वर्तमान में शिवालिक के जंगलों में 15 किलोमीटर दूर तक राजाजी पार्क से आने वाले बाघ और हाथी देखे जा रहे है. यही वजह है कि शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियो को रिपार्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं.

मंडलायुक्त ने क्या कहा

ईटीवी से बातचीत में मंडलायुक्त संजय सिंह ने बताया कि यह जंगल पूरी तरह से राजाजी नेशनल पार्क से सटा हुआ है. शिवालिक वन क्षेत्र और राजाजी पार्क के बीच मे केवल 10 मीटर की सड़क है, जिसके चलते लगातार जंगली जानवर राजाजी पार्क से सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां विशेष तौर पर चीतल, सांभर, हिरण, हाथी, और तेंदुए आते-जाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क में टाइगर भी है जिनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है. आशंका जताई जा रही है कि आने वाले कुछ सालों में शिवालिक जंगल टाइगर का गढ़ बन जायेगा. इसी को देखते हुए पहले से ही मांग होती आ रही है कि या तो शिवालिक जंगल को राजाजी नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व विकसित घोषित किया जाए या फिर इसको एक अनुशोधन एवं टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए. इसके लिए वन संरक्षकों एवं आलाअधिकारियों से स्टडी करके रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि इसके लिए वर्ल्ड वाइड फंड और भारतीय वन्य जीव संस्थान ने रिसर्च किया है. मंडलायुक्त संजय सिंह का कहना है कि इन सबके स्टडी करने के बाद जो तथ्य निकल कर सामने आए हैं उनके आधार पर शासन को आख्या भेजी जाएगी. उसके बाद प्रक्रिया के आधार पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से इसकी मांग की जाएगी.

सहारनपुर: सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र को उत्तराखण्ड के राजा जी नेशनल पार्क की तर्ज पर बनाने तैयारियां शुरू हो गई है. शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने पर विचार किया जा रहा है, वहीं पेड़ों की अवैध कटान को रोकने के लिए गश्त भी बढ़ा दी गई है. जानकारी के मुताबिक शिवालिक वन क्षेत्र में लगातार हाथियों और बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके चलते मंडलायुक्त ने टाइगर रिजर्व विकसित करने के लिए न सिर्फ वन संरक्षकों को स्टडी करने के निर्देश दिए हैं, बल्कि इसके लिए वन संपदा मंत्रालय को भी पत्र लिखा है.

मंडलायुक्त ने दी जानकारी.

क्या खासियत है सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र की

सहारनपुर के शिवालिक की छोटी पहाड़ियों के बीच 35000 हेक्टेयर में फैला शिवालिक जंगल उत्तराखण्ड से सटा हुआ है. इसकी खास बात यह है कि ये जंगल राजाजी नेशनल पार्क से बिल्कुल मिला हुआ है. जिससे आए दिन यहां जंगली जानवरों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसके चलते भविष्य में हाथी और बाघ शिवालिक वन क्षेत्र का रुख कर सकते हैं, जबकि वर्तमान में शिवालिक के जंगलों में 15 किलोमीटर दूर तक राजाजी पार्क से आने वाले बाघ और हाथी देखे जा रहे है. यही वजह है कि शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियो को रिपार्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं.

मंडलायुक्त ने क्या कहा

ईटीवी से बातचीत में मंडलायुक्त संजय सिंह ने बताया कि यह जंगल पूरी तरह से राजाजी नेशनल पार्क से सटा हुआ है. शिवालिक वन क्षेत्र और राजाजी पार्क के बीच मे केवल 10 मीटर की सड़क है, जिसके चलते लगातार जंगली जानवर राजाजी पार्क से सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां विशेष तौर पर चीतल, सांभर, हिरण, हाथी, और तेंदुए आते-जाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क में टाइगर भी है जिनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है. आशंका जताई जा रही है कि आने वाले कुछ सालों में शिवालिक जंगल टाइगर का गढ़ बन जायेगा. इसी को देखते हुए पहले से ही मांग होती आ रही है कि या तो शिवालिक जंगल को राजाजी नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व विकसित घोषित किया जाए या फिर इसको एक अनुशोधन एवं टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए. इसके लिए वन संरक्षकों एवं आलाअधिकारियों से स्टडी करके रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि इसके लिए वर्ल्ड वाइड फंड और भारतीय वन्य जीव संस्थान ने रिसर्च किया है. मंडलायुक्त संजय सिंह का कहना है कि इन सबके स्टडी करने के बाद जो तथ्य निकल कर सामने आए हैं उनके आधार पर शासन को आख्या भेजी जाएगी. उसके बाद प्रक्रिया के आधार पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से इसकी मांग की जाएगी.

Intro:सहारनपुर : सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र को उत्तराखण्ड के राजा जी नेशनल पार्क की तर्ज पर बनाने तैयारियां शुरू हो गई है। शिवालिक वन क्षेत्र को जहां टाइगर रिजर्व बनाने पर विचार किया जा रहा है वहीं पेड़ो के अवैध कटान को रोकने के लिए गस्त बढ़ाई गई है। बताया जा रहा है कि शिवालिक वन क्षेत्र में लगातार हाथियों और बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके चलते मंडलायुक्त ने टाइगर रिजर्व विकसित करने के लिए न सिर्फ वन संरक्षकों को स्टडी करने के निर्देश दिए हैं बल्कि इसके लिए वन संपदा मंत्रालय को भी पत्र लिखा है। मंडलायुक्त संजय सिंह ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि सहारनपुर के शिवालिक के जंगलों का क्षेत्रफल 35000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जहां कुल 12 हाथी और 25 तेंदुओ समेत बड़ी संख्या में हिरण, सांभर, बारह सिंगा आदि जानवर विचरण कर रहे है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि सहारनपुर के शिवालिक की छोटी पहाड़ियों के बीच 35000 हेक्टेयर में फैला शिवालिक जंगल उत्तराखण्ड से सटा हुआ है। खास बात ये है कि ये जंगल राजाजी नेशनल पार्क से बिल्कुल मिला हुआ है। जहां आये दिन जंगली जानवरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ईटीवी से बातचीत में मंडलायुक्त संजय सिंह ने बताया कि शिवालिक जंगलों में राजाजी नेशनल पार्क में लगातार हाथियों और बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके चलते भविष्य में हाथी और बाघ शिवालिक वन क्षेत्र का रुख कर सकते है। जबकि वर्तमान में शिवालिक के जंगलों में 15 किलोमीटर दूर तक राजाजी पार्क से आने वाले बाघ और हाथी देखे जा रहे है। यही वजह है कि शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियो को रिपार्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए है। उन्होंने बताया कि शिवालिक वन क्षेत्र में तीन डिवीजन है जिसका क्षेत्रफल 35000 हेक्टेयर है। यह जंगल पूरी तरह से राजाजी नेशनल पार्क से सटा हुआ है। शिवालिक वन क्षेत्र और राजाजी पार्क के बीच मे केवल 10 मीटर की सड़क है। लगातार जंगली जानवर राजाजी पार्क से सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। विशेष तौर पर चीतल, सांभर, हिरण, हाथी, और तेंदुए आते जाते रहते हैं। हाल ही की बात करें तो राजाजी नेशनल पार्क में टाइगर भी है जिनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है।धीरे धीरे ज्यादातर जानवरो का रुख शिवालिक जंगलों में हो रहा है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले कुछ सालों में शिवालिक जंगल टाइगर का गढ़ बन जायेगा। इसी को देखते हुए पहले से ही मांग होती आ रही कि या तो शिवालिक जंगल को राजाजी नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व विकसित घोषित किया जाए या फिर इसको एक अनुशोधन एवं टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए वन संरक्षकों एवं आला अधिकारियों से स्टडी कर रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए है। इसके लिए वर्ल्ड वाइड फंड और भारतीय वन्य जीव संस्थान ने रिसर्च किया है। इन सबके स्टडी करने के बाद जो तथ्य निकल कर सामने आए है उनके आधार पर शासन को आख्या भेजी जाएगी। उसके बाद जो प्रक्रिया है पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से इसकी मांग की जाएगी। इन्होंने बताया कि यदि शिवालिक के जंगलों को नेशनल टाइगर रिजर्व करके निसंदेह उसमे हमे नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी से आर्थिक सहयोग मिलता है जो स्टेट ओर केंद्र सरकार की पेरायटी में आता है। अगर हम देश भर के टाइगर जोन की बात करें तो सभी जगहों पर टाइगर की संख्या बढ़ी है। वर्तमान में यह संख्या कुल 2226 है। यह वृध्दि ऐतिहासिक है। जल्द ही शासन से इसकी अनुमति मिलने के बाद शिवालिक वन क्षेत्र को राजाजी नेशनल पार्क का रूप देने का प्रयास कियाया जाएगा। वहीं वन संपदा के अवैध कटान को रोकने के लिए जंगलों में वन कर्मियों द्वारा लागातार गस्त की जा रही है।

बाईट - संजय सिंह ( मंडलायुक्त सहारनपुर )


Conclusion:FVO - मंडलायुक्त के मुताबिक जैसे ही सरकार से अनुमति मिलती है तो शिवालिक के जंगलों में भी राजाजी नेशनल पार्क जैसा माहौल बन जायेगा। यहां हाथी और बाघों के साथ अन्य वन्य जीव भी विचरण करते दिख सकेंगे।

रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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