सहारनपुरः जबरन धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े दो आरोपियों ने देश के 14 राज्यों में धर्म परिवर्तन कराने की बात कबूल की है. दोनों ने करीब 1000 लोगों का अब तक धर्म परिवर्तन कराकर इस्लाम कबूल करवाया है. एटीएस को इसमें कई लोगों के नाम भी मिले हैं, जिनको ट्रेस कर एटीएस उनसे पूछताछ कर रही है. ऐसा ही एक नाम सहारनपुर के रहने वाले प्रवीण का भी है. हैरानी वाली बात यह है कि एटीएस जब प्रवीण के पास पहुंची तब उसे पता चला कि धर्म परिवर्तन कराने वाली लिस्ट में उसका भी नाम है, जबकि उसने किसी प्रकार से धर्म परिवर्तन किया ही नहीं.
दरअसल, सहारनपुर के रहने वाले युवक प्रवीण कुमार का नाम जबरन धर्मांतरण कराए गए लोगों की लिस्ट में शामिल है. प्रवीण थाना नागल क्षेत्र के गांव शीतला खेड़ा का रहने वाला है. वह पोस्ट ग्रेजुएट है, उसके पिता गांव के प्रधान भी रहे हैं. प्रवीण एक शुगर मिल में काम करता है. प्रवीण ने पीएम मोदी से जुड़ी किताब भी लिखी है और आशंका जताई है कि विदेशी फंडिंग के लिए उसके नाम का इस्तेमाल किया गया हो. प्रवीण व उनके परिवार को इस बारे में बिल्कुल भी नहीं पता कि कैसे उनका नाम इस लिस्ट में शामिल हुआ है.
पीएम मोदी पर लिख चुके हैं किताब
प्रवीण ने बताया कि उसने 'नमो गाथा मोदी एक विचार' नाम से एक किताब लिखी है और दूसरी किताब 'योगी राज से योगीराज' तक लिखी है. जिसकी बिक्री ऑनलाइन काफी हुई है. जो फोटो प्रवीण कुमार की किताब पर है वही फोटो उस कार्ड पर भी है जो धर्म परिवर्तन करने के बाद उन लोगों के रिकार्ड में है. प्रवीण कुमार ने आशंका जताई कि धर्म परिवर्तन करने वाले गैंग ने विदेशी फंडिंग के लिए उनकी फोटो का इस्तेमाल किया है. प्रवीण का कहना है कि उनके हिंदू-मुस्लिम दोस्त हैं, लेकिन कभी किसी ने भी धर्म परिवर्तन करने के लिए उन्हें प्रेरित नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैं एक पढ़ा-लिखा आदमी हूं. मैंने एजुकेशन से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और जल्द ही पीएचडी करने जा रहा हूं.
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प्रवीण कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह एटीएस की टीम आई थी और उससे पूरी जानकारी ली. इसके अलावा एडीजी का भी फोन आया था. अब इस मसले को लेकर पूरा परिवार सकते में है और वे परेशान हैं. प्रवीण के पिता राकेश कुमार ने भी बताया कि ऐसी कभी कोई बात ही नहीं हुई. उन्होंने आशंका जताई कि कहीं न कहीं यह विदेशी फंडिंग अर्जित करने के लिए की गई साजिश है. बहरहाल जो भी हो इस मामले में प्रवीण ने किसी भी तरह शामिल होने से इनकार किया है.
धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी
उत्तर प्रदेश (यूपी) में धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी मौलानाओं को रिमांड पर लेकर एटीएस की टीम ने फिर पूछताछ शुरू कर रही है. इस मामले में रोज नए खुलासे और सबूत सामने आ रहे है. बुधवार को उमर गौतम और जहांगीर ने ATS की पूछताछ में ऐसे कई राज कुबूले हैं. ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि दवाह के नाम से कट्टरपंथी और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसे साइलेंट जिहाद का नाम दिया गया है.
ADG का कहना है कि, ISI लखनऊ व दिल्ली की गैर सरकारी संगठनों को को फंडिंग करता था. इसमें लखनऊ में मलिहाबाद की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन भी शामिल है. इसके पुख्ता प्रमाण भी मिले हैं. एटीएस को ISI की फंड से संचालित लखनऊ स्थित मलिहाबाद के रहमान खेड़ा में संचालित अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन का भी पता चला है. आरोपी उमर गौतम फाउंडेशन का वाइस प्रेसिडेंट है. उमर एक अन्य संस्था का भी पदाधिकारी है. अब ATS ने अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन के सातों मेंबर की पड़ताल शुरू कर दी है.
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एडीजी के मुताबिक लखनऊ में मलिहाबाद के रहमानखेड़ा में संचालित अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन में दसवीं तक सीबीएसई बोर्ड के इस स्कूल में 500 बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का भी दावा किया जाता है. धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार उमर गौतम संस्था का वाइस प्रेसिडेंट है. 9000 स्क्वायर मीटर में यह स्कूल का बनाया गया है. इकबाल अहमद नदवी संस्था का अध्यक्ष, उमर गौतम उपाध्यक्ष, सचिव नजीबुल हसन और अब्दुल हाई, मुहीब-ए-आलम, आमना रिजवान और मुशीर अहमद सदस्य हैं.
यूपी एटीएस के राडार पर सात मेंबर
अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन में सात मेंबर यूपी एटीएस के राडार पर हैं. लखनऊ के साथ हरदोई के रसूलपुर इलाके में भी संस्था गर्ल्स स्कूल संचालित कर रही है. यूपी एटीएस इस स्कूल की भी डिटेल खंगाल रही है. उमर गौतम का दिल्ली के ग्लोबल पीस सेंटर के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसे मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित किया जाता है. वह विशेष रूप से मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है.
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देश में चलाए जा रहे 60 से ज्यादा दवाह संस्थान
ATS सूत्रों की मानें तो देशभर में 60 से अधिक इस्लामिक दवाह सेंटर (IDC) चलाए जा रहे हैं. इनके मेन टारगेट पर यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र हैं. दवाह के नाम से कट्टरपंथी और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसे साइलेंट जिहाद का नाम दिया गया है. उमर गौतम का दिल्ली के ग्लोबल पीस सेंटर के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसे मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित किया जाता है. वह विशेष रूप से मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है.
14 राज्यों में फैला है जाल
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, धर्मांतरण के लिए न सिर्फ विदेशों से पैसा आता था, बल्कि देश के 14 राज्यों में सक्रिय तौर पर धर्मांतरण का काम चल रहा है. खास बात ये है कि धर्म परिवर्तन कराने में महिलाओं को ज्यादातर टारगेट किया गया है. इन मौलानाओं पर एक हजार से ज्यादा हिंदुओं को मुसलमान बनाने का आरोप है. हिंदुओं के धर्मांतरण के तार विदेशों से जुड़े होने की भी बात सामने आ रही है.