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Pond Like Map Of India: ग्राम प्रधान ने जल सरंक्षण ने बनाया भारत के नक्शे वाला तालाब, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

सहारनपुर में जल संरक्षण के लिए भारत के नक्शे वाला तालाब बनाया गया है. इस तालाब में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से पानी भरा जाएगा. इसके साथ ही इस तालाब के पानी को जरूरत पड़ने पर पी भी सकेंगे. गांव की प्रधान को इस कार्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

भारत के नक्शे वाला तालाब
भारत के नक्शे वाला तालाब
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Published : Feb 28, 2023, 9:31 PM IST

भारत के नक्शे वाला तालाब

सहारनपुर: आजकल गांवों के तालाब गायब होते जा रहे हैं. जो बचे हैं, उसका पानी ऐसा नहीं है कि प्यास लगने पर बिना सोचे-समझे पी लिया जाए. इसी के साथ लोग इन तालाबों में कूड़ा कचरा भी फेंकते हैं. ऐसे में सहारनपुर का गांव चकवाली मिसाल गढ़ रहा है. यहां बने एक तालाब को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. दरअसल, गांव में भारत के नक्शे वाला तालाब लोगों को आकर्षित कर रहा है. हालांकि अभी इस तालाब में अभी पानी नहीं है, मगर लोगों को उम्मीद है कि जब बारिश होगी, तब यह संपन्न भारत की तरह जलमग्न होगा. इस तालाब को स्थानीय पंचायत ने जल संरक्षण के उद्देश्य से बनवाया है.

चकवाली गांव प्रधान सविता देवी के बेटे नकुल चौधरी ने बताया कि ग्राम प्रधान धार्मिक प्रवृति की महिला है. उन्हें लगता है कि तालाबों को अगर धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़ेंगे, तो लोग तालाबों का भी सम्मान करेंगे. इसलिए उन्होंने भारत के नक्शे के आकार का तालाब बनवाया. देश की लंबाई और चौड़ाई के अनुपात को ध्यान में रखते हुए इस तालाब की लंबाई 32 मीटर और चौड़ाई 29 मीटर बनाई गई है. प्रधान सविता देवी को जल संरक्षण के इस कार्य के लिए आगामी 4 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

नकुल चौधरी ने बताया कि भारत के नक्शे वाला तालाब बनाने का आइडिया उन्हें इसलिए आया कि लोगों को देशभक्ति जोड़ती है. विश्व के सभी देशों के नागरिक अपने देश का सम्मान करते हैं. जब उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से इस बारे में बात की, तो उन्हें आइडिया पसंद आया और तालाब बनकर तैयार हो गया. नकुल ने बताया कि इस तालाब में पानी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से भरा जाएगा. इसमें साफ सफाई के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि जरूरत पड़ने पर लोग इस तालाब का पानी पी भी सकेंगे.

अमरीश कुमार, करनाल में जॉब करते हैं. वह अक्सर अपने बच्चों को लेकर भारत के नक्शे वाले तालाब दिखाने लाते हैं. उन्हें खुशी है कि इस काम से उनके गांव का नाम सुर्खियों में आ गया है. उनका कहना है कि आने वाली पीढ़ी को इस तालाब के जरिये जल संरक्षण के प्रति अवेयर होने का संदेश भी मिलेगा. चकवाली की रहने वाली मोना आशा भी गांव में बने इस तालाब को लेकर काफी खुश है. उनका कहना है कि जब दूसरे गांव के लोग इस तालाब को देखने आते हैं तो ऐसा लगता है कि अब उनके गांव के विकास की चर्चा दूसरी जगहों पर हो रही है. वह इसका श्रेय अपनी महिला प्रधान सविता देवी को देती हैं.

यह भी पढ़ें:Robotic Cleaning System:काशी के पौराणिक कुंड और सरोवरों की सफाई करेंगे राेबाेट, जानिए कैसे?

भारत के नक्शे वाला तालाब

सहारनपुर: आजकल गांवों के तालाब गायब होते जा रहे हैं. जो बचे हैं, उसका पानी ऐसा नहीं है कि प्यास लगने पर बिना सोचे-समझे पी लिया जाए. इसी के साथ लोग इन तालाबों में कूड़ा कचरा भी फेंकते हैं. ऐसे में सहारनपुर का गांव चकवाली मिसाल गढ़ रहा है. यहां बने एक तालाब को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. दरअसल, गांव में भारत के नक्शे वाला तालाब लोगों को आकर्षित कर रहा है. हालांकि अभी इस तालाब में अभी पानी नहीं है, मगर लोगों को उम्मीद है कि जब बारिश होगी, तब यह संपन्न भारत की तरह जलमग्न होगा. इस तालाब को स्थानीय पंचायत ने जल संरक्षण के उद्देश्य से बनवाया है.

चकवाली गांव प्रधान सविता देवी के बेटे नकुल चौधरी ने बताया कि ग्राम प्रधान धार्मिक प्रवृति की महिला है. उन्हें लगता है कि तालाबों को अगर धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़ेंगे, तो लोग तालाबों का भी सम्मान करेंगे. इसलिए उन्होंने भारत के नक्शे के आकार का तालाब बनवाया. देश की लंबाई और चौड़ाई के अनुपात को ध्यान में रखते हुए इस तालाब की लंबाई 32 मीटर और चौड़ाई 29 मीटर बनाई गई है. प्रधान सविता देवी को जल संरक्षण के इस कार्य के लिए आगामी 4 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

नकुल चौधरी ने बताया कि भारत के नक्शे वाला तालाब बनाने का आइडिया उन्हें इसलिए आया कि लोगों को देशभक्ति जोड़ती है. विश्व के सभी देशों के नागरिक अपने देश का सम्मान करते हैं. जब उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से इस बारे में बात की, तो उन्हें आइडिया पसंद आया और तालाब बनकर तैयार हो गया. नकुल ने बताया कि इस तालाब में पानी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से भरा जाएगा. इसमें साफ सफाई के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि जरूरत पड़ने पर लोग इस तालाब का पानी पी भी सकेंगे.

अमरीश कुमार, करनाल में जॉब करते हैं. वह अक्सर अपने बच्चों को लेकर भारत के नक्शे वाले तालाब दिखाने लाते हैं. उन्हें खुशी है कि इस काम से उनके गांव का नाम सुर्खियों में आ गया है. उनका कहना है कि आने वाली पीढ़ी को इस तालाब के जरिये जल संरक्षण के प्रति अवेयर होने का संदेश भी मिलेगा. चकवाली की रहने वाली मोना आशा भी गांव में बने इस तालाब को लेकर काफी खुश है. उनका कहना है कि जब दूसरे गांव के लोग इस तालाब को देखने आते हैं तो ऐसा लगता है कि अब उनके गांव के विकास की चर्चा दूसरी जगहों पर हो रही है. वह इसका श्रेय अपनी महिला प्रधान सविता देवी को देती हैं.

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