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...जानिये इस दिवाली पर कैसे कम हुआ प्रदूषण ?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में इस बार दीपावली के पटाखों का प्रदूषण के लिहाज से कुछ खास असर नहीं रहा. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अनुसार पिछले वर्षों की अपेक्षा इस साल दीपावली पर कम पटाखे फोड़े गए, जिससे सहारनपुर में ज्यादा प्रदूषण उत्सर्जन नहीं हुआ.

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Published : Oct 31, 2019, 11:18 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

pollution reduced during this diwali in saharanpur

सहारनपुर: दीपावली के मौके पर देश भर में जहां धूम-धाम से पटाखे फोड़े गए वहीं दिल्ली एनसीआर में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण बढ़ने से समस्या बन गई. वहीं सहारनपुर परिक्षेत्र में इस दिवाली पर प्रदूषण पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम रहा. प्रदूषण विभाग का दावा है कि प्रदूषण बोर्ड के प्रयास से इस बार न सिर्फ पटाखे कम फोड़े गए बल्कि मॉनिटरिंग में प्रदूषण भी कम पाया गया है.

जानिये इस दिवाली पर कैसे कम हुआ प्रदूषण ?
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक एसआर मौर्या ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि इस बार दिवाली पर पिछले साल की तुलना में कम पटाखे फोड़े गए. बोर्ड के प्रयास एवं जागरूकता अभियान के कारण पटाखों को लेकर उत्सर्जन में काफी कमी आई है. प्रदूषण विभाग द्वारा सहारनपुर से डायरेक्ट मॉनिटरिंग नहीं होती है. इसकी मॉनिटरिंग आईआईटी रुड़की द्वारा की जाती है.

पढ़ेंः-सहारनपुर: आठवीं पास युवक ने बिजली बनाने वाला अनोखे उपकरण का किया आविष्कार

इस बार दो अलग-अलग तिथियों 21 अक्टूबर और 27 अक्टूबर में मॉनिटरिंग की गई. जिसमें 21 अक्टूबर को 217.7 पीएम टेंट की मात्रा पाई गई थी जबकि 27 अक्टूबर को 426.39 मात्रा रिकॉर्ड की गई है. जो क्लॉक टावर की पोजीशन के अंतर्गत पाई गई है. वहीं डीपीटी कैंपस के अंदर जो मॉनिटरिंग की गई है उसमें 21 अक्टूबर को 205.92 और 27 तारीख को 382.21 पाई गई है. जो पिछले पिछले वर्ष की तुलना में इस बार उत्सर्जन में काफी कमी दर्शाता है.

वहीं न्वाइज मॉनिटरिंग के आधार पर अगर देखें तो उसमें भी गत वर्षो की अपेक्षा काफी कमी थी. जिसमें 21 अक्टूबर को 59.2 और 27 अक्टूबर को 77.7 न्वाइज लेवल पाया गया है, जबकि गत वर्ष इसका लेवल 58.6 और 76.3 था. तो गत वर्षो की अपेक्षा न्वाइज लेवल भी इस वर्ष कम पाया गया है.

सहारनपुर: दीपावली के मौके पर देश भर में जहां धूम-धाम से पटाखे फोड़े गए वहीं दिल्ली एनसीआर में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण बढ़ने से समस्या बन गई. वहीं सहारनपुर परिक्षेत्र में इस दिवाली पर प्रदूषण पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम रहा. प्रदूषण विभाग का दावा है कि प्रदूषण बोर्ड के प्रयास से इस बार न सिर्फ पटाखे कम फोड़े गए बल्कि मॉनिटरिंग में प्रदूषण भी कम पाया गया है.

जानिये इस दिवाली पर कैसे कम हुआ प्रदूषण ?
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक एसआर मौर्या ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि इस बार दिवाली पर पिछले साल की तुलना में कम पटाखे फोड़े गए. बोर्ड के प्रयास एवं जागरूकता अभियान के कारण पटाखों को लेकर उत्सर्जन में काफी कमी आई है. प्रदूषण विभाग द्वारा सहारनपुर से डायरेक्ट मॉनिटरिंग नहीं होती है. इसकी मॉनिटरिंग आईआईटी रुड़की द्वारा की जाती है.

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इस बार दो अलग-अलग तिथियों 21 अक्टूबर और 27 अक्टूबर में मॉनिटरिंग की गई. जिसमें 21 अक्टूबर को 217.7 पीएम टेंट की मात्रा पाई गई थी जबकि 27 अक्टूबर को 426.39 मात्रा रिकॉर्ड की गई है. जो क्लॉक टावर की पोजीशन के अंतर्गत पाई गई है. वहीं डीपीटी कैंपस के अंदर जो मॉनिटरिंग की गई है उसमें 21 अक्टूबर को 205.92 और 27 तारीख को 382.21 पाई गई है. जो पिछले पिछले वर्ष की तुलना में इस बार उत्सर्जन में काफी कमी दर्शाता है.

वहीं न्वाइज मॉनिटरिंग के आधार पर अगर देखें तो उसमें भी गत वर्षो की अपेक्षा काफी कमी थी. जिसमें 21 अक्टूबर को 59.2 और 27 अक्टूबर को 77.7 न्वाइज लेवल पाया गया है, जबकि गत वर्ष इसका लेवल 58.6 और 76.3 था. तो गत वर्षो की अपेक्षा न्वाइज लेवल भी इस वर्ष कम पाया गया है.

Intro:सहारनपुर : दीपावली के मौके पर देश भर में जहां धूम धाम से पटाखे चलाए गए वहीं दिल्ली एनसीआर में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण बढ़ने से समस्या बन गई। लेकिन सहारनपुर परिक्षेत्र में इस दिवाली प्रदूषण में कमी आई है। प्रदूषण विभाग का दावा है कि प्रदूषण बोर्ड के प्रयास से इस बार न सिर्फ पटाखे कम चलाये गए बल्कि मॉनिटरिंग में प्रदूषण भी कम पाया गया है। इतना ही नही दिवाली के बाद उसमें 21 अक्टूबर को 205.92 व 27 तारीख को 382.21 पाई गई है। जो पिछले पिछले वर्ष की तुलना इस बार उत्सर्जन काफी कम पाया गया है।


Body:VO 1 - केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक एसआर मौर्या ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि इस बार दिवाली पर पिछले साल की तुलना में कम पटाखे चलाए गए है जिसके चलते प्रशासन एवं प्रदूषण बोर्ड के प्रयास से प्रदूषण में कमी रही है। बोर्ड के प्रयास एवं जागरूकता अभियान से इस बार पटाकों को लेकर उत्सर्जन में काफी कमी आई है। हालांकि प्रदूषण विभाग द्वारा सहारनपुर से डायरेक्ट मॉनिटरिंग नहीं होती है। इसकी मॉनिटरिंग आईआईटी रुड़की इंस्टीट्यूट द्वारा की जाती है। इस बार दो अलग-अलग तिथियों 21 अक्टूबर और 27 अक्टूबर में मॉनिटरिंग की गई है। एक सप्ताह के अंतर पर प्रदूषण को लेकर मॉनिटरिंग की गई है। जिसमें 21 अक्टूबर को 217.7 पीएम टेंट की मात्रा पाई गई थी जबकि 27 अक्टूबर को 426.39 मात्रा रिकॉर्ड की गई है जोकि क्लॉक टावर की पोजीशन के अंतर्गत पाई गई है। वही डीपीटी कैंपस के अंदर जो मॉनिटरिंग की गई है उसमें 21 अक्टूबर को 205.92 व 27 तारीख को 382.21 पाई गई है। जो पिछले पिछले वर्ष की तुलना इस बार उत्सर्जन काफी कम पाया गया है, वही नॉइज़ मॉनिटरिंग के आधार पर अगर हम देखे तो उसमें भी गत वर्षो की अपेक्षा काफी कमी आई है। जिसमें 21 अक्टूबर को 59.2 व 27 अक्टूबर को 77.7 नाइज़ लेवल पाया गया है जबकि गत वर्ष इसका लेवल 58.6 व 76.3 था तो गत वर्षो की भांति नॉइज़ लेवल भी इस वर्ष कम पाया गया है।

बाईट - एसआर मौर्या ( क्षेत्रीय प्रबंधक केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड )



Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293942
9759945253
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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