सहारनपुर: जिला प्रशासन में मंगलवार देर रात उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कारागार में बंद कैदी की मौत के बाद परिजनों ने कारागार के बाहर दिल्ली-देहरादून हाईवे पर शव रखकर जाम लगा दिया. मृतक के बेटों को पिता के अंतिम संस्कार के लिए पैरोल नहीं मिलने से गुस्साए परिजनों ने न सिर्फ हाईवे पर हंगामा किया, बल्कि जेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
जानकारी के मुताबिक, मृतक नोरतू 2019 से पत्नी और दो बेटों के साथ सहारनपुर जेल में सजा काट रहा था. बीमारी के कारण नोरतू की मौत हो गई. परिजनों ने पिता को मुखाग्नि देने के लिए बेटों को पेरोल पर छोड़ने की मांग की थी, लेकिन जेल प्रशासन की कागजी खानापूर्ति के चलते नोरतू के बेटों को पैरोल नहीं मिल पाई. इसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. पुलिस ने परिजनों को शांत किया और मृतक के पुत्रों को पेरोल पर छोड़ा गया. इसके बाद परिजनों ने जाम खोला और शव को लेकर चले गए. घंटों जाम लगने से देहरादून हाईवे पूरी तरह बाधित रहा. दोनों ओर देर रात तक लंबे जाम में यात्री और राहगीर फंसे रहे. जाम खुलने पर उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब को जाने वाले लोगों ने राहत की सांस ली.
थाना फतेहपुर इलाके के गांव रामखेड़ी निवासी 62 वर्षीय नोरतू जिला जेल में सजा काट रहा था. 2011 में गांव के ही एक परिवार ने लड़की भगाने के आरोप में नोरतू और उसके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. दोषी पाए जाने पर पुलिस ने नोरतू, उसकी पत्नी श्यामो, पुत्र राजू व रोशन और भतीजे प्रदीप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. नोरतू का पूरा परिवार और भतीजा जेल में सजा काट रहा था. इसी दौरान नोरतू को टीबी की बीमारी हो गई. सोमवार को नोरतू की हालत बिगड़ी तो जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने नोरतू को हायर सेंटर रेफर कर दिया. मेरठ के अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया था.
नोरतू की मौत के बाद उसकी बेटी प्रियंका ने पिता के अंतिम संस्कार के लिए उसके बेटे रोशन और राजू को पैरोल पर छोड़ने का प्रार्थना पत्र दिया था. ग्रामीणों के मुताबिक, उनका प्रार्थना पत्र मंजूर तो हो गया, लेकिन देर शाम तक दोनों बेटों को पैरोल नहीं दी गई. जबकि परिजनों के साथ प्रियंका भाइयों के जेल से बाहर आने का इंतजार करती रही. मंगलवार देर शाम तक रोशन व राजू को जेल से नहीं छोड़ा गया तो गुस्साएं परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से जिला कारागार के सामने हाईवे पर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया.
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देहरादून हाईवे पर जाम लगने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर पहुंचे थाना जनकपुरी इंस्पेक्टर अविनाश गौतम ने लोगों को शांत कर जाम खुलवाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने जाम खोलने से मना कर दिया. एसपी सिटी राजेश कुमार ने मौके पर पहुंच कर पैरोल की प्रक्रिया पूरी कराई. इसके बाद देर रात नोरतू के दोनों बेटों को पैरोल पर छोड़ा गया.
एसपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि जेल में सजा याफ्ता कैदी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी. मृतक की पत्नी और 2 बेटे भी जेल में हैं. परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए पैरोल का आवेदन किया था, लेकिन किन्ही कारणों से कागजी कार्यवाही में देरी हो गई. बेटों को पैरोल पर छोड़ने में हुई देरी के कारण परिजनों ने जाम लगा दिया था. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कर जाम खुलवाया. जेल की सभी कागजी खानापूर्ति कराकर मृतक के बेटों को पैरोल पर छोड़ दिया गया है.
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