सहारनपुर: लॉकडाउन में स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव लगातार जारी है. इसी को लेकर जनपद सहारनपुर में बृहस्पतिवार को अभिभावकों ने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधकों की संकेतात्मक शव यात्रा निकालकर जिला मुख्यालय पर पुतले का दहन किया. इस दौरान अभिभावकों ने कहा कि कोरोना संकट में जिन परिवारों को सरकार मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है, वे अपने बच्चों की स्कूल फीस कहां से लाएं.
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सरकारी निर्देशों पर पिछले चार महीने से सभी स्कूल बंद हैं. इतना ही नही लॉकडाउन लगने से दिहाड़ी मजदूरों के साथ-साथ बड़ी संख्या में अभिभावक भी बेरोजगार हो गए हैं. अनलॉक होने के बाद न तो स्कूल खुले हैं और न ही बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार मिल पाया है. बावजूद इसके स्कूल संचालक अभिभावकों पर लगातार फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं. इसी को लेकर जनपद सहारनपुर के अभिभावकों ने 'नो स्कूल, नो फीस' आंदोलन शुरू कर दिया है.
जनपद सहारनपुर में स्कूलों के दबाव से परेशान अभिभावक गुरुवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर स्कूल प्रबंधकों की शव यात्रा निकाल प्रदर्शन किया. इसके बाद स्कूल प्रबंधकों के पुतले का अंतिम संस्कार कर अपना विरोध जताया है. मौके पर एकत्रित हुए अभिभावकों में से संजय वालिया का कहना है कि लॉकडाउन में ज्यादातर अभिभावकों के काम धंधे बंद हो गए.
उन्होंने कहा कि तीन महीने में हुए नुकसान की भरपाई करने में ही कई साल लग जाएंगे. बिना स्कूल खोले ही फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों की मांग है कि जब तक सभी स्कूल पूरी तरह नहीं खुल जाते, तब तक की फीस माफ होनी चाहिए. यदि स्कूलों की मनमानी बंद नहीं हुई तो वे लोग जिला मुख्यालय पर अनशन पर बैठेंगे.