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सहारनपुर: बहते पानी में अवैध खनन का खेल जारी, प्रशासन के दावे फेल

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Published : Jun 24, 2019, 8:32 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

जिले में अवैध खनन का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. इसकी वजह जिला प्रशासन का मौन रहना है. एक ओर यमुना नदी में भारी मात्रा में अवैध खनन किया जा रहा है, तो वहीं जिला प्रशासन की चुप्पी से खनन माफियाओं के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं.

अवैध खनन पर रोक लगाने में प्रशासन फेल.

सहारनपुर : जिले में बेखौफ खनन माफिया यमुना नदी से सफेद रेत निकालकर काला कारोबार करने में लगे हैं. खनन माफिया पर्यावरण के साथ तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं, साथ ही एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने में भी लगे हैं. आलम यह है कि अवैध तरीके से खनन का कारोबार किया जा रहा है. बावजूद इसके जिला प्रशासन कार्रवाई करने की बजाय कुम्भकर्णी नींद में है.

अवैध खनन पर रोक लगाने में प्रशासन फेल.

क्या है मामला

  • जिले के नकुड़, सरसावा, चिलकाना और बेहट इलाको में अवैध खनन का खेल जोरों पर चल रहा है.
  • खनन माफिया जेसीबी और पोकलेंड मशीनों से यमुना नदी में 20-30 फिट तक खुदाई करने में लगे हैं.
  • करीब 50 किलोमीटर के इलाके में 10 से ज्यादा स्थानों पर खनन माफियाओं की मनमानी चल रही है.
  • खनन माफिया खुले तौर पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं.
  • वहीं खनन माफियाओं की इस कालाबाजारी को जानते हुए भी जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए है.

किसानों को खेतों से रेत हटाने की अनुमति दी गई है. खनन केवल वही लोग ही कर रहे हैं, जिनके नाम से पट्टे आवंटित किए गए हैं. अवैध खनन करने वालो के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.
-पंकज कुमार, खनन अधिकारी

सहारनपुर : जिले में बेखौफ खनन माफिया यमुना नदी से सफेद रेत निकालकर काला कारोबार करने में लगे हैं. खनन माफिया पर्यावरण के साथ तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं, साथ ही एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने में भी लगे हैं. आलम यह है कि अवैध तरीके से खनन का कारोबार किया जा रहा है. बावजूद इसके जिला प्रशासन कार्रवाई करने की बजाय कुम्भकर्णी नींद में है.

अवैध खनन पर रोक लगाने में प्रशासन फेल.

क्या है मामला

  • जिले के नकुड़, सरसावा, चिलकाना और बेहट इलाको में अवैध खनन का खेल जोरों पर चल रहा है.
  • खनन माफिया जेसीबी और पोकलेंड मशीनों से यमुना नदी में 20-30 फिट तक खुदाई करने में लगे हैं.
  • करीब 50 किलोमीटर के इलाके में 10 से ज्यादा स्थानों पर खनन माफियाओं की मनमानी चल रही है.
  • खनन माफिया खुले तौर पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं.
  • वहीं खनन माफियाओं की इस कालाबाजारी को जानते हुए भी जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए है.

किसानों को खेतों से रेत हटाने की अनुमति दी गई है. खनन केवल वही लोग ही कर रहे हैं, जिनके नाम से पट्टे आवंटित किए गए हैं. अवैध खनन करने वालो के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.
-पंकज कुमार, खनन अधिकारी

Intro:नोट : इस खबर से संबधित विजूल्स ftp par up_shp_ilegle mining_vis_7203472 फ़ाइल है

सहारनपुर : एक ओर जहां एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाई करने के आदेश दिए हुए है वहीं सहारनपुर में खनन माफिया न सिर्फ सफेद रेत का काला कारोबार करने में लगे है बल्कि जेसीबी और पॉपलाइन मशीनों से बहते पानी मे यमुना नदी का सीना चीर रहे है। बेख़ौफ़ खनन माफिया खुलेआम यमुना नदी का सीना चीर कर पर्यावरण के साथ खिलवाड तो कर ही रहे है साथ ही एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाने में लगे है। आलम यह है कि अवैध तरीके से जेसीबी मशीनों से हजारो ट्रक और ट्रालियां में खनन का कारोबार किया जा रहा है। बावजूद इसके जिला प्रशासन कार्यवाई करने की बजाए कुम्भकर्णी नींद सोया हुआ है। बताया जा रहा है खनन माफियाओं को सत्ताधारी नेताओ का संरक्षण मिला हुआ है यही वजह है कि खनन विभाग इन पर कार्यवाई करने से कतरा रहा है।







Body:VO 1 - आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर में इन दिनों अवैध खनन का खेल जोरो पर चल रहा है। थाना नकुड़, सरसावा , चिलकाना और बेहट इलाको में दिन दहाड़े यमुना नदी का सीना चीरा जा रहा है। खनन माफिया दिन रात जेसीबी और पॉप लाइन मशीनों से यमुना नदी में 20-30 फ़ीट तक खुदाई कर सफेद रेत का काला कारोबार करने में लगे है। खुलेआम चल रही पॉप लाइन मशीनों एवं भरे जा रहे ट्रको की ये तस्वीरें खनन माफियाओं की पोल खोलने के लिए काफी है। ये तस्वीरें सहारनपुर जिले के पश्चिम से होकर बह रही यमुना नदी की हैं। जहां बेख़ौफ़ खनन माफिया यमुना का सीना चीरकर जहां पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे है वही सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहे है। करीब 50 किलोमीटर के एरिये में 10 से ज्यादा स्थानों पर खनन माफियाओं की मनमानी चल रही है। हर रोज हजारो वाहन खनन से भर कर भेजे जा रहे है। आलम यह है कि अगर पुलिस खनन माफियाओ के वाहन रोक लेती है तो सत्ता धारी सफेदपॉश फोन खडका देते है। चोकाने वाली बात तो ये है कि खनन माफिया सफेद रेत का काला कारोबार करने में लगे है और जिला प्रशासन कान में तेल डालकर सोया हुआ है। इस बाबत हमने खनन अधिकारी पंकज कुमार से बात की तो उन्होंने पहले तो यमुना नदी के बहते पानी में खनन होने से मना कर दिया लेकिन जब हमने पॉप लाइन मशीनों द्वारा बहते पानी से ट्रक भरते ये तस्वीरें दिखाई तो बगले झांकने लगे। उनका कहना है कि किसानों को खेतों से रेत हटाने की अनुमति दी गई है। लेकिन खनन केवल वो लोग ही कर रहे है जिनके नाम से पट्टे आवंटित किए गए है।

बाईट - पंकज कुमार ( खनन अधिकारी )



Conclusion:FVO - खनन अधिकारी पंकज कुमार के मुताबिक अवैध खनन करने वालो के खिलाफ लगातार कार्यवाई की जा रही है। बावजूद इसके खनन माफिया अवैध खनन करने से बजेज नही आ रहे है। सूत्रों की माने तो सफ़ेद रेत का यह काल खेल विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से चल रहा है। जिसके चलते खनन विभाग में माफियाओ की भीड़ लगी रहती है।


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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