सहारनपुर: कोरोना से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने सभी धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक लगाई है. वहीं सभी धर्मों के छोटे-बड़े सभी त्यौहारों को घरों में मनाने की अपील की गई है. नवरात्र, रामनवमी, रमजान माह, ईद उल जुहा, कावड़ यात्रा से लेकर सावन शिवरात्रि पर्व समेत सभी त्योहारों की रौनक फीकी पड़ गई है.
इसी तरह इस्लामी जगत के प्रमुख त्योहार बकरीद पर भी कोरोना का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. इसी के चलते मुस्लिम समाज के जिम्मेदार एवं पार्षदों ने डीएम-एसएसपी से मिलकर बकरीद के त्योहार को मनाने की अनुमति मांगी है. साथ ही इस त्योहार के मौके पर दी जाने वाली जानवरों की बलि के लिए अनुमति भी मांगी है.
कोरोना काल में बकरीद के त्योहार को लेकर शासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. इसके चलते मुस्लिम समाज के जिम्मेदार एवं पार्षदों ने डीएम अखिलेश सिंह और एसएसपी डॉ एस. चन्नपा से मिलकर गाइडलाइन जारी करने की अपील की है. वहीं ईद के दिन सोशल डिस्टेसिंग के साथ ईदगाह में नमाज अदा करने की अनुमति मांगी है.
ईदगाह में सामूहिक नमाज पढ़ने की मांगी अनुमति
पार्षद मंसूर बदर का कहना है कि ईद उल जुहा के मौके पर जानवरों की बलि दी जाती है. इसके लिए एक निश्चित समय तय होता है. इस बार कोरोना की वजह से सभी लोग दहशत में हैं. स्वास्थ्य विभाग और सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक ईद पर कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है.
समाजसेवी गुड्डू अहमद ने बताया कि बकरीद के दिन भैंसे और बकरों की बलि दी जाती है. उसके लिए जगह और समय निश्चित है. वहीं बकरों एवं भैसों को खरीदने बेचने के लिए बाजार भी नहीं लग रहे हैं. इसलिए इन्होंने डीएम-एसएसपी से मिलकर बकरों की खरीददारी करने और त्योहार पर बकरों की बलि देने के साथ ईदगाह में सामूहिक नमाज पढ़ने की अनुमति मांगी है.