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बस चालक की मौत के मामले में स्कूल संचालक समेत अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा

सहारनपुर में बस चालक की मौत के मामले (bus driver death case ) में पुलिस ने शुक्रवार को स्कूल संचालक, दुकानदारों समेत कई अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.

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मृत बस चालक और स्कूल बस
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Published : Aug 26, 2022, 8:54 PM IST

सहारनपुर: जिले में दो दिन पहले स्कूल बस के ब्रेक फेल होने की सजा बस चालक को जान देकर चुकानी पड़ी. बस चालक हरपाल (50) को भीड़ ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. सही समय पर इलाज नहीं मिलने से बस चालक की मौत (bus driver death case) हो गई. परिजनों के हंगामा करने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को स्कूल संचालक समेत मारपीट करने वाले कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

बुधवार को स्कूल की छुट्टी के बाद शहर के नामचीन रेनबो पब्लिक स्कूल (rainbow public school saharanpur) की बस बच्चों को घर छोड़ कर लौट रही थी. जैसे ही बस कोर्ट रोड के पास पहुंची वैसे ही बस का अचानक ब्रेक फेल हो गया और बस पुल से नीचे लुढ़कते हुए एक दुकान में घुस गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों और राहगीरों ने हरपाल सिंह को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया. आनन फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने बस चालक हरपाल को भीड़ से छुड़वाया और बस समेत थाना सदर बाजार ले गई.

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने घायल हरपाल का समय पर इलाज नहीं कराया. वहीं, स्कूल और बस का मालिक थाने पंहुचकर अपनी बस को छुड़ावा लिया. लेकिन बस चालक हरपाल की सुध तक नहीं ली. सूचना मिलते ही आनन फानन में परिजन थाने पहुंचे और घायल हरपाल को अस्पताल ले गए, लेकिन सभी ने हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी. इसी बीच हरपाल की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें: ब्रेक फेल होने पर स्कूल बस दुकान में घुसी, पिटाई से चालक की मौत

मृतक हरपाल की पत्नी रोशनी ने तहरीर देते हुए आरोप लगाया है कि उसके पति को बस स्वामी ने अनफिट बस चलाने को दी हुई थी, जिसकी वह बार बार शिकायत करता रहता था. लेकिन बस स्वामी ने गाड़ी को ठीक नहीं कराया. जिस कारण बुधवार को बच्चों को घर छोड़ते हुए कचहरी पुल पर बस के ब्रेक फेल हो गया. उसके पति ने बच्चों को बस से उतार कर दूसरे वाहनों से घर भिजवा दिया. लेकिन वह भीड़ से अपनी जान नहीं बचा पाया. आरोप है कि पुलिस भी तमाशबीन बनी रही. हालांकि बाद में उसके पति को बस सहित थाने लेकर आ गई और बस में ही बैठाकर रखा.

परिजनों का आरोप है कि बस के दरवाजे और खिड़किया तक बंद थी. पुलिस ने अस्पताल में इलाज कराना भी जरूरी नहीं समझा. शाम सात बजे वह खुद थाने पहुंची तब बस से अपने पति को निकाला और जिला अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों में दिखाया. लेकिन डॉक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया. सही समय पर इलाज न होने पर उसकी मौत हो गई.

यह भी पढ़ें: टैंकर ने स्कूल बस में मारी टक्कर, 19 बच्चे घायल, 5 की हालत गंभीर

इस मामले को लेकर दलित समाज के लोगों ने गुरुवार की देर रात तक हंगामा किया. जिसके बाद आला अधिकारी हरकत में आए और शुक्रवार को थाना सदर बाजार पुलिस, जनता, दुकानदारों, स्कूल प्रधानाचार्य और बस स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा ने कहा कि परिजनों की तहरीर के बाद मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सहारनपुर: जिले में दो दिन पहले स्कूल बस के ब्रेक फेल होने की सजा बस चालक को जान देकर चुकानी पड़ी. बस चालक हरपाल (50) को भीड़ ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. सही समय पर इलाज नहीं मिलने से बस चालक की मौत (bus driver death case) हो गई. परिजनों के हंगामा करने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को स्कूल संचालक समेत मारपीट करने वाले कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

बुधवार को स्कूल की छुट्टी के बाद शहर के नामचीन रेनबो पब्लिक स्कूल (rainbow public school saharanpur) की बस बच्चों को घर छोड़ कर लौट रही थी. जैसे ही बस कोर्ट रोड के पास पहुंची वैसे ही बस का अचानक ब्रेक फेल हो गया और बस पुल से नीचे लुढ़कते हुए एक दुकान में घुस गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों और राहगीरों ने हरपाल सिंह को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया. आनन फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने बस चालक हरपाल को भीड़ से छुड़वाया और बस समेत थाना सदर बाजार ले गई.

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने घायल हरपाल का समय पर इलाज नहीं कराया. वहीं, स्कूल और बस का मालिक थाने पंहुचकर अपनी बस को छुड़ावा लिया. लेकिन बस चालक हरपाल की सुध तक नहीं ली. सूचना मिलते ही आनन फानन में परिजन थाने पहुंचे और घायल हरपाल को अस्पताल ले गए, लेकिन सभी ने हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी. इसी बीच हरपाल की मौत हो गई.

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मृतक हरपाल की पत्नी रोशनी ने तहरीर देते हुए आरोप लगाया है कि उसके पति को बस स्वामी ने अनफिट बस चलाने को दी हुई थी, जिसकी वह बार बार शिकायत करता रहता था. लेकिन बस स्वामी ने गाड़ी को ठीक नहीं कराया. जिस कारण बुधवार को बच्चों को घर छोड़ते हुए कचहरी पुल पर बस के ब्रेक फेल हो गया. उसके पति ने बच्चों को बस से उतार कर दूसरे वाहनों से घर भिजवा दिया. लेकिन वह भीड़ से अपनी जान नहीं बचा पाया. आरोप है कि पुलिस भी तमाशबीन बनी रही. हालांकि बाद में उसके पति को बस सहित थाने लेकर आ गई और बस में ही बैठाकर रखा.

परिजनों का आरोप है कि बस के दरवाजे और खिड़किया तक बंद थी. पुलिस ने अस्पताल में इलाज कराना भी जरूरी नहीं समझा. शाम सात बजे वह खुद थाने पहुंची तब बस से अपने पति को निकाला और जिला अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों में दिखाया. लेकिन डॉक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया. सही समय पर इलाज न होने पर उसकी मौत हो गई.

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इस मामले को लेकर दलित समाज के लोगों ने गुरुवार की देर रात तक हंगामा किया. जिसके बाद आला अधिकारी हरकत में आए और शुक्रवार को थाना सदर बाजार पुलिस, जनता, दुकानदारों, स्कूल प्रधानाचार्य और बस स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा ने कहा कि परिजनों की तहरीर के बाद मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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