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एमबीबीएस छात्रों की भूख हड़ताल जारी, सरकार से की इच्छा मृत्यु की मांग

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मेडिकल कॉलेज की छात्राएं सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रही हैं. दरअसल ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं कॉलेज से ट्रांसफर लेने के लिए पिछले आठ दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

मेडिकल छात्राओं ने सरकार से मांगी इच्छा मृत्यु.
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Published : Sep 17, 2019, 1:51 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा दिये जा धरने ने एक नया मोड़ ले लिया है. यहां मांगे पूरी न होने पर धरनारत छात्र-छात्राएं सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं. एमबीबीएस छात्रों का धरना लगातार आठ दिन से निरन्तर चलता आ रहा है, लेकिन पिछले पांच दिनों से अपनी मांगों को लेकर ये सभी भूख हड़ताल पर बैठ गये.

मेडिकल छात्राओं ने सरकार से मांगी इच्छा मृत्यु.

एमबीबीएस छात्र-छात्राओं का छलका दर्द-

  • ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं की भूख हड़ताल जारी है.
  • भूख हड़ताल पर बैठे मेडिकल की छात्राओं से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मिलने नहीं पहुंचा.
  • धरनारत छात्रों का कहना है कि उनका अब सरकार से भरोसा उठ चुका है.
  • सरकार अगर उनका दूसरे मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर नहीं कर सकती तो कम से कम उनको इच्छा मृत्यु ही दे दे.

छात्रों ने दी ये जानकारी-
छात्रों ने बताया कि 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोकल मेडिकल कॉलेज को इस शर्त पर मान्यता दी थी कि आने वाले वर्षों में कॉलेज प्रशासन कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर पर समय के साथ काम करेगा. इसके अलावा प्रत्येक वर्ष मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया सलेक्शन के बाद कॉलेज को अगले वर्षों के लिए अनुमति प्रदान करता रहेगा.

सरकार को बेटियों का मतलब ही नहीं पता है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सिर्फ कहना आसान है, लेकिन बेटियों का दर्द समझ पाना उतना ही मुश्किल है. सीएम योगी और पीएम मोदी की कोई बेटी होती तो शायद उनको बेटियों का दर्द मालूम होता. सरकार अगर हमारा ट्रांसफर नहीं कर सकती तो हमें इच्छा मृत्यु दे दे.
-नेहा, छात्रा

सहारनपुर : ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा दिये जा धरने ने एक नया मोड़ ले लिया है. यहां मांगे पूरी न होने पर धरनारत छात्र-छात्राएं सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं. एमबीबीएस छात्रों का धरना लगातार आठ दिन से निरन्तर चलता आ रहा है, लेकिन पिछले पांच दिनों से अपनी मांगों को लेकर ये सभी भूख हड़ताल पर बैठ गये.

मेडिकल छात्राओं ने सरकार से मांगी इच्छा मृत्यु.

एमबीबीएस छात्र-छात्राओं का छलका दर्द-

  • ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं की भूख हड़ताल जारी है.
  • भूख हड़ताल पर बैठे मेडिकल की छात्राओं से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मिलने नहीं पहुंचा.
  • धरनारत छात्रों का कहना है कि उनका अब सरकार से भरोसा उठ चुका है.
  • सरकार अगर उनका दूसरे मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर नहीं कर सकती तो कम से कम उनको इच्छा मृत्यु ही दे दे.

छात्रों ने दी ये जानकारी-
छात्रों ने बताया कि 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोकल मेडिकल कॉलेज को इस शर्त पर मान्यता दी थी कि आने वाले वर्षों में कॉलेज प्रशासन कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर पर समय के साथ काम करेगा. इसके अलावा प्रत्येक वर्ष मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया सलेक्शन के बाद कॉलेज को अगले वर्षों के लिए अनुमति प्रदान करता रहेगा.

सरकार को बेटियों का मतलब ही नहीं पता है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सिर्फ कहना आसान है, लेकिन बेटियों का दर्द समझ पाना उतना ही मुश्किल है. सीएम योगी और पीएम मोदी की कोई बेटी होती तो शायद उनको बेटियों का दर्द मालूम होता. सरकार अगर हमारा ट्रांसफर नहीं कर सकती तो हमें इच्छा मृत्यु दे दे.
-नेहा, छात्रा

Intro:सहारनपुर में ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के छात्रों के धरने ने लिया नया मोड़,मेडिकल कॉलेज के छात्र दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर नही करने पर सरकार से कर रहे हैं इच्छा मृत्यु की मांग,छात्रों ने कहा मोदी,योगी पिता नही है इस लिए नही पता बेटियों का दर्द,


Body:सहारनपुर में हकीकत नगर स्थित धरना स्थल पर मेडिकल कॉलेज के छात्रों के धरने ने आज एक नया मोड़ ले लिया है, जिसमें मेडिकल कॉलेज के छात्र सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे है
आपको बता दे की ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों का धरना लगातार आठ दिन से निरन्तर चलता आ रहा है जिसमे मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने 5 दिन तक तो धरना दिया जिसके बाद मेडिकल कॉलेज की छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठ गई लेकिन भूख हड़ताल पर बैठे मेडिकल कॉलेज की छात्राओं से मिलने कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा, वहीं मेडिकल कॉलेज के छात्रों का कहना है कि उनका अब सरकार से भरोसा उठ चुका है सरकार अगर उनका दूसरे मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर नहीं कर सकती तो कम से कम उनको इच्छा मृत्यु ही दे दे,
छात्रों ने बताया कि 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोकल मेडिकल कॉलेज को इस शर्त पर मान्यता दी थी कि आने वाले वर्षों में कॉलेज प्रशासन कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर पर समय के साथ काम करेगा और प्रत्येक वर्ष मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया स्पेक्शन के बाद कॉलेज को अगले वर्षों के लिए अनुमति प्रदान करता रहेगा, वही नीट जैसी मुश्किल परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके छात्र सरकारी काउंसलिंग द्वारा इस कॉलेज में भेज दिए गए,


Conclusion:वही 5 दिन धरना देने के बाद 2 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की मीडिया से बात करते हुए आँखे छलक उठी, जिसमे छात्रों ने सरकार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को याद दिलाते हुए कहा कि सरकार को बेटियों का मतलब ही नहीं पता है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सिर्फ कहना आसान है लेकिन बेटियों का दर्द समझ ना उतना ही मुश्किल जिसमें उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा है कि अगर उनकी कोई बेटी होती तो शायद उनको बेटियों का दर्द मालूम होता, जिसको लेकर आज मेडिकल कॉलेज की छात्राएं सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रही है,

बाइट : नेहा (छात्रा)

RAMKUMAR PUNDIR
SAHARANPUR
9410821417
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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