सहारनपुर : ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा दिये जा धरने ने एक नया मोड़ ले लिया है. यहां मांगे पूरी न होने पर धरनारत छात्र-छात्राएं सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं. एमबीबीएस छात्रों का धरना लगातार आठ दिन से निरन्तर चलता आ रहा है, लेकिन पिछले पांच दिनों से अपनी मांगों को लेकर ये सभी भूख हड़ताल पर बैठ गये.
एमबीबीएस छात्र-छात्राओं का छलका दर्द-
- ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं की भूख हड़ताल जारी है.
- भूख हड़ताल पर बैठे मेडिकल की छात्राओं से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मिलने नहीं पहुंचा.
- धरनारत छात्रों का कहना है कि उनका अब सरकार से भरोसा उठ चुका है.
- सरकार अगर उनका दूसरे मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर नहीं कर सकती तो कम से कम उनको इच्छा मृत्यु ही दे दे.
छात्रों ने दी ये जानकारी-
छात्रों ने बताया कि 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोकल मेडिकल कॉलेज को इस शर्त पर मान्यता दी थी कि आने वाले वर्षों में कॉलेज प्रशासन कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर पर समय के साथ काम करेगा. इसके अलावा प्रत्येक वर्ष मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया सलेक्शन के बाद कॉलेज को अगले वर्षों के लिए अनुमति प्रदान करता रहेगा.
सरकार को बेटियों का मतलब ही नहीं पता है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सिर्फ कहना आसान है, लेकिन बेटियों का दर्द समझ पाना उतना ही मुश्किल है. सीएम योगी और पीएम मोदी की कोई बेटी होती तो शायद उनको बेटियों का दर्द मालूम होता. सरकार अगर हमारा ट्रांसफर नहीं कर सकती तो हमें इच्छा मृत्यु दे दे.
-नेहा, छात्रा