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Lockdown Effect: आड़ू किसानों को सता रहा फल सड़ने का डर, मांगी मदद - सहारनपुर समाचार

करोना महामारी के प्रकोप को लेकर देशभर में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के चलते फल किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. किसानों का कहना है कि फल तैयार हैं, लेकिन उनके खरीदार नहीं मिल रहे हैं.

lockdown effect on peach farmers in saharanpur
पेड़ में लगे आड़ू के फल.
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Published : May 7, 2020, 3:42 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: लॉकडाउन के चलते जिले में आड़ू की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. आड़ू को मंडी नहीं मिलने के कारण किसानों की समस्याएं बढ़ गई हैं. उनका कहना है कि मंडी में नहीं जाने से फसल बाग में ही सड़ जाएंगी. इसी के साथ उन्होंने सरकार से भी मदद की मांग की है.

आड़ू किसानों को सता रहा फसल सड़ने का डर.

दरअसल, जनपद में बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है, जिसमें आम, अमरूद, लीची, जामुन और आड़ू भारी मात्रा में उगाए जाते हैं. इस समय रसीले आड़ू की फसल पूरी तरह से तैयार है. लॉकडाउन के चलते बागवान अपनी फसल को बाहर नहीं ले जा पा रहे हैं, जिससे उन्हें फसलों के सड़ने का डर सताने लगा है.

लॉकडाउन-3 की घोषणा होते ही इन बागवानों के चेहरे मुरझा गए हैं. इन लोगों ने यह अंदेशा लगाया था कि तीन मई के बाद यह अपनी फसल बाहर ले जा सकेंगे, जिससे इन्हें इस फसल का उचित मूल्य मिल जाएगा, लेकिन सरकार द्वारा 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद इन लोगों की समस्या बढ़ गई है.

यह लोग अब इस फसल को देवबंद सब्जी मंडी में ही ले जा रहे हैं, जहां पर खरीदार न होने की वजह से इनकी फसल जो 70 से 100 रुपये प्रतिकिलो बिकती थी. अब 10 से 20 रुपये प्रतिकिलो ही बिक रही है. जिस कारण इन्हें भारी नुकसान हो रहा है. इन्होंने सरकार से इस फसल को बाहर ले जाने के लिए छूट देने की मांग की है ताकि इन्हें भारी नुकसान न हो और यह भुखमरी के कगार पर न आएं.

इसे भी पढ़ें-जौनपुर: आंधी-तूफान के बाद गिरी आकाशीय बिजली, धू-धू कर जलने लगा पेड़

सहारनपुर: लॉकडाउन के चलते जिले में आड़ू की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. आड़ू को मंडी नहीं मिलने के कारण किसानों की समस्याएं बढ़ गई हैं. उनका कहना है कि मंडी में नहीं जाने से फसल बाग में ही सड़ जाएंगी. इसी के साथ उन्होंने सरकार से भी मदद की मांग की है.

आड़ू किसानों को सता रहा फसल सड़ने का डर.

दरअसल, जनपद में बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है, जिसमें आम, अमरूद, लीची, जामुन और आड़ू भारी मात्रा में उगाए जाते हैं. इस समय रसीले आड़ू की फसल पूरी तरह से तैयार है. लॉकडाउन के चलते बागवान अपनी फसल को बाहर नहीं ले जा पा रहे हैं, जिससे उन्हें फसलों के सड़ने का डर सताने लगा है.

लॉकडाउन-3 की घोषणा होते ही इन बागवानों के चेहरे मुरझा गए हैं. इन लोगों ने यह अंदेशा लगाया था कि तीन मई के बाद यह अपनी फसल बाहर ले जा सकेंगे, जिससे इन्हें इस फसल का उचित मूल्य मिल जाएगा, लेकिन सरकार द्वारा 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद इन लोगों की समस्या बढ़ गई है.

यह लोग अब इस फसल को देवबंद सब्जी मंडी में ही ले जा रहे हैं, जहां पर खरीदार न होने की वजह से इनकी फसल जो 70 से 100 रुपये प्रतिकिलो बिकती थी. अब 10 से 20 रुपये प्रतिकिलो ही बिक रही है. जिस कारण इन्हें भारी नुकसान हो रहा है. इन्होंने सरकार से इस फसल को बाहर ले जाने के लिए छूट देने की मांग की है ताकि इन्हें भारी नुकसान न हो और यह भुखमरी के कगार पर न आएं.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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