सहारनपुर: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने हिन्दू-मुस्लिम हिंसा, नागरिकता संशोधन कानून और NRC विरोध में फंसे लोगों की मदद करने की घोषणा की है. इसको लेकर बाकायदा जमीयत ने चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. फतवों की नगरी कही जाने वाले देवबंद में जमीयत द्वारा चंदा मांगने का विरोध शुरू हो गया है. वहीं देवबन्दी उलेमाओं ने न सिर्फ इसकी मुखालफत की है, बल्कि चंदा मांगने पर सवाल भी खड़े किए हैं.
उलेमाओं का कहना है कि CAA और NRC के नाम पर मुसलमान चंदा न दें. वहीं इस कानून के हिसाब से अपने आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि दस्तावेज पूरे करा लें, ताकि इस कानून के मुताबिक होने वाली जांच से भविष्य पर कोई प्रभाव न पड़े.
देवबंदी उलेमाओं ने चंदा देने से किया मना
- लोकसभा और राज्यसभा में नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए.
- कई शहरों में पत्थराव, आगजनी और फायरिंग भी हुई, जिसके चलते पुलिस ने हजारों उपद्रवियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज किए.
- जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (मदनी गुट) ने मुकदमो में फंसे लोगों के मुकदमे लड़ने की घोषणा की.
- साथ ही CAA और NRC के नाम पर चंदा इकट्ठा करने की बात कही.
- देवबंदी उलेमाओं ने CAA और NRC के नाम पर चंदा इकट्ठा करने को गलत करार दिया है.
- उलेमा कारी मोहमद अली का कहना है कि CAA और NRC के नाम पर चंदा इकट्ठा करने की क्या जरूरत है.
- मुसलमान भाइयों को चंदा देने के बजाए नागरिकता संशोधन कानून के हिसाब से जरूरी दस्तावेज बनवाने चाहिए.
- NRC लागू होने पर आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड की जरूरत पड़ेगी, जब कि चंदा केवल जमीयत के लोगों के पास ही रहेगा.
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