सहारनपुर: सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे जमीयत उलेमा-ए-हिंद (महमूद मदनी गुट) के आंदोलन में वक्ताओं ने शासन प्रशासन को ललकारा. उन्होंने कहा कि वह जमीयत का इतिहास जानें. वक्ताओं ने दो टूक कहा कि उन्हें गिरफ्तारी और कार्रवाई की धमकी देने वाले उनके खिलाफ कार्रवाई करके दिखाएं.
शनिवार को जोहर की नमाज के बाद देवबन्द के ईदगाह मैदान में जमीयत के कार्यकर्ता गिरफ्तारी देने के लिए धरना दिए. धरने की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष मौलाना जहूर अहमद कासमी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में जमीयत का अहम किरदार है. उन्होंने कहा कि शांति पूर्वक जमीयत के कार्यक्रम पर उकसाने वाले बयान देने वाले शासन-प्रशासन को शायद जमीयत का इतिहास नहीं मालूम है.
हक मांगने वालों को दंगाई कहा गया
मौलाना जहूर ने कहा कि मेरठ, लखनऊ, कानपुर, बिजनौर समेत दूसरे शहरों में शांति पूर्वक प्रदर्शनकारियों को सीएम के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन ने कुचलने का कार्य किया, जो निंदनीय ही नहीं, दहशतगर्दी है. उन्होंने कहा कि आज मुल्क में अपना हक मांगने वालों को दंगाई कहा जा रहा है. हमें जो लूट रहे हैं वह हमें कार्रवाई की धमकियां दे रहे रहे हैं, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
कार्यकर्ताओं ने सीएम पर साधा निशाना
जिला सचिव जहीन मदनी ने कहा कि झारखंड में जनता ने एनआरसी लगाने वालों को प्रदेश की सत्ता से बेदखल कर दिया है. उन्होंने पूछा कि अगर हम अपनी मांगों को धरना और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो हमें दंगाई कहा जाता है. उन्होंने सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल करते हुए पूछा कि वह बताए कि उनकी पार्टी के जिन 200 विधायकों ने अपनी मांगों के लिए विधान सभा में धरना दिया था, क्या वह भी दंगाई हैं.
इस दौरान सीएए और एनआरसी के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने नारेाबाजी की. मौलाना इब्राहिम कासमी, उमैर उस्मानी समेत जमीयत उलेमा-ए-हिंद के स्थानीय ईकाई एवं जिला ईकाई के पदाधिकारी मौजूद रहे.
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