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सहारनपुर: सीएए पर बोले अंतराष्ट्रीय ध्यानगुरु स्वामी दीपांकर महाराज, कहा- देश का माहौल चिंताजनक - saharanpur latest news

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में बिगड़े माहौल पर अंतराष्ट्रीय ध्यान गुरु स्वामी दीपांकर महाराज ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है यह शर्मनाक है.

dipakar maharaj said on caa
dipakar maharaj
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Published : Mar 12, 2020, 10:37 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने के बाद देश भर में बिगड़े माहौल पर अंतराष्ट्रीय ध्यान गुरु स्वामी दीपांकर महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से देश के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. यह बेहद ही शर्मनाक और चिंताजनक है. वहीं उन्होंने पीएफआई को लेकर कहा कि यह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है या पाकिस्तान फ्रंट ऑफ इंडिया.

सीएए पर चिंता व्यक्त करते ध्यानगुरु दीपांकर महाराज.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी ने प्रदेश मुख्यालय पर बुलाई बैठक

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में जिस तरह देश के हालात हैं उससे आश्चर्यचकित और चिंतित हूं. मैं ये सोच रहा हूं कि हाथ में संविधान लेकर देश के निर्माण के बारे में सोचूं या वर्तमान आजाद देश में आजादी मांगने वाले हाथ में संविधान लेने वाले चन्द लोगों की सुनु. इस तरह लोग आने वाली नस्लों को कौन सा देश देकर जाएंगे. चीखता पुकारता रोता या वो जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था.

भारत अब्दुल हमीद से लेकर भगत सिंह और सुभाषचंद्र बोस जैसे हजारों लोगों की कुर्बानी शृंखला है. जो राष्ट्र यज्ञ की आहुति के लिए अपने आप को समर्पित कर गए.

सहारनपुर: नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने के बाद देश भर में बिगड़े माहौल पर अंतराष्ट्रीय ध्यान गुरु स्वामी दीपांकर महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से देश के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. यह बेहद ही शर्मनाक और चिंताजनक है. वहीं उन्होंने पीएफआई को लेकर कहा कि यह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है या पाकिस्तान फ्रंट ऑफ इंडिया.

सीएए पर चिंता व्यक्त करते ध्यानगुरु दीपांकर महाराज.

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उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में जिस तरह देश के हालात हैं उससे आश्चर्यचकित और चिंतित हूं. मैं ये सोच रहा हूं कि हाथ में संविधान लेकर देश के निर्माण के बारे में सोचूं या वर्तमान आजाद देश में आजादी मांगने वाले हाथ में संविधान लेने वाले चन्द लोगों की सुनु. इस तरह लोग आने वाली नस्लों को कौन सा देश देकर जाएंगे. चीखता पुकारता रोता या वो जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था.

भारत अब्दुल हमीद से लेकर भगत सिंह और सुभाषचंद्र बोस जैसे हजारों लोगों की कुर्बानी शृंखला है. जो राष्ट्र यज्ञ की आहुति के लिए अपने आप को समर्पित कर गए.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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