सहारनपुर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में लगातार चली आ रही चर्चाओं पर आज विराम लग गया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं दिल्ली प्रदेश प्रभारी रहे इमरान मसूद ने सपा में जाने की घोषणा कर दी है. यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा बोल दिया है, जिसे कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इमरान मसूद ने अपने आवास पर समर्थकों एवं कार्यकर्ताओ के साथ बड़ी मीटिंग कर समाजवादी पार्टी में जाने की स्थिति साफ कर दी. इमरान मसूद का साफ कहना है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने से रोकने के लिए समाजवादी पार्टी ही एक मात्र विकल्प है. यही वजह है कि उन्होंने तमाम समर्थकों एवं साथियों की सहमति मिलने के बाद यह निर्णय लिया है.
इमरान मसूद कांग्रेस पार्टी में रहते विवादित बयानों के चलते कई बार सुर्खियां बटोर चुके हैं. राहुल और प्रियंका गांधी के चहेते कहे जाने वाले इमरान मसूद अब कांग्रेस छोड़कर साइकिल पर सवार होने का ऐलान कर चुके हैं. इमरान मसूद ने सोमवार को अपने आवास पर समर्थकों एवं साथियों की मीटिंग बुलाई थी. हजारों की संख्या में पहुंचे समर्थकों के साथ बातचीत कर उनकी राय ली और सहमति मिलने पर सपा में जाने का ऐलान कर दिया. इस दौरान सभी समर्थकों ने हाथ उठाकर इमरान मसूद का हौसला बढ़ाया.
इमरान मसूद 11 जनवरी को अपने समर्थकों के साथ लखनऊ में अखिलेश यादव के साथ मुलाकात कर समाजवादी पार्टी ज्वाइन करेंगे. इससे पहले आज उन्होंने सहारनपुर स्थित अपने आवास पर अपने समर्थकों के साथ मीटिंग कर कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान किया. बातचीत के दौरान इमरान मसूद ने कहा कि यूपी में सपा और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है इसलिए समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से वह अखिलेश यादव का समर्थन करेंगे.
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गौरतलब है कि 2007 में वह मुजफ्फराबाद विधानसभा सीट से विधायक बने थे. इमरान मसूद सहारनपुर नगर पालिका के चेयरमैन भी रह चुके हैं. 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर वह सुर्खियों में आए थे.
आचार सहिंता का उल्लंघन
एक ओर जहां निर्वाचन आयोग ने 16 जनवरी तक सभी तरह की चुनावी सभाओं, रैलियों एवं कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई हुई है वहीं इमरान मसूद के आह्वान पर उनके घर में खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ीं. हजारों समर्थक उनके घर पर जुटे. कोरोना गाइड लाइन का यहां मखौल उड़ा.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले, कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा
इस बारे में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुज्जफर अली का कहना है कि इमरान मसूद को कांग्रेस पार्टी ने इतना सम्मान दिया है कि आज तक किसी भी पार्टी ने नही दिया. इमरान मसूद 2012 से एक भी चुनाव नही जीत पाए इसलिए उनके जाने से कांग्रेस को कोई झटका नही लगेगा. जिले में दो विधायक तब भी थे जब इमरान मसूद कांग्रेस में नही थे और आज भी हैं. उनके कांग्रेस छोड़ने से कोई असर नहीं पड़ेगा. इसका कार्यकर्ताओं पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा. जिले में कांग्रेस हमेशा से दूसरे नंबर की पार्टी रही है और आगे भी रहेगी. इमरान मसूद पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उनके साथ जनसमर्थन होता तो वे 2012 से 2017 तक चार चुनाव नही हारते. इमरान मसूद 2012 से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं लेकिन हर बाद उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अखिलेश में वह क्षमताएं नहीं हैं जो मुलायम सिंह यादव में थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की वजह से पार्टी को नई ऊर्जा मिली है.
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