सहारनपुर: गरीब तबके के लोगों समेत सभी लोगों तक खाने पीने के जरूरी सामान पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने होम डिलीवरी का प्लान लागू किया है. इसके लिए खाद्य विभाग भी पूरी तरह तैयारी कर चुका है. सस्ते गल्ले की दुकानों पर समय से पहले ही गेहूं, चावल, नमक, चीनी पहुंचाई जा रही है. जिले में खाद्य सामग्री की किसी तरह की समस्या न आये इसके लिए यूपी सरकार से 4000 मेट्रिक टन राशन मंगवाया जा रहा है.
आपको बता दें कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है. डॉक्टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस की कड़ी को तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंस ही एक मात्र विकल्प है. लॉकडाउन की स्थिति में सरकार खाद्य आपूर्ति के दावे कर रही है. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने सहारनपुर के आरएफसी गोदाम का जायजा लिया. हमने जानने की कोशिश की जनपद में सरकारी सस्ते गल्ले को दुकानों पर गरीबों को मिलने वाला गेहूं चावल पर्याप्त मात्रा में है या नहीं. हमने पाया कि गोदाम में गेहूं के स्टॉक लगे हुए हैं, जबकि 95 फीसदी राशन की दुकानों पर गेहूं चावल भेज दिया गया है. गोदाम में अभी भी प्रचुर मात्रा में गेहूं चावल उपलब्ध है.
खाद्य विभाग के आरएफसी इंचार्ज एडी शर्मा ने कहा कि सहारनपुर में राशन की कोई समस्या नहीं है. हालांकि आटे की कमी पड़ती नजर आ रही है, जिसके लिए सहारनपुर की दो आटा मिलों को आटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. जल्द ही दोनों मिलों से 15 दिन का आटा उपलब्ध हो जाएगा. इसके अलावा किसी अन्य सामान की कमी होने की कोई शिकायत नहीं आ रही है. दाल, चावल, गेहूं, तेल, घी, नमक आदि सामान का एक महीने तक का स्टॉक विभाग के पास है. उन्होंने बताया कि आटे की कमी को पूरा करने के लिए जिले की दोनों आटा मिलों पर 15 दिन के लिए स्टॉक तैयार है और आगे के लिए उन्हें निर्देश दे दिए गए हैं.
ए.डी शर्मा के मुताबिक जनपद में खाद्य विभाग से राशन की आपूर्ति राशन की दुकानों पर इस बार पांच दिन पहले कर दी गई, जो एक तारीख से मिलना शुरू हो जाएगा. इसके अलावा विभागीय अधिकारियों ने 4000 मेट्रिक टन गेहूं, चावल राज्य सरकार से मांग की है, जो अगले एक दो दिन में सहारनपुर पहुंच जाएगा. जिससे बाद उसे खुले बाजार में व्यापारियों में आवंटित कर आटा तैयार किया जाएगा. वहीं राशन की दुकानों पर भीड़ को देखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए विभागीय सतर्कता बरतने जा रहे हैं.