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सहारनपुर : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को मिल रहा लाभ, जानिए कैसे

जनपद सहारनपुर में बरसात से बर्बाद हुई फसलों के लिए 1200 किसानों के लिये 50 लाख रुपये की बीमा राशि उपलब्ध कराई गयी है. किसान बैंकों में पंजीकरण करा अपना प्रीमियम भर कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं.

जानकारी देते उप कृषि निदेशक राकेश बाबू.
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Published : Feb 19, 2019, 4:59 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रहे हैं. वहीं भारत सरकार की प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए सोने पे सुहागा साबित हो रही है. खरीफ के मौसम में बरसात से हुए फसलों के नुकसान पर किसानों को इस योजना से लाभ मिला है.


कृषि अधिकारी राकेश बाबू ने बताया कि इस योजना के तहत किसानों की फसल का बीमा कराया जाता है. इसके लिए किसान बैंकों में पंजीकरण करा अपना प्रीमियम भर कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. जनपद सहारनपुर में बरसात से बर्बाद हुई फसलों के लिए 1200 किसानों को 50 लाख रुपये की बीमा राशि उपलब्ध कराई है.

जानकारी देते उप कृषि निदेशक राकेश बाबू.
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उप कृषि निदेशक राकेश बाबू ने ईटीवी को बताया कि मौसम की बेरुखी के चलते प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है.

  • योजना के मुताबिक किसानों की फसल का साल में दो बार पंजीकरण और बीमा किया जाता है.
  • एक बार खरीफ के मौसम में तो दूसरी बार रबी के मौसम में किया जाता है.
  • रबी के मौसम में किसानों को डेढ़ प्रतिशत और खरीफ फसल के समय दो प्रतिशत का प्रीमियम भरना होता है.
  • इस दौरान किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा जैसे भूस्खलन, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, न्यूनवृष्टि और सूखा आदि पड़ने से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाती है.
  • प्राकृतिक आपदा के चलते कई बार किसानों की फसल के उत्पादन में अंतर आता है. उसकी भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाती है.


इन शर्तो पर मिलेगा लाभ
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी किसान की गेंहू की फसल है और जिले में गेहूं का उत्पादन 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अचानक हुई ओलावृष्टि से आधी फसल नष्ट हो जाती है तो उस 20 क्विंटल गेंहू के नुकसान की भरपाई इस बीमा योजना से पूरी की जाती है.
कैसे करें आवेदन
उन्होंने बताया कि जिले में दो तरह के किसान होते हैं. एक जिन्होंने बैंको से ऋण लिया हुआ है और दूसरे जिन्होंन कभी ऋण नहीं लिया. जो ऋणी किसान होते हैं, वो किसान जिस बैंक से ऋण लिये हुए हैं. उसके माध्यम से पंजीकरण करा कर अपना प्रीमियम जमा करा सकते हैं. जबकि गैर ऋणी किसान सीधे बीमा कंपनी, बैंक में जाकर या फिर कृषि विभाग के तकनीकी सहायक है, उनके माध्यम से फसल बीमा करा सकते हैं. खास बात ये दोनों तरह के किसानों की एक जैसे नियम और शर्ते होती है. फर्क बस इतना होता है जो किसान बैंक से ऋण लिए हैं. उनका प्रीमियम बैंक से कट जाता है और गैर ऋणी किसान को नगद राशि जमा कर अपना प्रीमियम भरना होता है.
जिले में कितने किसानों को मिला फसल बीमा योजना का लाभ
जिले में इस बार खरीफ की फसल में बारिश के कारण करीब 1200 किसानों को 50 लाख रुपये से ज्यादा की क्षतिपूर्ति हुई थी. इस योजना के तहत सभी किसानों को उनके नुकसान के अनुसार इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है. सभी किसानों को उनके नुकसान का चेक भेज दिया गया है. हालांकि फसल के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी से किसानों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलता.

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सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रहे हैं. वहीं भारत सरकार की प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए सोने पे सुहागा साबित हो रही है. खरीफ के मौसम में बरसात से हुए फसलों के नुकसान पर किसानों को इस योजना से लाभ मिला है.


कृषि अधिकारी राकेश बाबू ने बताया कि इस योजना के तहत किसानों की फसल का बीमा कराया जाता है. इसके लिए किसान बैंकों में पंजीकरण करा अपना प्रीमियम भर कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. जनपद सहारनपुर में बरसात से बर्बाद हुई फसलों के लिए 1200 किसानों को 50 लाख रुपये की बीमा राशि उपलब्ध कराई है.

जानकारी देते उप कृषि निदेशक राकेश बाबू.
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उप कृषि निदेशक राकेश बाबू ने ईटीवी को बताया कि मौसम की बेरुखी के चलते प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है.

  • योजना के मुताबिक किसानों की फसल का साल में दो बार पंजीकरण और बीमा किया जाता है.
  • एक बार खरीफ के मौसम में तो दूसरी बार रबी के मौसम में किया जाता है.
  • रबी के मौसम में किसानों को डेढ़ प्रतिशत और खरीफ फसल के समय दो प्रतिशत का प्रीमियम भरना होता है.
  • इस दौरान किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा जैसे भूस्खलन, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, न्यूनवृष्टि और सूखा आदि पड़ने से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाती है.
  • प्राकृतिक आपदा के चलते कई बार किसानों की फसल के उत्पादन में अंतर आता है. उसकी भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाती है.


इन शर्तो पर मिलेगा लाभ
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी किसान की गेंहू की फसल है और जिले में गेहूं का उत्पादन 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अचानक हुई ओलावृष्टि से आधी फसल नष्ट हो जाती है तो उस 20 क्विंटल गेंहू के नुकसान की भरपाई इस बीमा योजना से पूरी की जाती है.
कैसे करें आवेदन
उन्होंने बताया कि जिले में दो तरह के किसान होते हैं. एक जिन्होंने बैंको से ऋण लिया हुआ है और दूसरे जिन्होंन कभी ऋण नहीं लिया. जो ऋणी किसान होते हैं, वो किसान जिस बैंक से ऋण लिये हुए हैं. उसके माध्यम से पंजीकरण करा कर अपना प्रीमियम जमा करा सकते हैं. जबकि गैर ऋणी किसान सीधे बीमा कंपनी, बैंक में जाकर या फिर कृषि विभाग के तकनीकी सहायक है, उनके माध्यम से फसल बीमा करा सकते हैं. खास बात ये दोनों तरह के किसानों की एक जैसे नियम और शर्ते होती है. फर्क बस इतना होता है जो किसान बैंक से ऋण लिए हैं. उनका प्रीमियम बैंक से कट जाता है और गैर ऋणी किसान को नगद राशि जमा कर अपना प्रीमियम भरना होता है.
जिले में कितने किसानों को मिला फसल बीमा योजना का लाभ
जिले में इस बार खरीफ की फसल में बारिश के कारण करीब 1200 किसानों को 50 लाख रुपये से ज्यादा की क्षतिपूर्ति हुई थी. इस योजना के तहत सभी किसानों को उनके नुकसान के अनुसार इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है. सभी किसानों को उनके नुकसान का चेक भेज दिया गया है. हालांकि फसल के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी से किसानों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलता.

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Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रहे है वही भारत सरकार की प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना किसानों के ये सोने पे स्वागा साबित हो रही है। खरीफ के मौसम में बरसात से फसलों के हुए नुकसान का इस योजना का लाभ मिला है। फसल बीमा योजना से न सिर्फ किसानों के नुकसान की भरपाई हो रही है बल्कि किसानों की बिगड़ती आर्थिक स्तिथि में सुधार आ रहा है। कृषि अधिकारी राकेश बाबू ने बताया कि इस योजना के तहत किसानों की फसल का बीमा कराया जाता है। इसके लिए किसान बैंकों में पंजीकरण कर अपना प्रीमियम भर कर इस योजना का लाभ उठा संकते है। जनपद सहारनपुर में बरसात से बर्बाद हुई फसलों का 1200 किसानों को 50 लाख रुपये का बीमा राशि उपलब्ध कराई है। उन्होंने ईटीवी से बातचीत में प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।


Body:VO1 - उप कृषि निदेशक राकेश बाबू ने ईटीवी को बताया कि मौसम की बेरुखी के चलते प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। योजना के मुताबिक किसानों की फसल का साल में दो बार पंजीकरण एवं बीमा किया जाता है। एक बार खरीफ के मौसम में तो दूसरा रबी के मौसम में किया जाता है। रबी के मौसम में किसानों को डेढ़ प्रतिशत और खरीफ फसल के समय 2 प्रतिशत का प्रीमियम भरना होता है। इस दौरान किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा जैसे भूस्खलन , ओलावृष्टि अति वृष्टि, न्यून वृष्टि और सूखा आदि पड़ने से होने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाती है। प्राकृतिक आपदा के चलते कई बार किसानों की फसल के उत्पादन में अंतर आता है उसकी भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाती है। 

किन शर्तो पर मिलेगा लाभ

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी किसान की गेंहू की फसल है और जिले में गेहूं का उत्पादन 40 किवंटल प्रति हेक्टेयर है। अचानक हुई ओलावृष्टि से आधी फसल नष्ट हो जाती है तो उस 20 किवंटल गेंहू के नुकसान की भरपाई इस बीमा योजना से पूरी की जाती है। या फिर सूखा पड़ने पर किसानों की फसल के उत्पादन में भी कमी आ जाती है। 

कैसे करे आवेदन

उन्होंने बताया कि जिले में दो तरह के किसान होते है एक जिन्होंने बैंको से ऋण लिया हुआ है और दूसरा जिसने कभी ऋण नही लिया। जो ऋणी किसान होते है वो किसान जिस बैंक से ऋण लिया हुआ है उसके माध्यम से पंजीकरण करा कर अपना प्रीमियम जमा करा सकते है। जबकि गैर ऋणी किसान सीधे बीमा कंपनी, बैंक में जाकर या फिर कृषि विभाग के तकनीकी सहायक है उनके माध्यम से फसल बीमा करा सकते हैं। खास बात ये दोनों तरह के किसानों की एक जैसे नियम एवं शर्ते होती है। फर्क बस इतना होता है जो किसान बैंक से ऋण लिए है उनका प्रीमियम बैंक से कट जाता है और गैर ऋणी किसान को नगद राशि जमा कर अपना प्रीमियम भरना होता है। 

जिले में कितने किसानों को मिला फसल बीमा योजना का लाभ

जिले में इस बार खरीफ की फसल में बारिश के कारण करीब 1200 किसानों को 50 लाख रुपये से ज्यादा की क्षतिपूर्ति हुई थी। इस योजना के तहत सभी किसानों को उनके नुकसान के अनुसार इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। सभी किसानों को उनके नुकसान का चेक भेज दिया गया है। हालांकि फसल के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी से किसानों कोइस योजना का कोई लाभ नही मिलता। 

बाइट - राकेश बाबू ( उप कृषि निदेशक )




Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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