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सहारनपुर : हेलीपैड बनने की शिकायत पर डीएम ने किया दारुल उलूम का निरीक्षण - सहारनपुर दारुल उलूम

सहारनपुर में विश्वप्रसिद्ध विश्वविख्यात इस्लामिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद में जिलाधिकारी और एसएसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे. जिलाधिकारी को खबर मिली थी कि विशाल पुस्तकालय के ऊपर और परिसर में हेलीपैड भी बनाये जा रहे.

हेलीपैड की शिकायत पर डीएम ने किया दारुल उलूम का निरीक्षण
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Published : Aug 4, 2019, 7:58 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : फतवों की नगरी एवं विश्वविख्यात इस्लामिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जिलाधिकारी और एसएसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ यहां पहुंचे. उन्होंने बिना अनुमति के दारुल उलूम परिसर में बन रहे सात मंजिला पुस्तकालय का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने मदरसा प्रबंधन से मिलकर न सिर्फ संबधित दस्तावेज चेक किए बल्कि खामियां मिलने पर कार्रवाई की बात कही है.

हेलीपैड की शिकायत पर डीएम ने किया दारुल उलूम का निरीक्षण
दारुल उलूम देवबंद-
दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में हुई थी. तब से लेकर आज तक दारुल उलूम परिसर में लगातार बड़े और 6-7 मंजिला भवनों का निर्माण होता आ रहा है. इन दिनों दारुल उलूम परिसर में सात मंजिला भव्य पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया है. बताया गया था कि विशाल पुस्तकालय के ऊपर और परिसर में आसपास हेलीपैड भी बनाये जा रहे हैं. जिसके चलते दारुल उलूम देवबंद के कुलपति/ मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी को एडीएम देवबंद ने 26 जून को पत्र जारी कर लाइब्रेरी निर्माण कार्य से संबंधित अनुमति पत्र एवं सुरक्षा की दृष्टि से अनापत्ति प्रमाण पत्र तलब किए थे. लेकिन कुलपति दारुल उलूम ने 4 जुलाई को पत्र प्रेषित कर मात्र यह बताया कि लाइब्रेरी के ऊपर और परिसर में कोई हेलीपैड का निर्माण नहीं हो रहा है.
दारुल उलूम की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाने पर शनिवार को डीएम आलोक कुमार पांडे, एसएसपी दिनेश कुमार पी, एडीएम देवबंद, पीडब्लूडी अधिकारी समेत भारी पुलिस बल के साथ दारुल उलूम पहुंचे.सभी अधिकारी 7 मंजिला पुस्तकालय समेत तमाम ऊंची इमारतें देखकर हैरान रह गए. जिलाधिकारी ने मदरसा प्रबंधन से पूछताछ करते हुए जरूरी दस्तावेज तलब किये. यहां निरीक्षण के दौरान हेलीपैड का निर्माण तो नहीं मिला, लेकिन बिना अनुमति और मानकों को ताक पर रख कर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही हैं.इस बाबत जब उपकुलपति अब्दुल ख़ालिक़ मद्रासी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि दारुल उलूम परिसर हमारी अपनी जगह है. हमे सिर्फ इतना पता था कि अपनी जगह पर हम कुछ भी निर्माण कर सकते है. लेकिन अब जिलाधिकारी आये तो सरकारी कागजों की पूर्ति की जाएगी.

शिकायत मिली थी दारुल उलूम देवबंद में बिना अनुमति के यहां विशालकाय भवनों का निर्माण किया जा रहा है. बिल्डिंग इतनी बड़ी है कि यहां हेलीपैड का भी निर्माण किया जा रहा है. शिकायत मिलने के बाद एडीएम के माध्यम से नोटिस भेजा था. लेकिन दारुल उलूम प्रबंधन ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जिसके चलते आज भारी फोर्स के साथ निरीक्षण करना पड़ा. यहां बनाए गए होस्टल, गेस्टहाउस, मदरसे के बड़े भवनों का निरीक्षण किया गया है. इस दौरान दारुल उलूम प्रबंधन से बातचीत की गई तो उन्होंने सभी मानकों को पूरा करने का आश्वासन दिया है जबकि जांच लगातार चलती रहेगी. सबन्धित विभागों को जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए. बिल्डिंग इतनी बड़ी है कि हाइवे के फ्लाईओवर से भी दिखाई दे रही है. सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है.

-आलोक कुमार पांडे, जिलाधिकारी

सहारनपुर : फतवों की नगरी एवं विश्वविख्यात इस्लामिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जिलाधिकारी और एसएसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ यहां पहुंचे. उन्होंने बिना अनुमति के दारुल उलूम परिसर में बन रहे सात मंजिला पुस्तकालय का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने मदरसा प्रबंधन से मिलकर न सिर्फ संबधित दस्तावेज चेक किए बल्कि खामियां मिलने पर कार्रवाई की बात कही है.

हेलीपैड की शिकायत पर डीएम ने किया दारुल उलूम का निरीक्षण
दारुल उलूम देवबंद-
दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में हुई थी. तब से लेकर आज तक दारुल उलूम परिसर में लगातार बड़े और 6-7 मंजिला भवनों का निर्माण होता आ रहा है. इन दिनों दारुल उलूम परिसर में सात मंजिला भव्य पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया है. बताया गया था कि विशाल पुस्तकालय के ऊपर और परिसर में आसपास हेलीपैड भी बनाये जा रहे हैं. जिसके चलते दारुल उलूम देवबंद के कुलपति/ मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी को एडीएम देवबंद ने 26 जून को पत्र जारी कर लाइब्रेरी निर्माण कार्य से संबंधित अनुमति पत्र एवं सुरक्षा की दृष्टि से अनापत्ति प्रमाण पत्र तलब किए थे. लेकिन कुलपति दारुल उलूम ने 4 जुलाई को पत्र प्रेषित कर मात्र यह बताया कि लाइब्रेरी के ऊपर और परिसर में कोई हेलीपैड का निर्माण नहीं हो रहा है.
दारुल उलूम की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाने पर शनिवार को डीएम आलोक कुमार पांडे, एसएसपी दिनेश कुमार पी, एडीएम देवबंद, पीडब्लूडी अधिकारी समेत भारी पुलिस बल के साथ दारुल उलूम पहुंचे.सभी अधिकारी 7 मंजिला पुस्तकालय समेत तमाम ऊंची इमारतें देखकर हैरान रह गए. जिलाधिकारी ने मदरसा प्रबंधन से पूछताछ करते हुए जरूरी दस्तावेज तलब किये. यहां निरीक्षण के दौरान हेलीपैड का निर्माण तो नहीं मिला, लेकिन बिना अनुमति और मानकों को ताक पर रख कर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही हैं.इस बाबत जब उपकुलपति अब्दुल ख़ालिक़ मद्रासी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि दारुल उलूम परिसर हमारी अपनी जगह है. हमे सिर्फ इतना पता था कि अपनी जगह पर हम कुछ भी निर्माण कर सकते है. लेकिन अब जिलाधिकारी आये तो सरकारी कागजों की पूर्ति की जाएगी.

शिकायत मिली थी दारुल उलूम देवबंद में बिना अनुमति के यहां विशालकाय भवनों का निर्माण किया जा रहा है. बिल्डिंग इतनी बड़ी है कि यहां हेलीपैड का भी निर्माण किया जा रहा है. शिकायत मिलने के बाद एडीएम के माध्यम से नोटिस भेजा था. लेकिन दारुल उलूम प्रबंधन ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जिसके चलते आज भारी फोर्स के साथ निरीक्षण करना पड़ा. यहां बनाए गए होस्टल, गेस्टहाउस, मदरसे के बड़े भवनों का निरीक्षण किया गया है. इस दौरान दारुल उलूम प्रबंधन से बातचीत की गई तो उन्होंने सभी मानकों को पूरा करने का आश्वासन दिया है जबकि जांच लगातार चलती रहेगी. सबन्धित विभागों को जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए. बिल्डिंग इतनी बड़ी है कि हाइवे के फ्लाईओवर से भी दिखाई दे रही है. सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है.

-आलोक कुमार पांडे, जिलाधिकारी

Intro:सहारनपुर : फतवों की नगरी एवं विश्वविख्यात इस्लामिक संस्थान दारलूम देवबंद में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जिलाधिकारी और एसएसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ दारुल उलूम पहुंचे। जहां उन्होंने बिना अनुमति के दारुल उलूम परिसर में बन रहे सात मंजिला पुस्तकालय का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने मदरसा प्रबंधन से मिलकर न सिर्फ संबधित दस्तावेज चेक किये बल्कि खामियां मिलने पर कार्यवाई की बात कही है। जिलाधिकारी ने बताया कि एसडीएम द्वारा शिकायत की गई थी कि दारुल उलूम देवबंद में पुस्तकालय के साथ हेलीपैड भी बनाये जा रहे है।हेलीपैड बनाने की जिला प्रशासन और संबधित विभागों से न तो एनओसी ली गई है और ना कोई मानक पूरे किए गए है। निरीक्षण में बिना अनुमति के सात मंजिला इमारत तो बनाई जा रही हैं लेकिन कहीं भी हेलीपैड बनता नही मिला। मदरसा प्रबंधक को बड़ी इमारत के लिए नोटिस भेजा जा रहा है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि फतवो की नगरी दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में हुई थी। तब से लेकर आज तक दारुल उलूम परिसर में लगातार बड़े और 6-7 मंजिला भवनों का निर्माण होता आ रहा है। इन दिनों दारुल उलूम परिसर में सात मंजिला भव्य पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया है। खास बात यह है कि गोल आकृति में बनाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि एसडीएम और अवर अभियंता विनियमित द्वारा शिकायत की गई थी कि दारुल उलूम परिसर में एक वृहद 7 मंजिला पुस्तकालय का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही यह बताया गया था कि कि विशाल पुस्तकालय के ऊपर और परिसर में आसपास हेलीपैड भी बनाये जा रहे है। जिसके चलते दारुल उलूम देवबंद के कुलपति/ मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी को एडीएम देवबंद ने 26 जून को पत्र जारी कर लाइब्रेरी निर्माण कार्य से संबंधित अनुमति पत्र एवं सुरक्षा की दृष्टि से अनापत्ति प्रमाण पत्र तलब किए थे। लेकिन कुलपति दारुल उलूम ने 4 जुलाई को पत्र प्रेषित कर मात्र यह बताया कि लाइब्रेरी के ऊपर और परिसर में है कोई हेलीपैड का निर्माण नहीं हो रहा है। दारुल उलूम की ओर से संतोषजनक जवाब नही मिल पाने पर शनिवार को डीएम आलोक कुमार पांडे, एसएसपी दिनेश कुमार पी, एडीएम देवबंद, पीडब्लूडी अधिकारी समेत भारी पुलिस बल के साथ दारुल उलूम पहुंचे जहां सभी अधिकारी 7 मंजिला पुस्तकालय समेत तमाम ऊंची इमारतें देखकर हैरान रह गए। जिलाधिकारी ने मदरसा प्रबंधन से पूछताछ करते हुए जरूरी दस्तावेज तलब किये। यहां निरीक्षण के दौरान हेलीपैड का निर्माण तो नही मिला लेकिन बिना अनुमति और मानकों को ताक पर रख कर बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही है। इस बाबत जब हमने उपकुलपति अब्दुल ख़ालिक़ मद्रासी से बात की तो उनका जवाब भी चोकाने वाला मिला। उन्होंने बताया कि दारुल उलूम प्रबंधन को यह जानकारी नही है कि ऊंची ओर बड़े भवन बनाने के लिए विभागों की अनुमति भी लेनी होती है। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम परिसर हमारी अपनी जगह है। हमे सिर्फ इतना पता था कि अपनी जगह पर हम कुछ भी निर्माण कर सकते है। लेकिन अब जिलाधिकारी आये तो सरकारी कागजो की पूर्ति की जाएगी। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि शिकायत मिली थी। दारुल उलूम देवबंद में बिना अनुमति के यहां विशालकाय भवनों का निर्माण किया जा रहा है। बिल्डिंग इतनी बड़ी है कि यहां हेलीपैड का भी निर्माण किया जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद एडीएम के माध्यम से नोटिस भेजा था। लेकिन दारुल उलूम प्रबंधन ने संतोषजनक जवाब नही दिया। जिसके चलते आज भारी फोर्स के साथ निरीक्षण करना पड़ा। यहां बनाए गए होस्टल, गेस्टहाउस, मदरसे के बड़े भवनों का निरीक्षण किया गया है। इस दौरान दारुल उलूम प्रबंधन से बातचीत की गई तो उन्होंने सभी मानकों को पूरा करने का आश्वासन दिया है जबकि जांच लगातार चलती रहेगी। सबन्धित विभागों को जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए। बिल्डिंग इतनी बड़ी है कि हाइवे के फ्लाईओवर से भी दिखाई दे रही है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।

बाईट - अब्दुल ख़ालिक़ मद्रासी ( उपकुलपति दारुल उलूम देवबंद )
बाईट - आलोक कुमार पांडे ( जिलाधिकारी )


Conclusion:FVO - बताया जा रहा है दारुल उलूम देवबंद में डेढ़ सौ सालों से लगातार अवैध निर्माण किया जा रहा है। नियमो को ताक पर रख कर जहां सरकारी आदेशो की धज्जियां उड़ाई जा रही है वही राजस्व को करोड़ो रूपये का चुना लगाया जा रहा है। खास बात ये दारुल उलूम के इतिहास ने ऐसा पहली बार हो रहा है जब जिला प्रशासन ने दारुल उलूम का निरीक्षण कर भवनों के निर्माण संबधी दस्तावेज मांगे गए है।


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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