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सहारनपुर: असम में मदरसों को स्कूल बनाने पर बिफरे उलेमा, इस्लाम के खिलाफ बताया साजिश

असम सरकार ने नवंबर माह से सरकारी मदरसों को बंद करने और इसकी जगह पर स्कूल बनाने का फैसला लिया है. इस पर सहारनपुर में देवबंदी उलेमाओं ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने इसे इस्लाम के खिलाफ साजिश करार दिया.

maulana lutfur rahman sadiq kasami
देवबंदी उलेमा एवं धर्म गुरु मौलाना लुत्फुर्रहमान सादिक कासमी.
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Published : Oct 15, 2020, 4:37 PM IST

सहारनपुर: असम के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने न सिर्फ सरकारी मदरसों को बंद करने की बात कही है, बल्कि मदरसों को सरकारी स्कूल में तब्दील करने पर भी मुहर लगा दी है. इतना ही नहीं, मदरसा अध्यापकों को सरकारी नौकरी देने का भी दावा किया है. सभी मदरसों के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. देवबंदी उलेमाओं ने असम सरकार के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है.

उलेमा ने जताई नाराजगी.

उलेमाओं ने मदरसों को सरकारी स्कूल में तब्दील किए जाने को इस्लाम के लिए साजिश करार दिया है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार कभी लव जिहाद के नाम पर तो कभी मदरसों के नाम पर काम कर रही है. जबकि सरकार को विकास के लिए काम करना चाहिए. देश इस समय भुखमरी की ओर जा रहा है. इस पर किसी को कोई ध्यान नहीं है

नवंबर माह में बन्द हो जाएंगे आसाम के सरकारी मदरसे
असम सरकार ने सभी सरकारी मदरसों को नवंबर माह से बंद करने का फैसला लिया है. असम के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी मदरसों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. सरकार का मत है कि जनता के पैसे से धार्मिक शिक्षा देने का कोई प्रावधान नहीं है. असम में करीब 600 मदरसे सरकारी अनुदान पर चल रहे हैं, जिनको नवंबर महीने में पूरी तरह बंद कर सरकारी स्कूल बना दिए जाएंगे. मदरसों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी.

असम सरकार के इस फैसले पर उलेमाओं ने एतराज जताया है. उन्होंने सरकार को न सिर्फ इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. बल्कि यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार इस्लाम के खिलाफ बड़ी साजिश रच रही है.

लोगों को भटकाने की कोशिश कर रही सरकार
देवबंदी उलेमा एवं धर्म गुरु मौलाना लुत्फुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा कि यह सरकार जो है, इस तरह के मुद्दों पर काम कर लोगों को भटकाने की कोशिश कर रही है. ताकि जनता सरकार से किसी मुद्दे को लेकर कोई काम का सवाल न कर सके और विकास के बारे में न पूछ सके. लिहाजा इन दिनों भारत देश बहुत बुरी हालत में हैं. देश की ज्यादातर जनता भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है. सरकार का कोई नुमाइंदा उस पर बात करने के लिए तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर: एसडीएम ने जूस पिलाकर समाप्त कराई भूख हड़ताल

मौलाना लुत्फुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा कि सरकार केवल मदरसों को बंद करके सरकारी स्कूल में कन्वर्ट करने और लव जिहाद जैसे मुद्दे उठाकर लोगों को उलझाने में जुटी है. इस तरह की बात करके यह सरकार इस्लाम के खिलाफ एक साजिश कर रही है. यह बिल्कुल मुसलमान विरोधी है. यह मुसलमानों के खिलाफ साजिश का हिस्सा है.

सहारनपुर: असम के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने न सिर्फ सरकारी मदरसों को बंद करने की बात कही है, बल्कि मदरसों को सरकारी स्कूल में तब्दील करने पर भी मुहर लगा दी है. इतना ही नहीं, मदरसा अध्यापकों को सरकारी नौकरी देने का भी दावा किया है. सभी मदरसों के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. देवबंदी उलेमाओं ने असम सरकार के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है.

उलेमा ने जताई नाराजगी.

उलेमाओं ने मदरसों को सरकारी स्कूल में तब्दील किए जाने को इस्लाम के लिए साजिश करार दिया है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार कभी लव जिहाद के नाम पर तो कभी मदरसों के नाम पर काम कर रही है. जबकि सरकार को विकास के लिए काम करना चाहिए. देश इस समय भुखमरी की ओर जा रहा है. इस पर किसी को कोई ध्यान नहीं है

नवंबर माह में बन्द हो जाएंगे आसाम के सरकारी मदरसे
असम सरकार ने सभी सरकारी मदरसों को नवंबर माह से बंद करने का फैसला लिया है. असम के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी मदरसों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. सरकार का मत है कि जनता के पैसे से धार्मिक शिक्षा देने का कोई प्रावधान नहीं है. असम में करीब 600 मदरसे सरकारी अनुदान पर चल रहे हैं, जिनको नवंबर महीने में पूरी तरह बंद कर सरकारी स्कूल बना दिए जाएंगे. मदरसों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी.

असम सरकार के इस फैसले पर उलेमाओं ने एतराज जताया है. उन्होंने सरकार को न सिर्फ इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. बल्कि यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार इस्लाम के खिलाफ बड़ी साजिश रच रही है.

लोगों को भटकाने की कोशिश कर रही सरकार
देवबंदी उलेमा एवं धर्म गुरु मौलाना लुत्फुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा कि यह सरकार जो है, इस तरह के मुद्दों पर काम कर लोगों को भटकाने की कोशिश कर रही है. ताकि जनता सरकार से किसी मुद्दे को लेकर कोई काम का सवाल न कर सके और विकास के बारे में न पूछ सके. लिहाजा इन दिनों भारत देश बहुत बुरी हालत में हैं. देश की ज्यादातर जनता भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है. सरकार का कोई नुमाइंदा उस पर बात करने के लिए तैयार नहीं है.

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मौलाना लुत्फुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा कि सरकार केवल मदरसों को बंद करके सरकारी स्कूल में कन्वर्ट करने और लव जिहाद जैसे मुद्दे उठाकर लोगों को उलझाने में जुटी है. इस तरह की बात करके यह सरकार इस्लाम के खिलाफ एक साजिश कर रही है. यह बिल्कुल मुसलमान विरोधी है. यह मुसलमानों के खिलाफ साजिश का हिस्सा है.

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