सहारनपुर: अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आने के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बैठक की. इस बैठक के बाद दोबारा अपील करने का फैसला लिया गया है. पर्सनल लॉ बोर्ड के इस फैसले का देवबंदी उलेमाओं ने भी समर्थन किया है. उलेमाओं का कहना है कि फैसले के बाद 5 एकड़ जमीन दी जा रही है और उसे कोई मुसलमान कबूल नहीं कर रहा है.
उलेमा मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या विवाद पर जो फैसला आया है उस पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई है. बैठक में मुख्य रूप से दो अहम फैसले लिए लिए गए. इनमें से एक फैसला तो यह है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में दोबारा अपील करेगा. यानि अयोध्या मसले पर कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ेगी.
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दूसरी बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जो पांच एकड़ जमीन देने की बात कही है, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उस जमीन को कबूल नहीं करेगा. क्योंकि बाबरी मस्जिद की जगह की एवज में पैसे लेना, जमीन लेना या कोई और चीज लेना शरीयत के एतबार से जायज नहीं है. इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उस जमीन को कबूल करने से माजरत करता है. यह दोनों फैसले बड़े अहम लिए गए हैं. बोर्ड ने साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी और दी गई जमीन कबूल नहीं की जाएगी.