सहारनपुर: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में अदालत के आदेश पर तीन दिन से चल रही जांच पूरी हो गई. दावा है कि जांच के दौरान खुदाई में 12 फीट का शिवलिंग और नंदी मिला है. इतना ही नहीं इस दौरान मस्जिद के अंदर से कई काफी महत्वपूर्ण साक्ष्य भी मिले हैं, जिन्हें मंगलवार को कोर्ट में दाखिल किया जाएगा. वहीं, अब इस मामले में देवबंदी उलेमाओं की प्रतिक्रिया सामने आई है. उनका कहना है कि ज्ञानव्यापी मस्जिद की खुदाई में मिले सबूतों को लेकर कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं और इससे हिन्दू मुस्लिम भाईचारा प्रभावित होता है.
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि इस मसले पर कुछ भी कहना सही नहीं है, क्योंकि यह मसला कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट ने ज्ञानव्यापी मस्जिद का सर्वे कराया है. सविधान के मुताबिक जिस तरीके से कुछ लोगों ने ताजमहल को लेकर याचिका दायर की थी. कोर्ट ने सेकुलर मुल्क को ध्यान में रखते हुए उन लोगों को फटकार लगाई है. वहीं, कोर्ट के आदेश पर इस मस्जिद का भी सर्वे किया गया है. अभी तक कोर्ट की ओर से कोई बात सामने नही आई है. जब तक कोर्ट की तरफ से कोई बात स्पष्ट नहीं होती तब तक कुछ भी कहना सही नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक किसी तरह का कोई भ्रम ना फैलाए ताकि मुल्क में अमन और शांति बनी रहे.
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वहीं, ज्ञानवापी मंदिर/मस्जिद मामले में बजरंग दल के प्रांतीय अध्यक्ष विकास त्यागी ने बताया कि ज्ञानवापी मंदिर में शिवलिंग, नंदी बैल और शेषनाग मिल गए हैं. हाईकोर्ट ने जांच कराई और उनका यह फैसला स्वागत योग्य है. इसके साथ ही विकास त्यागी ने उस स्थान को हिंदू समुदाय को सौंपने की मांग भी उठाई है.
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