सहारनपुर: सावन की शिवरात्रि से 2 दिन पहले तक मुख्य मार्गो पर पदयात्रा कर रहे कांवड़ियों का कब्जा रहता है. लेकिन सावन की शिवरात्रि से ठीक पहले इस कांवड़ मार्ग पर सुपर फास्ट और डाक कांवड़ियों का कब्जा हो जाता है. बाइक और गाड़ियों के साथ डाक कांवड़ को निर्धारित समय पर पहुंचाने के लिए भागम भाग रहती है. हाथों में गंगा जल लेकर कांवड़िये बिना रुके एक दूसरे को जल पात्र देते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ते जाते हैं.
युवाओं में बढ़ रहा डाक कांवड़ का क्रेज
- युवा वर्ग डाक कावड़ द्वारा कम से कम समय में कांवड़ लाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करके धर्मलाभ उठाते हैं.
- इसके लिए एक ग्रुप में 25 से 30 युवा दौड़ लगाकर गंगा जल के पात्र को बिना रुके अपने अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं.
- दौड़ते हुए सुपर फास्ट और डाक कांवड़ को तय समय में निर्धारित शिवालय तक पहुंचाना होता है.
- हरियाणा के युवा अपनी डाक कावड़ को लेकर 16 से 25 घंटे तक के समय में पहुंचते हैं.
- डाक कांवड़ पहुंचने में दिल्ली के कांवड़ियों को 25 से 30 घंटे का समय लगता है.
- 40 से 60 घंटे का सबसे ज्यादा समय राजस्थान के डाक कांवड़ियों को लगता है.
- इसके लिए बकायदा कारों और गाड़ियों पर लगे बैनर पोस्टर पर भी समय और जगह लिखी जाती है.
- किस टीम को कितने घंटे में और किस शिवालय में पहुंचना है, यह सब विस्तार से लिखकर कांवड़िये बिना रुके अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं.