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सहारनपुर: जानिए शिवालय तक युवा कैसे लाते हैं डाक कांवड़

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में युवा वर्ग डाक कांवड़ द्वारा कम से कम समय में कांवड़ ले आकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करके धर्मलाभ उठाते हैं. इसके लिए एक ग्रुप में कम से कम 25 से 30 युवा दौड़ लगाकर गंगा जल के पात्र को बिना रुके अपने अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं.

शिवालय तक युवा कैसे लाते हैं डाक कांवड़.
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Published : Jul 30, 2019, 8:19 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: सावन की शिवरात्रि से 2 दिन पहले तक मुख्य मार्गो पर पदयात्रा कर रहे कांवड़ियों का कब्जा रहता है. लेकिन सावन की शिवरात्रि से ठीक पहले इस कांवड़ मार्ग पर सुपर फास्ट और डाक कांवड़ियों का कब्जा हो जाता है. बाइक और गाड़ियों के साथ डाक कांवड़ को निर्धारित समय पर पहुंचाने के लिए भागम भाग रहती है. हाथों में गंगा जल लेकर कांवड़िये बिना रुके एक दूसरे को जल पात्र देते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ते जाते हैं.

शिवालय तक युवा कैसे लाते हैं डाक कांवड़.

युवाओं में बढ़ रहा डाक कांवड़ का क्रेज

  • युवा वर्ग डाक कावड़ द्वारा कम से कम समय में कांवड़ लाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करके धर्मलाभ उठाते हैं.
  • इसके लिए एक ग्रुप में 25 से 30 युवा दौड़ लगाकर गंगा जल के पात्र को बिना रुके अपने अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं.
  • दौड़ते हुए सुपर फास्ट और डाक कांवड़ को तय समय में निर्धारित शिवालय तक पहुंचाना होता है.
  • हरियाणा के युवा अपनी डाक कावड़ को लेकर 16 से 25 घंटे तक के समय में पहुंचते हैं.
  • डाक कांवड़ पहुंचने में दिल्ली के कांवड़ियों को 25 से 30 घंटे का समय लगता है.
  • 40 से 60 घंटे का सबसे ज्यादा समय राजस्थान के डाक कांवड़ियों को लगता है.
  • इसके लिए बकायदा कारों और गाड़ियों पर लगे बैनर पोस्टर पर भी समय और जगह लिखी जाती है.
  • किस टीम को कितने घंटे में और किस शिवालय में पहुंचना है, यह सब विस्तार से लिखकर कांवड़िये बिना रुके अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं.

सहारनपुर: सावन की शिवरात्रि से 2 दिन पहले तक मुख्य मार्गो पर पदयात्रा कर रहे कांवड़ियों का कब्जा रहता है. लेकिन सावन की शिवरात्रि से ठीक पहले इस कांवड़ मार्ग पर सुपर फास्ट और डाक कांवड़ियों का कब्जा हो जाता है. बाइक और गाड़ियों के साथ डाक कांवड़ को निर्धारित समय पर पहुंचाने के लिए भागम भाग रहती है. हाथों में गंगा जल लेकर कांवड़िये बिना रुके एक दूसरे को जल पात्र देते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ते जाते हैं.

शिवालय तक युवा कैसे लाते हैं डाक कांवड़.

युवाओं में बढ़ रहा डाक कांवड़ का क्रेज

  • युवा वर्ग डाक कावड़ द्वारा कम से कम समय में कांवड़ लाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करके धर्मलाभ उठाते हैं.
  • इसके लिए एक ग्रुप में 25 से 30 युवा दौड़ लगाकर गंगा जल के पात्र को बिना रुके अपने अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं.
  • दौड़ते हुए सुपर फास्ट और डाक कांवड़ को तय समय में निर्धारित शिवालय तक पहुंचाना होता है.
  • हरियाणा के युवा अपनी डाक कावड़ को लेकर 16 से 25 घंटे तक के समय में पहुंचते हैं.
  • डाक कांवड़ पहुंचने में दिल्ली के कांवड़ियों को 25 से 30 घंटे का समय लगता है.
  • 40 से 60 घंटे का सबसे ज्यादा समय राजस्थान के डाक कांवड़ियों को लगता है.
  • इसके लिए बकायदा कारों और गाड़ियों पर लगे बैनर पोस्टर पर भी समय और जगह लिखी जाती है.
  • किस टीम को कितने घंटे में और किस शिवालय में पहुंचना है, यह सब विस्तार से लिखकर कांवड़िये बिना रुके अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं.
Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां देशभर के शिवभक्त अमरनाथ, केदारनाथ, बद्रीनाथ और नीलकंठ महादेव के दर्शन करने पहुंचते हैं वहीं हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लाकर अपने आराध्य का जलाभिषेक कर धन लाभ उठाते हैं। महाशिवरात्रि से 2 दिन पहले तक मुख्य मार्गो पर पदयात्रा कर रहे कांवरियों का कब्जा रहता है शिव भजनों की धुन पर लाखों करोड़ों भगवा वस्त्रों में कांधे पर कांवर लेकर अपने गंतव्य को जाते हैं लेकिन महाशिवरात्रि ठीक पहले इस कांवड़ मार्ग पर सुपर फास्ट और डाक कांवड़ियों का कब्जा हो जाता है। बाइक और गाड़ियों के साथ डाक कावड़ निर्धारित समय पर पहुंचने के लिए भागम भाग रहती है। डाक कावड़िये बाइकों के साइनेंसर निकालकर तेज आवाज के साथ बिना रुके आगे बढ़ रहे हैं। हाथों में गंगा जल लेकर कावड़िये बिना रुके एक दूसरे को जल पात्र देते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ते जा रहे है। कांवड़ मार्ग पर शिव भजन और भाग भोले भाग की आवाज सुनाई पड़ती है। डाक कावड़ की खास बात यह है कि कावड़िए मैराथन दौड़ की तरह दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा पंजाब, हिमाचल प्रदेश तक 12 से 60 घंटे के निर्धारित समय में अपने शिवालय पहुंचते हैं।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि शिवभक्त अपने अपने तरीके से भगवान आशुतोष को जल जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से जल भर कर ला रहे हैं जहां लोग हरिद्वार से सैकड़ों किलोमीटर पदयात्रा कर नाथों के नाथ भोलेनाथ को मनाते हैं। जबकि युवाओं में डाक कावड़ का क्रेज बढ़ता जा रहा है। युवा वर्ग पढ़ाई लिखाई और रोजगार के चलते कम से कम समय में कावड़ लाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक कर धर्मलाभ उठाते है। इसके लिए एक ग्रुप में 25 से 30 युवा मैराथन दौड़ लगाकर गंगा जल के पात्र बिना रुके अपने अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं। दौड़ते हुए सुपर फास्ट और डाक कावड़ को तय समय में निर्धारित शिवालय तक पहुंचाना होता है। हरियाणा के युवा अपनी डाक कावड़ को लेकर 16 से 25 घंटे तक के समय में तय करते हैं तो दिल्ली के का कावड़िये 25 से 30 घंटे में डाक कावड़ का समय देते है। पहुंच इतना ही नहीं सबसे दूरी की डाक कावड़ राजस्थान के लिए रवाना होती हैं जो 40 से 60 घंटे का समय तय करके दौड़ लगाते हैं। इसके लिए बकायदा कारों और गाड़ियों पर लगे बैनर पोस्टर पर भी समय और मंजिल का वर्णन लिखा जाता है। किस टीम को कितने घंटे में और किस शिवालय में पहुंचना है यह सब विस्तार से लिखकर कावड़िये बिना रुके अपने गंतव्य की ओर बढ़ते जाते हैं।


बाईट - हरियाणा से डाक कावड़िया


Conclusion:FVO - सुपर फास्ट डाक कावड़ में बाइकों के साइनेंसर भी निकाल दिए जाते हैं। इतना ही नहीं एक बाइक पर 3-3 कावड़िया जान जोखिम में डालकर सफर करते रहते हैं। कई बार कम समय और अधिक दूरी का अंतर कम करने में शिवभक्त जान की बाज़ी तक लगा देते हैं।

रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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