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सहारनपुर: मनकेश्वर महादेव मंदिर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जलाभिषेक कर मांगी कामना

यूपी के सहारनपुर के ग्राम मानकी स्थित मनकेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा.

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Published : Feb 21, 2020, 3:34 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

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श्रद्धालुओं की भारी भीड़.

सहारनपुरः महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देवबंद के मनकेश्वर महादेव मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. दोपहर तक करीब 60000 श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया. बताया जाता है कि यह मंदिर सिद्ध पीठ प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस मंदिर पर आसपास के इलाकों से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.

मनकेश्वर महादेव मंदिर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़.

देवबंद के ग्राम मानकी स्थित मनकेश्वर महादेव मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही. मंदिर के महंत ने बताया की दोपहर तक तकरीबन 60000 श्रद्धालुओं ने भोले बाबा को जलाभिषेक किया. महंत ने बताया कि यह मंदिर अपनी अलग पहचान रखता है. कई सौ वर्ष पूर्व जब एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था. तो उसका हल बीच जमीन में धंस गया और उस जगह से खून की धार बह चली.

इसी भी पढ़ें- काशी के इस शिवालय का है विशेष महत्व, क्योंकि यहां तिल बराबर बढ़ते हैं भोलेनाथ

जब किसान ने देखा तो वहां पर एक शिवलिंग था. उसने आसपास के हिंदू भाइयों को बुलाया और यहां पर मंदिर बनाने के लिए कहा. साथ ही अपनी जमीन मंदिर को दान कर दी. तभी से आसपास के लोगों इस मंदिर में दर्शन करने आने लगे. इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु 40 दिन तक इस मंदिर की सेवा कर लेता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.

सहारनपुरः महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देवबंद के मनकेश्वर महादेव मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. दोपहर तक करीब 60000 श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया. बताया जाता है कि यह मंदिर सिद्ध पीठ प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस मंदिर पर आसपास के इलाकों से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.

मनकेश्वर महादेव मंदिर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़.

देवबंद के ग्राम मानकी स्थित मनकेश्वर महादेव मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही. मंदिर के महंत ने बताया की दोपहर तक तकरीबन 60000 श्रद्धालुओं ने भोले बाबा को जलाभिषेक किया. महंत ने बताया कि यह मंदिर अपनी अलग पहचान रखता है. कई सौ वर्ष पूर्व जब एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था. तो उसका हल बीच जमीन में धंस गया और उस जगह से खून की धार बह चली.

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जब किसान ने देखा तो वहां पर एक शिवलिंग था. उसने आसपास के हिंदू भाइयों को बुलाया और यहां पर मंदिर बनाने के लिए कहा. साथ ही अपनी जमीन मंदिर को दान कर दी. तभी से आसपास के लोगों इस मंदिर में दर्शन करने आने लगे. इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु 40 दिन तक इस मंदिर की सेवा कर लेता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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