सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का एनकाउंटर कर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं विपक्ष मुठभेड़ पर सवाल खड़े कर रहा है. कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने न सिर्फ पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग भी की है.
कांग्रेस नेता इमरान मसूद का कहना है कि विकास दुबे का एनकाउंटर कर उसके मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है. एक अपराधी को मारकर 100 गुनहगारों को बचाया गया है.
'अपराध की मुख्य जड़ छोड़ दी गई'
कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कांग्रेस पार्टी का रुख पहले ही क्लियर था. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा है कि अपराध का खात्मा जड़ से होना चाहिए, लेकिन कानपुर मामले में सरकार ने न सिर्फ अपराध की मुख्य जड़ छोड़ दी, बल्कि एक अपराधी का एनकाउंटर कर 100 अपराधियों की जान बख्शने का काम किया है.
'विकास दुबे के एनकाउंटर की हो न्यायिक जांच'
इमरान मसूद ने कहा कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद बहुत सारे अनुत्तरित सवाल हैं, जिनका जवाब देश चाहता है. इसलिए इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. जांच करते वक्त सभी तथ्यों को सामने लाना चाहिए, ताकि पता चल सके कि कौन-कौन हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के मददगार रहे हैं? किन नेताओं के संरक्षण में विकास दुबे अपराध का बादशाह बना? किन लोगों की शह पर गुनाहों का साम्राज्य खड़ा किया? इन सब सवालों का जवाब देश की जनता चाहती है.
पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता ने कहा कि विकास दुबे के एनकाउंटर से पहले ही सोशल मीडिया और ट्विटर पर मैसेज वायरल कर आशंका जताई गई थी कि विकास दुबे मुठभेड़ में मारा जाएगा, क्योंकि पुलिस की कार्रवाई अपने आप में इस तरह का संदेह पैदा कर रही है. पुलिस ने मीडिया को बीच रास्ते में रोक दिया. वहीं जिस गाड़ी में विकास दुबे को लाया गया, उसकी जगह दूसरी गाड़ी पलटी हुई है. उन्होंने कहा कि अपराधी को सजा देने का काम पुलिस का है और पुलिस एक न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से सजा दिलाती है.
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'फांसी की सजा मिलती तो अच्छा रहता'
कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने कहा कि पुलिस विकास दुबे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में फांसी की सजा दिलाती तो सबसे अच्छा रहता. सरकार को किसी के भी मौलिक अधिकार का हनन करने का हक नहीं है. उन्होंने पुलिस के ऑपरेशन क्लीन पर भी सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है.