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सहारनपुर में सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा, राहत सामग्री बांटी - सहारनपुर की खबर

सहारनपुर में सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने राहत सामग्री बांटी.

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Published : Jul 14, 2023, 7:38 PM IST

Updated : Jul 14, 2023, 8:46 PM IST

सहारनपुर: पहाड़ों और मैदानी इलाकों में कई दिनों से लगातार हुई बारिश से मैदानी इलाकों में हाहाकार मचा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं. सैंकड़ो गांवों में पानी घुसा हुआ है तो वहीं किसानो की लाखों बीघा फसल पर पानी फिर गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में सीएम योगी खुद नजर रखे हुए हैं, यही वजह है कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहारनपुर दौरे पर आए, जहां उन्होंने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और बाढ़ पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात कर राहत सामग्री वितरित की.

यह बोले सीएम योगी आदित्यनाथ.

सीएम योगी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचकर 15 दिन के लिए राशन भी वितरित किया है. इसके बाद सीएम योगी ने पुलिस लाइन सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए.

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सीएम योगी ने बांटी राहत सामग्री.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहारनपुर में मूसलाधार बारिश के कारण यमुना नदी, हिंडन नदी, पांव धोई और ढमोला, नागदेव नदी समेत सभी बरसाती नदियां उफान पर हैं. नदियों का पानी ओवर फ्लो होने से आसपास के इलाकों में बाढ़ आई हुई है. महानगर सहारनपुर की ढमोला नदी किनारे वाले सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है जिससे हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं. आज जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा मिलकर लगाए गए राहत शिविरों का निरीक्षण किया है. अत्याधिक बारिश होने के कारण उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और वेस्ट यूपी के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.

सीएम योगी ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी में भी बाढ़ की स्थिती बन गई है. पानी तेज बाहव के साथ आगे चला जाने से थोड़ी सी राहत जरूर मिली है. जनपद सहारनपुर में कुल 118 गांव और महानगर के 28 मोहल्ले जलभराव की चपेट में आए थे. इसमें लगभग 2.75 लाख लोग प्रभावित हुए. 13 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आने फसले बर्बाद हो गई है जबकि प्राकृतिक आपदा के कारण 7 लोगों की जान भी गई है ऐसे में तीन पशुओं के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा कुछ ज्यादा और कुछ आंशिक रूप से प्रभावित हुए है.


मुख्य मंत्री योगी ने बताया कि बाढ़ राहत शिविरों में पीड़ितों को राहत सामग्री के पैकेट बांटे गए है जिनमें 10-10 किलो आटा और चावल, दाल, मसाले और 10 किलो आलू वितरित किए गए हैं. बाढ़ से जिन परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए है, उनको मुआवजे के साथ ही बरसाती देने के निर्देश दिए गए है. मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी.

सीएम अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत राजकीय विमान से दोपहर 1.17 बजे वायु सेना स्टेशन सरसावा में पहुंचे. वहां से हेलीकाप्टर से चिलकाना पहुंचे. सुल्तानपुर चिलकाना के मंडी परिसर में मौजूद बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि वितरित की. मंडी परिसर में करीब 10 मिनट तक रुके. इस दौरान उन्होंने बच्चों को चाकलेट भी दी. सीएम के साथ जल शक्ति एवं बाढ़ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सांसद कैराना प्रदीप चौधरी, नकुड़ विधायक मुकेश चौधरी, नगर विधायक राजीव गुंबर, महापौर डज्ञ. अजय कुमार, भाजपा जिला अध्यक्ष डा. महेंद्र सिंह, महानगर अध्यक्ष राकेश जैन आदि शामिल रहे.

फिरोजाबाद में भी बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट
यमुना में आई बाढ़ से फिरोजाबाद में भी खतरा बढ़ गया है. इसी खतरे के मद्देनजर फिरोजाबाद के जिलाधिकारी डॉक्टर उज्जवल कुमार ने शुक्रवार को यमुना नदी के निकटवर्ती इलाकों का दौरा किया. उन्होंने बताया कि जिले के सभी एसडीएम को अलर्ट कर दिया गया है. कई विभागों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि हरियाणा के हथिनीकुंड से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से यमुना नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. दिल्ली में तो बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसी तरह यमुना नदी के आसपास अन्य जो शहर या गांव बसे हैं वहां भी तेजी से हालात बिगड़ रहे हैं. मथुरा में भी यमुना नदी के घाट डूबने लगे हैं और शहर में पानी घुसने लगा है.यमुना नदी जिन गांव से हो कर निकल रही है वहां फसलों को इस नदी ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. फिरोजाबाद जनपद टूण्डला तहसील में कई गांव ऐसे हैं जहां होकर यमुना नदी गुजरती है. ऐसे में थाना नगला सिंघी क्षेत्र के कई गांव की फसलें यमुना नदी के पानी में डूब गयीं है. हालांकि अभी तक गनीमत यह है कि किसी गांव में पानी नहीं घुसा है. जनपद की सदर तहसील में भी यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण तटवर्ती गांव में रहने वाले ग्रामीण काफी दहशत में हैं. मामले की गंभीरता को भांपते हुए जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार शुक्रवार को अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ यमुना नदी के किनारे बसे गांव का दौरा किया. उन्होंने अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए.

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सहारनपुर: पहाड़ों और मैदानी इलाकों में कई दिनों से लगातार हुई बारिश से मैदानी इलाकों में हाहाकार मचा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं. सैंकड़ो गांवों में पानी घुसा हुआ है तो वहीं किसानो की लाखों बीघा फसल पर पानी फिर गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में सीएम योगी खुद नजर रखे हुए हैं, यही वजह है कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहारनपुर दौरे पर आए, जहां उन्होंने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और बाढ़ पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात कर राहत सामग्री वितरित की.

यह बोले सीएम योगी आदित्यनाथ.

सीएम योगी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचकर 15 दिन के लिए राशन भी वितरित किया है. इसके बाद सीएम योगी ने पुलिस लाइन सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए.

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सीएम योगी ने बांटी राहत सामग्री.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहारनपुर में मूसलाधार बारिश के कारण यमुना नदी, हिंडन नदी, पांव धोई और ढमोला, नागदेव नदी समेत सभी बरसाती नदियां उफान पर हैं. नदियों का पानी ओवर फ्लो होने से आसपास के इलाकों में बाढ़ आई हुई है. महानगर सहारनपुर की ढमोला नदी किनारे वाले सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है जिससे हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं. आज जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा मिलकर लगाए गए राहत शिविरों का निरीक्षण किया है. अत्याधिक बारिश होने के कारण उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और वेस्ट यूपी के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.

सीएम योगी ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी में भी बाढ़ की स्थिती बन गई है. पानी तेज बाहव के साथ आगे चला जाने से थोड़ी सी राहत जरूर मिली है. जनपद सहारनपुर में कुल 118 गांव और महानगर के 28 मोहल्ले जलभराव की चपेट में आए थे. इसमें लगभग 2.75 लाख लोग प्रभावित हुए. 13 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आने फसले बर्बाद हो गई है जबकि प्राकृतिक आपदा के कारण 7 लोगों की जान भी गई है ऐसे में तीन पशुओं के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा कुछ ज्यादा और कुछ आंशिक रूप से प्रभावित हुए है.


मुख्य मंत्री योगी ने बताया कि बाढ़ राहत शिविरों में पीड़ितों को राहत सामग्री के पैकेट बांटे गए है जिनमें 10-10 किलो आटा और चावल, दाल, मसाले और 10 किलो आलू वितरित किए गए हैं. बाढ़ से जिन परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए है, उनको मुआवजे के साथ ही बरसाती देने के निर्देश दिए गए है. मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी.

सीएम अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत राजकीय विमान से दोपहर 1.17 बजे वायु सेना स्टेशन सरसावा में पहुंचे. वहां से हेलीकाप्टर से चिलकाना पहुंचे. सुल्तानपुर चिलकाना के मंडी परिसर में मौजूद बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि वितरित की. मंडी परिसर में करीब 10 मिनट तक रुके. इस दौरान उन्होंने बच्चों को चाकलेट भी दी. सीएम के साथ जल शक्ति एवं बाढ़ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सांसद कैराना प्रदीप चौधरी, नकुड़ विधायक मुकेश चौधरी, नगर विधायक राजीव गुंबर, महापौर डज्ञ. अजय कुमार, भाजपा जिला अध्यक्ष डा. महेंद्र सिंह, महानगर अध्यक्ष राकेश जैन आदि शामिल रहे.

फिरोजाबाद में भी बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट
यमुना में आई बाढ़ से फिरोजाबाद में भी खतरा बढ़ गया है. इसी खतरे के मद्देनजर फिरोजाबाद के जिलाधिकारी डॉक्टर उज्जवल कुमार ने शुक्रवार को यमुना नदी के निकटवर्ती इलाकों का दौरा किया. उन्होंने बताया कि जिले के सभी एसडीएम को अलर्ट कर दिया गया है. कई विभागों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि हरियाणा के हथिनीकुंड से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से यमुना नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. दिल्ली में तो बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसी तरह यमुना नदी के आसपास अन्य जो शहर या गांव बसे हैं वहां भी तेजी से हालात बिगड़ रहे हैं. मथुरा में भी यमुना नदी के घाट डूबने लगे हैं और शहर में पानी घुसने लगा है.यमुना नदी जिन गांव से हो कर निकल रही है वहां फसलों को इस नदी ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. फिरोजाबाद जनपद टूण्डला तहसील में कई गांव ऐसे हैं जहां होकर यमुना नदी गुजरती है. ऐसे में थाना नगला सिंघी क्षेत्र के कई गांव की फसलें यमुना नदी के पानी में डूब गयीं है. हालांकि अभी तक गनीमत यह है कि किसी गांव में पानी नहीं घुसा है. जनपद की सदर तहसील में भी यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण तटवर्ती गांव में रहने वाले ग्रामीण काफी दहशत में हैं. मामले की गंभीरता को भांपते हुए जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार शुक्रवार को अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ यमुना नदी के किनारे बसे गांव का दौरा किया. उन्होंने अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए.

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Last Updated : Jul 14, 2023, 8:46 PM IST
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