सहारनपुर : जिले में भी दशहरे के पर्व पर कोरोना का ग्रहण साफ दिखाई दे रहा है. लेकिन दशहरा पर्व की परंपरा को जीवित रखने के लिए कुछ बच्चों ने रावण का पुतला बनाया है. कोरोना महामारी के चलते शहर में गिने-चुने स्थानों पर ही रावण के पुतले का दहन होगा. इसके बावजूद नवीन नगर के छोटे-बड़े बच्चों ने पैसे एकत्र कर रावण का पुतला तैयार किया है. बच्चे पेंटिंग के जरिए पुतले को सजाने की तैयारी में जुटे हुए हैं.
दरअसल, देश भर में जहां कोरोना महामारी के चलते सभी त्योहारों को घर में रहकर ही मनाया जा रहा है. कोरोना का ग्रहण दशहरे पर भी साफ लगता दिख रहा है. जिसके चलते सहारनपुर शहर में आकर्षण का केंद्र बनने वाले बड़े-बड़े रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों को इस बार नहीं बनाया जा रहा है. क्योंकि महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार 150 से 200 लोगों के एकत्र होने की ही परमिशन है. दशहरा दहन के दौरान हजारों की संख्या में लोग एकत्र होते हैं. इसको देखते हुए इस बार दशहरे पर रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाएगा.
लेकिन इसके साथ ही परंपरा को जीवित रखने के लिए नवीन नगर कॉलोनी के छोटे-बड़े बच्चों ने पैसे एकत्र कर रावण के पुतले को तैयार किया है. बच्चे रंगों के सहारे इस पुतले को सजाने में जुटे हुए हैं. बच्चों का कहना है कि महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते हैं, क्योंकि भीड़ में कौन व्यक्ति कहां से आ रहा है किसी को भी पता नहीं है. इसलिए कॉलोनी के सभी बच्चों ने पैसे एकत्र करके रावण के पुतले का निर्माण किया है, जिसका कल दहन किया जाएगा. इस पुतले को बनाने में लगभग 2500 रुपये का खर्च आया है. बच्चों का कहना है कि इस पुतले दहन के दौरान भीड़ भी एकत्र नहीं होगी और परंपरा भी जीवित रहेगी.