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sahranpur news: फर्जी मुठभेड़ मामले में तीन दारोगा समेत 12 पुलिस कर्मियों पर हत्या का मुकदमा

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Published : Jan 23, 2023, 5:34 PM IST

सहारनपुर में फर्जी मुठभेड़ के मामले में 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. क्या है पूरा मामला चलिए जानते हैं.

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सहारनपुर: यूपी पुलिस का ऑपरेशन क्लीन अभियान अब पुलिस के गले को फांस बन गया है. उच्च अधिकारियों को खुश करने की जल्दबाजी में सहारनपुर के थाना देवबंद पुलिस खुद कठघरे में आ गई है. फर्जी एनकाउंटर के मामले में तीन दारोगाओं समेत 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ साजिश के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. थाना देवबंद में सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्यवाई की गई है. पुलिस सूत्रों की माने तो फर्जी एनकाउंटर के आरोपी पुलिस कर्मियों पर निलंबन की कार्यवाई तय है. हालांकि तीनों दारोगा और सिपाही सहारनपुर जिले में ही अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं. कोर्ट के आदेश पर एसएसपी विपिन ताड़ा ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

यह बोले अधिवक्ता और अफसर.

बता दें कि पूरा मामला पांच सितंबर 2021 का है. थाना देवबंद पुलिस को गांव थीतकी में गोकशी की सूचना मिली थी. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जंगल में छापेमारी की थी. इस दौरान पुलिस ने गोकशों के साथ मुठभेड़ होने का दावा किया था. मुठभेड़ के दौरान जीशान हैदर के पैर में गोली लगी थी. अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

जीशान की मौत के बाद पुलिस ने दावा किया था कि जीशान हैदर तमंचा लिये हुए था और भागते वक्त तमंचे से गोली चलने से उसके पैर में लग गई थी. दहशत के कारण उसकी मौत हो गई लेकिन वहीं मृतक की पत्नी अफरोज ने पुलिस पर मनगढंत झूठी कहानी बनाने का आरोप लगाया था. अफरोज ने सीजेएम में अर्जी देकर बताया था कि पुलिस ने पूछताछ के लिए पति जीशान को घर से उठाया था. पुलिस गोकशी के झूठे मामले की स्क्रिप्ट बनाकर उसको जंगल में ले गई और मुठभेड़ दिखाते हुए गोली माकर हत्या कर दी.

पति को मौत के बाद अफरोज ने मामले में केंद्रीय गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और मानवाधिकार आयोग में शिकायती पत्र देकर इंसाफ की गुहार लगाई थी. इतना ही नही कोर्ट में थाना देवबंद में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के साथ 24 घंटे में पुलिस को आख्या प्रस्तुत करने आदेश दिए हैं.

एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि यह मामला सितंबर 2011 का है. गोकशी की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी. जहां पुलिस के साथ गोकशों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल जीशान की मौत हो गई थी. कोर्ट के आदेश पर 12 आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ साजिश रचने और हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पूरे मामले की जांच कर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Ramcharitmanas Controversy : स्वामी प्रसाद मौर्य को 5 बार जूते मारने वाले को मिलेंगे 5100, जीभ काटने वाले को 51 हजार का इनाम

सहारनपुर: यूपी पुलिस का ऑपरेशन क्लीन अभियान अब पुलिस के गले को फांस बन गया है. उच्च अधिकारियों को खुश करने की जल्दबाजी में सहारनपुर के थाना देवबंद पुलिस खुद कठघरे में आ गई है. फर्जी एनकाउंटर के मामले में तीन दारोगाओं समेत 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ साजिश के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. थाना देवबंद में सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्यवाई की गई है. पुलिस सूत्रों की माने तो फर्जी एनकाउंटर के आरोपी पुलिस कर्मियों पर निलंबन की कार्यवाई तय है. हालांकि तीनों दारोगा और सिपाही सहारनपुर जिले में ही अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं. कोर्ट के आदेश पर एसएसपी विपिन ताड़ा ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

यह बोले अधिवक्ता और अफसर.

बता दें कि पूरा मामला पांच सितंबर 2021 का है. थाना देवबंद पुलिस को गांव थीतकी में गोकशी की सूचना मिली थी. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जंगल में छापेमारी की थी. इस दौरान पुलिस ने गोकशों के साथ मुठभेड़ होने का दावा किया था. मुठभेड़ के दौरान जीशान हैदर के पैर में गोली लगी थी. अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

जीशान की मौत के बाद पुलिस ने दावा किया था कि जीशान हैदर तमंचा लिये हुए था और भागते वक्त तमंचे से गोली चलने से उसके पैर में लग गई थी. दहशत के कारण उसकी मौत हो गई लेकिन वहीं मृतक की पत्नी अफरोज ने पुलिस पर मनगढंत झूठी कहानी बनाने का आरोप लगाया था. अफरोज ने सीजेएम में अर्जी देकर बताया था कि पुलिस ने पूछताछ के लिए पति जीशान को घर से उठाया था. पुलिस गोकशी के झूठे मामले की स्क्रिप्ट बनाकर उसको जंगल में ले गई और मुठभेड़ दिखाते हुए गोली माकर हत्या कर दी.

पति को मौत के बाद अफरोज ने मामले में केंद्रीय गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और मानवाधिकार आयोग में शिकायती पत्र देकर इंसाफ की गुहार लगाई थी. इतना ही नही कोर्ट में थाना देवबंद में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के साथ 24 घंटे में पुलिस को आख्या प्रस्तुत करने आदेश दिए हैं.

एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि यह मामला सितंबर 2011 का है. गोकशी की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी. जहां पुलिस के साथ गोकशों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल जीशान की मौत हो गई थी. कोर्ट के आदेश पर 12 आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ साजिश रचने और हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पूरे मामले की जांच कर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं.

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