सहारनपुर: उलेमाओं का कहना है, कि बुर्का बैन करना मुस्लिम महिलाओं की आजादी पर हमला है. बुर्का महिलाओं का पहनावा तो है ही, साथ ही उनकी हिफाजत भी करता है. उन्होंने कहा कि इस तरह शरीयत पर हमला करना कुदरत के कानून के खिलाफ बगावत है.
बुर्का बैन के प्रस्ताव पर भड़के उलेमा
श्रीलंका संसदीय समिति के बुर्का बैन के प्रस्ताव पर देवबंदी उलेमा मुफ़्ती असद कासमी ने कहा, कि यह फैसला गैर मुनासिब है, ये फैसला मुसलमानों और शरीयत के ऊपर हमला है. जिसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जब-जब मुसलमानों पर जुल्म हुआ है, तब-तब परेशानी आयी है. ताज़ा मिशाल चीन में दिख रहा है. जहां मुसलमानों पर जुल्म हुआ, पाबंदियां लगाईं गयी, जिसका परिणाम कोरोना वायरस के रूप में भुगतना पड़ रहा है.
यही नहीं, उलेमाओं ने श्रीलंका संसदीय समिति के सदस्यों को मशवरा भी दे डाला, कि अल्लाह रब्बुल इज्जत के आजाब से डरें, और मुसलमानों की शरीयत के ऊपर हमला ना करें. दूसरी तरफ मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने भी श्रीलंका के इस फैसले की निंदा की. उनका कहना था, कि श्रीलंका को अपना फैसला वापस ले लेना चाहिए वरना श्रीलंका को भी कुदरत के कहर से निपटना पड़ सकता है.
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