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सहारनपुर में भूख से बिलख रहे बागड़ी परिवार, सूखे राशन की कर रहे मांग

देशभर में लागू 21 दिन के इस लॉकडाउन में लोगों के सामने अब खाने का संकट खड़ा होने लगा है. हालांकि सरकार गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को प्रतिदिन खाना मुहैया करा रही है. इस पर भी कई लोगों को सिर्फ एक टाइम का खाना ही मिल पा रहा है. सहारनपुर में बागड़ी परिवार के लोहार परिवार के लोगों के हालात भी खराब हैं. यहां इन लोगों को खाने के नाम पर सिर्फ एक टाइम चावल मिल रहा है.

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Published : Apr 12, 2020, 11:34 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

भूख से बिलख रहे बागड़ी परिवार
भूख से बिलख रहे बागड़ी परिवार

सहारनपुर: कोरोना वायरस के चलते जहां सभी उघोग धंधे ठप हो गए हैं, वहीं सहारनपुर के बागड़ी लौहार समाज का काम भी बंद हो गया है. लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर ही नहीं गरीब असहाय परिवारों के सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है.

जनपद के इन बागड़ी परिवारों के सामने भी रोटी के लाले पड़ गए हैं. यहां 10 से ज्यादा बागड़ी लौहार परिवार भूख से परेशान हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा चावल का पक्का खाना दिया जा रहा है, लेकिन लगातार चावल खाने से इन लोगों के न सिर्फ गले खराब होने लगे हैं बल्कि बच्चे और बुजुर्ग चावल खाने से बीमार होने लगे है. चौकाने वाली बात तो ये है कि नगर निगम से केवल एक ही वक्त खाने के नाम पर चावल दिया जा रहा है.

भूख से बिलख रहे बागड़ी परिवार
सरकारी दावों की जमीनी हकीकतलॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन डोर टू डोर राशन बांटने के दावे कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है. जनपद के थाना मंडी इलाके की मंडी समिति रोड पर झोपड़ी में रह रहे बागड़ी लोहार परिवारों की स्थिति प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है.

'ETV BHARAT की टीम ने जाना हाल'

ETV BHARAT की टीम ने बागड़ी परिवारों के बीच पहुंचकर इनकी समस्याओं को जाना. ETV भारत से बातचीत में इन बागडियों का कहा कि 13 परिवार कई पीढ़ियों से सहारनपुर में रह रहे हैं, लेकिन आज तक न तो इनका राशन कार्ड बना है और न ही उन्हें कोई सुविधा मुहैया कराई गई है.

'खाने में मिलते हैं चावल'

इनके मुताबिक नगर निगम की ओर से एक टाइम खाने के लिए पक्के पकाए चावल और पूरी दी जा रही है और एक टाइम भूखा रहना पड़ रहा है. पिछले दो दिनों से तो वह भी बंद हो गया है. लगातार चावल और पूरी खाने से इनके गले पकने लगे हैं. बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे है.

इनको खाने-पीने का राशन नहीं मिल पाने से 13 परिवारों के 100 से ज्यादा सदस्य भूखे सोने को मजबूर हैं. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है.

'लगातार चावल खाने से हो रहे हैं बीमार'

इतना ही नहीं इन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम की ओर से भेजा जा रहा चावल बहुत ही घटिया किस्म का है. जिसे खाने से सब बीमार होने लगे हैं.

ऐसे में इन बागड़ी परिवार के लोगों की मांग है कि प्रशासन इनको कच्चा राशन जैसे आटा, दाल, तेल, चीनी, चाय, सब्जी आदि दे दे चो वह खुद खाना बनाकर खा सकें, लेकिन इनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

सहारनपुर: कोरोना वायरस के चलते जहां सभी उघोग धंधे ठप हो गए हैं, वहीं सहारनपुर के बागड़ी लौहार समाज का काम भी बंद हो गया है. लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर ही नहीं गरीब असहाय परिवारों के सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है.

जनपद के इन बागड़ी परिवारों के सामने भी रोटी के लाले पड़ गए हैं. यहां 10 से ज्यादा बागड़ी लौहार परिवार भूख से परेशान हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा चावल का पक्का खाना दिया जा रहा है, लेकिन लगातार चावल खाने से इन लोगों के न सिर्फ गले खराब होने लगे हैं बल्कि बच्चे और बुजुर्ग चावल खाने से बीमार होने लगे है. चौकाने वाली बात तो ये है कि नगर निगम से केवल एक ही वक्त खाने के नाम पर चावल दिया जा रहा है.

भूख से बिलख रहे बागड़ी परिवार
सरकारी दावों की जमीनी हकीकतलॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन डोर टू डोर राशन बांटने के दावे कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है. जनपद के थाना मंडी इलाके की मंडी समिति रोड पर झोपड़ी में रह रहे बागड़ी लोहार परिवारों की स्थिति प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है.

'ETV BHARAT की टीम ने जाना हाल'

ETV BHARAT की टीम ने बागड़ी परिवारों के बीच पहुंचकर इनकी समस्याओं को जाना. ETV भारत से बातचीत में इन बागडियों का कहा कि 13 परिवार कई पीढ़ियों से सहारनपुर में रह रहे हैं, लेकिन आज तक न तो इनका राशन कार्ड बना है और न ही उन्हें कोई सुविधा मुहैया कराई गई है.

'खाने में मिलते हैं चावल'

इनके मुताबिक नगर निगम की ओर से एक टाइम खाने के लिए पक्के पकाए चावल और पूरी दी जा रही है और एक टाइम भूखा रहना पड़ रहा है. पिछले दो दिनों से तो वह भी बंद हो गया है. लगातार चावल और पूरी खाने से इनके गले पकने लगे हैं. बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे है.

इनको खाने-पीने का राशन नहीं मिल पाने से 13 परिवारों के 100 से ज्यादा सदस्य भूखे सोने को मजबूर हैं. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है.

'लगातार चावल खाने से हो रहे हैं बीमार'

इतना ही नहीं इन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम की ओर से भेजा जा रहा चावल बहुत ही घटिया किस्म का है. जिसे खाने से सब बीमार होने लगे हैं.

ऐसे में इन बागड़ी परिवार के लोगों की मांग है कि प्रशासन इनको कच्चा राशन जैसे आटा, दाल, तेल, चीनी, चाय, सब्जी आदि दे दे चो वह खुद खाना बनाकर खा सकें, लेकिन इनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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