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सहारनपुर: राधा स्वामी सत्संग ब्यास में रोजेदारों की भी की जा रही सेवा

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का राधा स्वामी सत्संग ब्यास हजारों मजदूरों की शरणस्थली बना हुआ है. इन मजदूरों में मुसलमान भी हैं, जिनके लिए यहां नमाज पढ़ने की व्यवस्था की गई है. डेरा प्रमुख के निर्देश पर सेवादार दिन रात लोगों की सेवा कर रहे हैं.

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राधा स्वामी सत्संग ब्यास सहारनपुर में रोजेदारों के लिए नमाज पढ़ने की व्यवस्था,
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Published : May 1, 2020, 10:28 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में राधा स्वामी सत्संग ब्यास मेजर सेंटर का पिलखनी डेरा सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक के तौर पर भी सामने आया है. इन दिनों सत्संग भवन हजारों मजदूरों की शरणस्थली बना हुआ है तो वहीं डेरे में सैकड़ों रोजेदार रमजान की नमाज भी पढ़ रहे हैं और अपना रोज़ा खोल रहे हैं.

सत्संग भवन बना सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक.

डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह महाराज के निर्देश पर कोरोना आपदा के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए डेरे के सभी द्वार खोले गए हैं. डेरे के सेवादार यहां शरणार्थी बने हजारों लोगों की दिन-रात नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं.

जिला प्रशासन ने डेरे में जिले और प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर होम बनाया हुआ है. अब तक कई प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपदों में भेजा जा चुका है. डेरे में करीब 600 लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया है. इनमें 100 मजदूर मुस्लिम समाज के भी हैं, जो रमजान के दिनों में रोजे रख रहे हैं और नमाज अदा कर रहे हैं.

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डेरा के सेवादारों ने बताया कि अन्य लोगों के साथ ही रोजेदारों के लिए उनकी सुविधा और विशेषताओं के अनुसार खानपान की सभी व्यवस्था की जा रही है. ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत न आए.

सहारनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में राधा स्वामी सत्संग ब्यास मेजर सेंटर का पिलखनी डेरा सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक के तौर पर भी सामने आया है. इन दिनों सत्संग भवन हजारों मजदूरों की शरणस्थली बना हुआ है तो वहीं डेरे में सैकड़ों रोजेदार रमजान की नमाज भी पढ़ रहे हैं और अपना रोज़ा खोल रहे हैं.

सत्संग भवन बना सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक.

डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह महाराज के निर्देश पर कोरोना आपदा के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए डेरे के सभी द्वार खोले गए हैं. डेरे के सेवादार यहां शरणार्थी बने हजारों लोगों की दिन-रात नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं.

जिला प्रशासन ने डेरे में जिले और प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर होम बनाया हुआ है. अब तक कई प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपदों में भेजा जा चुका है. डेरे में करीब 600 लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया है. इनमें 100 मजदूर मुस्लिम समाज के भी हैं, जो रमजान के दिनों में रोजे रख रहे हैं और नमाज अदा कर रहे हैं.

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डेरा के सेवादारों ने बताया कि अन्य लोगों के साथ ही रोजेदारों के लिए उनकी सुविधा और विशेषताओं के अनुसार खानपान की सभी व्यवस्था की जा रही है. ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत न आए.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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