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ऑटो असाइनमेंट के जरिए मरीजों तक जल्द पहुंचेगी एम्बुलेंस

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Published : Nov 22, 2020, 9:57 AM IST

सहारनपुर में 102 व 108 एम्बुलेंस सेवा में ऑटो असाइनमेंट सिस्टम न होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऑटो असाइनमेंट के जरिए मरीज को महज कुछ ही देर में एंबुलेंस उपलब्ध हो सकेगी.

एम्बुलेंस
एम्बुलेंस

सहारनपुर: एंबुलेंस 102 व 108 अब सीधे मरीज के पास पहुंचेगी. ऑटो असाइनमेंट के जरिए मरीज को महज कुछ ही देर में एंबुलेंस उपलब्ध हो सकेगी. पहले यह व्यवस्था लागू न होने से लोगों को कई प्रतिक्रियाओं से गुजरना पड़ता था. लेकिन ऑटो असाइनमेंट से एंबुलेंस पहुंचने का समय घटेगा.


लखनऊ मुख्यालय से घटनास्थल के निकट एंबुलेंस को उनके मोबाइल पर डायरेक्ट मैसेज पहुंचेगा. जिसमें मरीज के बारे में जानकारी दी जाएगी. एक मैसेज मिलते ही 108 और 102 एंबुलेंस सीधे मरीज तक पहुंचेगी. क्योंकि ऑटो असाइनमेंट से मरीज को कम समय में ही एंबुलेंस सेवा उपलब्ध होगी. हालांकि अभी तक यह व्यवस्था लागू नहीं थी, जिसके चलते मरीज को सहायता के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था. कई बार एंबुलेंस के देरी से पहुंचने पर लोगों का आक्रोश भी झेलना पड़ता था. कई केसेज में तो मरीज की मृत्यु तक हो जाती थी.

एंबुलेंस में जीपीएस पहले से ही लगा हुआ है और अब शासन ने मरीजों की जान बचाने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की है. जिसमें 108 और 102 की सभी एंबुलेंस की ऑटो असाइनमेंट की व्यवस्था शुरू की गई है. इस व्यवस्था के तहत एंबुलेंस के लिए की जाने वाली कॉल लखनऊ मुख्यालय पर जाएगी और फोन करने वाले से उसका नाम, पता व मोबाइल नंबर की जानकारी ली जाएगी. इसके बाद एंबुलेंस पहुंचेगी. कई बार देखा भी गया है कि घटना हो गई और एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची. जिसके चलते अक्सर हंगामा होता था. इस नई व्यवस्था के शुरू होने से घटनास्थल के नजदीक समय पर पहुंचेगी.


हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा एंबुलेंस की सुविधा मरीज तक पहुंचे, इसको लेकर हमारे संगठन ने एक कदम उठाया है. हम ऑटो असाइनमेंट बोलते हैं, जिसके चलते पहले मरीज को कॉल करने में समझाने में समय अधिक लगता था. उस समय को बचाने के लिए ऑटो असाइनमेंट व जीपीएस के जरिए जो भी नियर एंबुलेंस होगी उसके पास ये कंप्लेंड चली जाएगी. इससे मरीज को जल्द एंबुलेंस की सुविधा मिल सकेगी.

-सुधांशु सक्सेना, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर

सहारनपुर: एंबुलेंस 102 व 108 अब सीधे मरीज के पास पहुंचेगी. ऑटो असाइनमेंट के जरिए मरीज को महज कुछ ही देर में एंबुलेंस उपलब्ध हो सकेगी. पहले यह व्यवस्था लागू न होने से लोगों को कई प्रतिक्रियाओं से गुजरना पड़ता था. लेकिन ऑटो असाइनमेंट से एंबुलेंस पहुंचने का समय घटेगा.


लखनऊ मुख्यालय से घटनास्थल के निकट एंबुलेंस को उनके मोबाइल पर डायरेक्ट मैसेज पहुंचेगा. जिसमें मरीज के बारे में जानकारी दी जाएगी. एक मैसेज मिलते ही 108 और 102 एंबुलेंस सीधे मरीज तक पहुंचेगी. क्योंकि ऑटो असाइनमेंट से मरीज को कम समय में ही एंबुलेंस सेवा उपलब्ध होगी. हालांकि अभी तक यह व्यवस्था लागू नहीं थी, जिसके चलते मरीज को सहायता के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था. कई बार एंबुलेंस के देरी से पहुंचने पर लोगों का आक्रोश भी झेलना पड़ता था. कई केसेज में तो मरीज की मृत्यु तक हो जाती थी.

एंबुलेंस में जीपीएस पहले से ही लगा हुआ है और अब शासन ने मरीजों की जान बचाने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की है. जिसमें 108 और 102 की सभी एंबुलेंस की ऑटो असाइनमेंट की व्यवस्था शुरू की गई है. इस व्यवस्था के तहत एंबुलेंस के लिए की जाने वाली कॉल लखनऊ मुख्यालय पर जाएगी और फोन करने वाले से उसका नाम, पता व मोबाइल नंबर की जानकारी ली जाएगी. इसके बाद एंबुलेंस पहुंचेगी. कई बार देखा भी गया है कि घटना हो गई और एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची. जिसके चलते अक्सर हंगामा होता था. इस नई व्यवस्था के शुरू होने से घटनास्थल के नजदीक समय पर पहुंचेगी.


हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा एंबुलेंस की सुविधा मरीज तक पहुंचे, इसको लेकर हमारे संगठन ने एक कदम उठाया है. हम ऑटो असाइनमेंट बोलते हैं, जिसके चलते पहले मरीज को कॉल करने में समझाने में समय अधिक लगता था. उस समय को बचाने के लिए ऑटो असाइनमेंट व जीपीएस के जरिए जो भी नियर एंबुलेंस होगी उसके पास ये कंप्लेंड चली जाएगी. इससे मरीज को जल्द एंबुलेंस की सुविधा मिल सकेगी.

-सुधांशु सक्सेना, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर

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