सहारनपुर : सहारनपुर के सियासी गलियारों में चली आ रही चर्चाओं पर आज अंतिम विराम लग गया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रहे इमरान मसूद के साथ सहारनपुर देहात से विधायक मसूद अख्तर ने भी समाजवादी पार्टी में जाने की पुष्टि कर दी है. विधायक मसूद अख्तर का कहना है कि इस चुनाव में सपा और बीजेपी में कांटे की तक्कर है. अखिलेश यादव सरकार बनाने जा रहे हैं. वजह है कि आज समर्थकों की सहमति के बाद कांग्रेस छोड़ साइकिल की सवारी करने का फैसला लिया है. उनका साफ कहना है कि 2017 के चुनाव में अगर सपा कांग्रेस का गठबंधन नही होता तो कांग्रेस के विधायक नही होते.
ETV भारत से खास बातचीत में सपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने बताया कि वे जनता और जनता के फैसले के साथ हैं. आज पार्टी कार्यकर्ताओं को बुला कर उनकी राय ली गई. बैठक में सभी धर्मों के कार्यकर्ता एवं समर्थक शामिल हुए थे.
सभी कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर अपनी सहमति जताई. विकास कार्यो को लेकर प्रदेश एवं केंद्र की बीजेपी सरकार विफल हो चुकी है. बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का वक्त आ गया है.
सभी लोगों ने इमरान मसूद पर फैसला छोड़ दिया है, जिसके बाद समाजवादी पार्टी में जाने का फैसला लिया गया. विधायक मसूद अख्तर का कहना है कि 2022 के इस चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी में बराबर की टक्कर है. बीजेपी सरकार को प्रदेश से हटाने के लिए समाजवादी की साइकिल पर सवार होने जा रहे हैं.
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कांग्रेस में मिले सम्मान पर उनका कहना है कि इसमें कोई दो राय नही है कि कांग्रेस पार्टी ने उनको न सिर्फ सम्मान दिया बल्कि टिकट पर चुनाव लड़ाकर विधायक भी बनाया. मसूद अख्तर ने 2017 के चुनाव के कांग्रेस सपा गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि अगर गठबन्धन नही होता तो आज वे विधायक भी नहीं होते.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर की पार्टी रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले से दूसरे नंबर की पार्टी रही है लेकिन फिलहाल कांग्रेस का वजूद लगभग समाप्त हो गया है. जनता को बीजेपी और समाजवादी पार्टी में से किसी एक को जिताने का फैसला करना है. हम नंबर दो की नही बल्कि नंबर एक की लड़ाई में रहना चाहते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस बार अखिलेश यादव की सरकार बनेगी.
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