सहारनपुर: जनपद में अवैध खनन मामले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई हुई है. जांच के बाद 9 स्टोन क्रेशर पर 1 करोड़ 27 लाख 47 हजार का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही नोटिस का जवाब नहीं देने वाले तीन स्टोन क्रेशर को लाइसेंस भी रद्द किया गया है. प्रशासन की इस कार्रवाई से खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. खनन माफियाओं के खिलाफ यह कार्रवाई मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित टीम की जांच के बाद शासन स्तर से की गई है.
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अवैध खनन का खुलासा
जनपद में अवैध खनन का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. खनन माफिया न सिर्फ यमुना में अवैध खनन करके एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है बल्कि बिना अनुमति के पत्थरों को उठाकर स्टोन क्रेशर में तोड़ा जा रहा है. खनन माफिया सरकार को चूना लगाकर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं. अवैध खनन की शिकायतों पर शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई हुई है.
जांच के लिए लगाए गए अधिकारी
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि जनपद के बेहट क्षेत्र में फरवरी माह में शासन स्तर से जांच टीम भेजी गई थी. मंडलायुक्त की अध्यक्षता में इस टीम ने शासन स्तर पर भी अधिकारी लगाए गए थे. शासन के आदेश पर जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर तहसील बेहट इलाके के सभी क्षेत्रों में जांच की. इस दौरान अवैध खनन होता पाया गया.
अवैध खनन की पुष्टि पर मंडलायुक्त के नेतृत्व वाली कमेटी ने सुझाव दिए थे. इन सिफारिशों को स्वीकार करते हुए शासन ने खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है. शासन ने 9 स्टोन क्रेशर मालिकों पर जुर्माना लगाने के साथ तीन क्रेशर के लाइसेंस रद्द करने के आदेश दिए थे. अवैध खननकर्ता और स्टोन क्रेशर के प्रोपराइटरों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया था.
कुछ मामले क्षतिपूर्ति के थे और कुछ मामले लाइसेंस निरस्तीकरण के थे. दोनों मामलों में प्रशासन स्तर से कार्रवाई की गई है. स्टोन क्रेशर मालिकों पर क्षतिपूर्ति के आरोप में 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जबकि तीन स्टोन क्रेशर लाइसेंस धारक ऐसे थे, जिन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया था. उनके लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई है.