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सहारनपुर: बैंकों से लोन न मिलने से दु:खी किसान ने किडनी बेचने का दिया विज्ञापन - सहारनपुर

यूपी के सहारनपुर जिले में बैंको की कार्यशैली से एक किसान इतना दु:खी हुआ कि उसने सोशल मीडिया पर अपनी किडनी बेचने का विज्ञापन दे दिया. किसान का आरोप है कि तीन बार पीएम कौशल विकास योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग की तीन बार ट्रेनिंग लेने के बावजूद उसे पशु पालन के लिए लोन नहीं दिया गया. देखें यह खास रिपोर्ट...

किसान ने लोन न मिलने पर किडनी बेचने का दिया विज्ञापन.
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Published : Aug 22, 2019, 8:10 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: केंद्र की मोदी सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रही है. वहीं सहारनपुर के एक किसान ने कर्ज से मुक्ति पाने के लिए न सिर्फ अपनी किडनी नीलाम करने का फैसला लिया है बल्कि केंद्र सरकार के दावों की भी पोल खोल दी है. इस 35 वर्षीय किसान ने सोशल मीडिया पर किडनी बेचने का विज्ञापन पोस्ट किया है. खास बात यह है कि किडनी खरीदने के लिए 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की बोली लग चुकी है.

किसान ने लोन न मिलने पर किडनी बेचने का दिया विज्ञापन.

बैंक की कार्यशैली पर उठे सवाल
तहसील नकुड़ इलाके के चत्तरसाली गांव के रहने वाले रामकुमार नाम का किसान बसपा, सपा और बीजेपी सरकार में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग की तीन बार ट्रेनिंग ले चुका है. योजना के मुताबिक, ट्रेनिंग करने वाले किसानों को स्वरोजगार योजना के तहत दुधारू पशु पालन के लिए करोड़ों रुपये का लोन उपलब्ध कराया जाता है. इसके बावजूद रामकुमार के पास तीन-तीन सर्टिफिकेट होने के बाद भी किसी बैंक ने ऋण देना तो दूर आवेदन तक स्वीकार नहीं किया.

ये भी पढे़ं: सहारनपुर: बरसाती नदी पर पुल बनवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया भूख हड़ताल

साहूकारों से किसान को लेना पड़ा कर्ज

रामकुमार के मुताबिक, वह लगातार 10 बार ऋण के लिए आवेदन कर चुका है. बावजूद इसके बैंकों ने इसकी कोई सुनवाई नहीं की. जैसे-तैसे रामकुमार ने साहूकारों से 10 लाख रुपये का कर्ज लेकर गांव में दूध की डेयरी खोली थी, लेकिन सिवाय घाटे के उसके हाथ कुछ नहीं लगा. लगातार नुकसान से वह कर्ज के तले दबता चला गया, जिसके बाद उसने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायत की. बावजूद इसके रामकुमार को ऋण मिलना तो दूर उसकी ठीक से सुनवाई भी नही हुई.

सोशल मीडिया पर दिया किडनी बेचने का विज्ञापन

चारों ओर से निराश होकर कर्ज से पीछा छुड़ाने के लिए रामकुमार ने अपनी किडनी की नीलाम करने का फैसला लिया है. रामकुमार ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर किडनी बेचने का विज्ञापन पोस्ट कर दिया. जैसे ही किडनी बेचने का विज्ञापन सोशल मीडिया पर आया तो वह तेजी से वायरल हो गया.

लगातार लोगो के कमेंट आने के साथ ही खरीदारों ने बोली लगानी भी शुरू कर दी. दुबई और सऊदी अरब के जरूरतमंदों ने 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की बोली लगाई है.

ये भी पढे़ं: सहारनपुर पत्रकार हत्याकांड का खुलासा, बाप-बेटे समेत तीन गिरफ्तार

सरकारी दावों की खुली पोल

रामकुमार ने बताया कि वह एक बेरोजगार किसान है. उसने 2007 में डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग की थी. उसके बाद 2016 में और 2018 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग करके आया था. इस दौरान अधिकारियों ने इनको बताया था कि इन सर्फिकेट के आधार पर किसानों को वितीय सहायता और अन्य ऋण की सुविधायें मिलेंगीं ताकि किसान अपना रोजगार शुरू कर सके. लेकिन पिछले 8 महीनों से वह बैंकों और अधिकारियों के चक्कर काट रहे है. बावजूद इसके लोन के नाम पर रामकुमार को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.

लोन न मिलने की वजह से मैने अपनी किडनी बेचने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिया है. इससे जो रुपये मिलेंगे, उससे मैं साहूकारों का कर्ज उतार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकूंगा.
-रामकुमार, पीड़ित किसान

सहारनपुर: केंद्र की मोदी सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रही है. वहीं सहारनपुर के एक किसान ने कर्ज से मुक्ति पाने के लिए न सिर्फ अपनी किडनी नीलाम करने का फैसला लिया है बल्कि केंद्र सरकार के दावों की भी पोल खोल दी है. इस 35 वर्षीय किसान ने सोशल मीडिया पर किडनी बेचने का विज्ञापन पोस्ट किया है. खास बात यह है कि किडनी खरीदने के लिए 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की बोली लग चुकी है.

किसान ने लोन न मिलने पर किडनी बेचने का दिया विज्ञापन.

बैंक की कार्यशैली पर उठे सवाल
तहसील नकुड़ इलाके के चत्तरसाली गांव के रहने वाले रामकुमार नाम का किसान बसपा, सपा और बीजेपी सरकार में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग की तीन बार ट्रेनिंग ले चुका है. योजना के मुताबिक, ट्रेनिंग करने वाले किसानों को स्वरोजगार योजना के तहत दुधारू पशु पालन के लिए करोड़ों रुपये का लोन उपलब्ध कराया जाता है. इसके बावजूद रामकुमार के पास तीन-तीन सर्टिफिकेट होने के बाद भी किसी बैंक ने ऋण देना तो दूर आवेदन तक स्वीकार नहीं किया.

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साहूकारों से किसान को लेना पड़ा कर्ज

रामकुमार के मुताबिक, वह लगातार 10 बार ऋण के लिए आवेदन कर चुका है. बावजूद इसके बैंकों ने इसकी कोई सुनवाई नहीं की. जैसे-तैसे रामकुमार ने साहूकारों से 10 लाख रुपये का कर्ज लेकर गांव में दूध की डेयरी खोली थी, लेकिन सिवाय घाटे के उसके हाथ कुछ नहीं लगा. लगातार नुकसान से वह कर्ज के तले दबता चला गया, जिसके बाद उसने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायत की. बावजूद इसके रामकुमार को ऋण मिलना तो दूर उसकी ठीक से सुनवाई भी नही हुई.

सोशल मीडिया पर दिया किडनी बेचने का विज्ञापन

चारों ओर से निराश होकर कर्ज से पीछा छुड़ाने के लिए रामकुमार ने अपनी किडनी की नीलाम करने का फैसला लिया है. रामकुमार ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर किडनी बेचने का विज्ञापन पोस्ट कर दिया. जैसे ही किडनी बेचने का विज्ञापन सोशल मीडिया पर आया तो वह तेजी से वायरल हो गया.

लगातार लोगो के कमेंट आने के साथ ही खरीदारों ने बोली लगानी भी शुरू कर दी. दुबई और सऊदी अरब के जरूरतमंदों ने 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की बोली लगाई है.

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सरकारी दावों की खुली पोल

रामकुमार ने बताया कि वह एक बेरोजगार किसान है. उसने 2007 में डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग की थी. उसके बाद 2016 में और 2018 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग करके आया था. इस दौरान अधिकारियों ने इनको बताया था कि इन सर्फिकेट के आधार पर किसानों को वितीय सहायता और अन्य ऋण की सुविधायें मिलेंगीं ताकि किसान अपना रोजगार शुरू कर सके. लेकिन पिछले 8 महीनों से वह बैंकों और अधिकारियों के चक्कर काट रहे है. बावजूद इसके लोन के नाम पर रामकुमार को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.

लोन न मिलने की वजह से मैने अपनी किडनी बेचने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिया है. इससे जो रुपये मिलेंगे, उससे मैं साहूकारों का कर्ज उतार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकूंगा.
-रामकुमार, पीड़ित किसान

Intro:ख़बर से संबधित फीड WRAP से भेजी है।

सहारनपुर : एक और जहां केंद्र के मोदी सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रही है वहीं सहारनपुर के एक किसान ने कर्ज से मुक्ति पाने के लिए न सिर्फ अपनी किडनी नीलाम करने का फैसला लिया है। बल्कि केंद्र सरकार के दावों की पोल खोल दी है। 35 वर्षीय किसान ने सोशल मीडिया पर किडनी बेचने का विज्ञापन पोस्ट किया है। खास बात यह है कि किडनी खरीदने के लिए सऊदी अरब और 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक बोली लग चुकी है।


Body:VO 1 - सहारनपुर की तहसील नकुड़ इलाके के ग़ांव चत्तरसाली निवासी रामकुमार नाम के किसान बसपा , सपा और अब बीजेपी सरकार में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग की तीन बार ट्रेनिंग ले चुका है। योजना के मुताबिक ट्रेनिंग करने वाले किसानों को स्वरोजगार योजना के तहत दुधारू पशु पालन के लिए करोड़ो रूपये का लोन उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन रामकुमार के पास तीन तीन सर्टिफिकेट होने के बाद भी किसी बैंक ने ऋण देने तो दूर उसने आवेदन भी नही लिया है। रामकुमार के मुताबिक वह लगातार 10 बार ऋण के लिए आवेदन कर चुका है बावजूद इसके बैंकों ने इसकी कोई सुनवाई नही की है। जैसे तैसे रामकुमार ने साहूकारों से 10 लाख रुपये का कर्ज लेकर ग़ांव में दूध की डेयरी खोली थी लेकिन सिवाय घाटे के उसके हाथ कुछ नही लगा। लगातार नुकसान से वह कर्ज के तले दबता चला गया। जिसके बाद उसने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधान मंत्री तक शिकायत की। बावजूद इसके रामकुमार को ऋण मिलना तो दूर उसकी ठीक से सुनवाई भी नही हुई। चारो ओर से निराश होकर कर्ज से पीछा छुड़ाने के लिए रामकुमार ने अपनी किडनी की नीलाम करने का फैसला लिया है। रामकुमार ने 3 दिन पहले सोशल मीडिया पर किडनी बेचने का विज्ञापन पोस्ट कर दिया। जैसे ही किडनी बेचने का इस्तिहार सोशल मीडिया पर आया तो वह तेजी से वायरल हो गया। लगातार लोगो के कॉमेंट के साथ खरीदारों ने बोली लगानी शुरू कर दी। दुबई और सऊदी के जरूरतमंदों ने 50 लाख से 2 करोड़ रुपये की बोली लगा दी। रामकुमार ने बताया कि वह एक बेरोजगार किसान है उसने 2007 में डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग की थी। उसके बाद 2016 मे और 2018 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग करके आया था। इस दौरान अधिकारियो ने इन को बताया था कि इन सर्फिकेट के आधार पर किसानों को वितीय सहायता और अन्य ऋण की सुविधाये मिलेंगीं। ताकि किसान अपना रोजगार शुरू कर सके। लेकिन पिछले 8 महीनों से वह बैंकों और अधिकारियों के चक्कर काट रहे है। बावजूद इसके लोन के नाम पर रामकुमार को फूटी कौड़ी भी नही मिली। यही वजह है उसने किडनी बेचने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिया है। ताकि वह साहूकारों का कर्ज उतार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकू। आप भी सुनिए पूरी कहानी रामकुमार की जुबानी।


बाईट - रामकुमार ( किडनी बेचने वाला किसान )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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