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रामपुर: 12 साल बाद आज आएगा फैसला, CRPF सेंटर पर हुआ था आतंकी हमला

उत्तर प्रदेश के रामपुर में CRPF सेंटर पर हुए आतंकी हमले में आज फैसला आने की उम्मीद है. कोर्ट ने एक नवम्बर की तारीख फैसला सुनाने के लिए तय की थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 7 जवानों सहित 8 लोगों की मौत हुई थी.

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Published : Nov 1, 2019, 12:31 AM IST

Updated : Nov 1, 2019, 8:10 AM IST

रामपुर सीआरपीएफ सेन्टर पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा हमला.

रामपुर: अयोध्या मामले के फैसले को लेकर जहां देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हैं. वहीं रामपुर में भी 12 साल पुराने सीआरपीएफ सेंटर पर हुए आतंकी हमले के मामले में फैसला आने वाला है. 12 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 01 नवम्बर की तारीख तय की है. माना जा रहा है कि लंबे इंतजार के बाद अब सीआरपीएफ आतंकी हमले के इस मामले में जल्द ही दोषियों को सजा सुनाई जाएगी.

बचाव पक्ष के वकील ने दी जानकारी.

31 दिसंबर 2007 और 1 जनवरी 2008 की मध्यरात्रि में जब दुनिया पटाखे छोड़ कर नए साल का जश्न मना रही थी, तभी रामपुर के सीआरपीएफ के ग्रुप सेन्टर पर आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी करते हुए हमला कर दिया था. इस खूनी तांडव में 7 जवान शहीद हो गए थे. एक रिक्शा चालक की भी मौत हमले में हो गई थी.

इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. लगभग 12 साल से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. अब इस केस के जजमेंट की तारीख एक नवम्बर दी गयी है. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि शायद एक नवंबर को इस मामले पर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.
आतंकी हमले में मरने वालों के नाम:

  1. हवलदार रामजी सरन मिश्र
  2. हवलदार अफजाल अहमद
  3. हवलदार ऋषिकेश राय
  4. सिपाही आनन्द कुमार
  5. सिपाही मनवीर सिंह
  6. सिपाही विक्रम कुमार
  7. सिपाही देवेंद्र कुमार
  8. किशन लाल, रिक्शा चालक

वहीं ईटीवी भारत संवाददाता ने बचाव पक्ष के वकील जमीर रिजवी से बात की तो उन्होंने इस पूरे मामले के बारे में शुरू से बताया. उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2007 और 01 जनवरी 2008 की रात को 2 बजकर 30 मिनट पर रामपुर सीआरपीएफ सेन्टर पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा हमला किया गया था. यह हमला आतंकवादी हमला था और इसमें सीआरपीएफ के 7 जवान शहीद हुए थे और एक रिक्शा चालक भी मारा गया था. यह मामला अपर जिला जज थर्ड के यहां विचाराधीन है.

इसे भी पढ़ें: रामपुर: आईजी ने आम आदमी की तरह रिक्शा में बैठकर लिया सुरक्षा का जायजा

रिजवी ने आगे बताया कि इस मुकदमे में 54 गवाह बनाए गए थे. 54 गवाह में से अभियोजन पक्ष ने 38 गवाहों की गवाही कराई. एक अभियुक्त फहीम अंसारी जो मुंबई का रहने वाला है, उसके पास से एक पाकिस्तानी पासपोर्ट, पाकिस्तानी शिनाख्ती कार्ड, एक पिस्टल और बहुत सारे लाइनदार कागज बरामद हुए थे.

इसे भी पढ़ें: रामपुर: अवैध तमंचे से फायरिंग का वीडियो वायरल, आरोपी गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि फहीम को पुलिस ने रामपुर में रोडवेज के पास से गिरफ्तार किया था. इस तरह से 8 मुलजिम इस केस में बनाए गए. इस केस में 8 मुलजिम बनाए गए, जिसमें पांच मुलजिम सेंट्रल जेल बरेली में हैं और तीन मुलजिम लखनऊ जेल में हैं. सभी मुलजिमान पेशी पर आते हैं. अब इस मुकदमे में अरगुमेंट फाइनल हो चुकी है और 01 नवंबर को इसमें फैसला आने वाला है.

इसे भी पढ़ें: रामपुर में अखिल भारतीय मुशायरे का हुआ आयोजन, सुविख्यात शायरों ने की शिरकत

इस केस की एफआईआर कोतवाली सिविल लाइंस के दारोगा ओम प्रकाश ने लिखवाई और वह इस केस के वादी हैं. बाकी गवाहों के भी बयान लिए गए.

रामपुर: अयोध्या मामले के फैसले को लेकर जहां देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हैं. वहीं रामपुर में भी 12 साल पुराने सीआरपीएफ सेंटर पर हुए आतंकी हमले के मामले में फैसला आने वाला है. 12 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 01 नवम्बर की तारीख तय की है. माना जा रहा है कि लंबे इंतजार के बाद अब सीआरपीएफ आतंकी हमले के इस मामले में जल्द ही दोषियों को सजा सुनाई जाएगी.

बचाव पक्ष के वकील ने दी जानकारी.

31 दिसंबर 2007 और 1 जनवरी 2008 की मध्यरात्रि में जब दुनिया पटाखे छोड़ कर नए साल का जश्न मना रही थी, तभी रामपुर के सीआरपीएफ के ग्रुप सेन्टर पर आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी करते हुए हमला कर दिया था. इस खूनी तांडव में 7 जवान शहीद हो गए थे. एक रिक्शा चालक की भी मौत हमले में हो गई थी.

इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. लगभग 12 साल से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. अब इस केस के जजमेंट की तारीख एक नवम्बर दी गयी है. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि शायद एक नवंबर को इस मामले पर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.
आतंकी हमले में मरने वालों के नाम:

  1. हवलदार रामजी सरन मिश्र
  2. हवलदार अफजाल अहमद
  3. हवलदार ऋषिकेश राय
  4. सिपाही आनन्द कुमार
  5. सिपाही मनवीर सिंह
  6. सिपाही विक्रम कुमार
  7. सिपाही देवेंद्र कुमार
  8. किशन लाल, रिक्शा चालक

वहीं ईटीवी भारत संवाददाता ने बचाव पक्ष के वकील जमीर रिजवी से बात की तो उन्होंने इस पूरे मामले के बारे में शुरू से बताया. उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2007 और 01 जनवरी 2008 की रात को 2 बजकर 30 मिनट पर रामपुर सीआरपीएफ सेन्टर पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा हमला किया गया था. यह हमला आतंकवादी हमला था और इसमें सीआरपीएफ के 7 जवान शहीद हुए थे और एक रिक्शा चालक भी मारा गया था. यह मामला अपर जिला जज थर्ड के यहां विचाराधीन है.

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रिजवी ने आगे बताया कि इस मुकदमे में 54 गवाह बनाए गए थे. 54 गवाह में से अभियोजन पक्ष ने 38 गवाहों की गवाही कराई. एक अभियुक्त फहीम अंसारी जो मुंबई का रहने वाला है, उसके पास से एक पाकिस्तानी पासपोर्ट, पाकिस्तानी शिनाख्ती कार्ड, एक पिस्टल और बहुत सारे लाइनदार कागज बरामद हुए थे.

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उन्होंने बताया कि फहीम को पुलिस ने रामपुर में रोडवेज के पास से गिरफ्तार किया था. इस तरह से 8 मुलजिम इस केस में बनाए गए. इस केस में 8 मुलजिम बनाए गए, जिसमें पांच मुलजिम सेंट्रल जेल बरेली में हैं और तीन मुलजिम लखनऊ जेल में हैं. सभी मुलजिमान पेशी पर आते हैं. अब इस मुकदमे में अरगुमेंट फाइनल हो चुकी है और 01 नवंबर को इसमें फैसला आने वाला है.

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इस केस की एफआईआर कोतवाली सिविल लाइंस के दारोगा ओम प्रकाश ने लिखवाई और वह इस केस के वादी हैं. बाकी गवाहों के भी बयान लिए गए.

Intro:स्पेशल पैकेज स्टोरी
Approved shailender sir

Rampur up

Story Slug: सीआरपीएफ आतंकी हमले का फैसला जल्द,,कोर्ट ने फैसले के लिए 1 नवम्बर की तारीख तय की। आ सकता है फैसला ।

एंकर:अयोध्या मामले के फैसले को लेकर जहां देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हैं वही रामपुर में भी 12 साल पुराने सीआरपीएफ आतंकी हमले के मामले का फैसला भी आने वाला है। 12 साल तक चली सुनवाई के वाद अब कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 1 नवम्बर की तारीख तय की है । माना जा रहा है कि लंबे ििनतज़ार के बाद अब सीआरपीएफ आतंकी हमले के इस मामले में जल्दी ही दोषियों को सज़ा सुनाई जाएगी।
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वीओ1: रामपुर में 31 दिसंबर 2007 और 1 जनवरी 2008 की मध्यरात्रि में जब दुनिया पटाखे छोड़ कर नए साल का जश्न मना रही थी तब ही रामपुर सीआरपीएफ ग्रुप सेन्टर पर आतंककियो ने स्वचालित hathiyaro से गोलीबारी करते हुए हमला कर दिया था। इस खूनी तांडव में 7 जवान शहीद हो गए थे और एक रिक्शा चालक की भी मौत हो गयी थी। इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया था और जिनकी पेशी रामपुर न्यायालय में चल रही है अब इस मामले की सुनवाई आखिरी पड़ाव में है ।
जी हां लगभग 12 साल से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इसकी कई बार सुनवाइ भी हो चुकी है अब इस केस के जजमेंट की तारीख 1 नवम्बर दी गयी है अनुमान यह लगाया जा रहा है कि शायद 1 नवंबर को इस मामले पर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है..

इस आतंकी हमले में मरने वालों के नाम
1:हवलदार रामजी सरन मिश्र
2:हवलदार अफ़ज़ाल अहमद
3:हवलदार ऋषिकेश राय
4:सिपाही आनन्द कुमार
5:सिपाही मनवीर सिंह
6:सिपाही विक्रम कुमार
7:सिपाही देवेंद्र कुमार

ये जवान शहीद हुए थे

8:किशन लाल रिक्शा चालक

वही हमने बचाव पक्ष के वकील जमीर रिजवी साहब से बात की तो उन्होंने इस पूरे मामले के बारे में हमें शुरू से बताया उन्होंने बताया 31 दिसंबर 2007 और एक जनवरी 2008 की रात को 2:30 बजे रामपुर सीआरपीएफ पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा हमला किया गया था. यह हमला आतंकवादी हमला था. और इस हमले में 7 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे और एक रिक्शा चालक भी मारा गया था.इस हमले में 8 लोग मृतक थे उनका पोस्टमार्टम किया गया था.यह मामला अपर जिला जज थर्ड के यहां विचाराधीन है,,, इस मुकदमे में करीब 54 गवाह बनाए गए थे,,,, 54 गवाह में से अभियोजन पक्ष ने 38 गवाहों की गवाही कराई,,,, उसके बाद बयान मुलजिम हुए ,,,,और 313 के बयान बनाए गए,,,,, उसके बाद बहस की गई,, इस मुकदमे में बहस करीब 4 दिन तक चली,,,, एक अभियुक्त फहीम अंसारी जो मुंबई का रहने वाला है,,,, उसके पास से एक पासपोर्ट पाकिस्तानी पाकिस्तानी शिनाख्ती कार्ड,, एक पिस्टल पाकिस्तान मेड,,,, और बहुत सारे लाइन दार कागज बरामद हुए थे,,,,फहीम को पुलिस ने उसको रामपुर में रोडवेज के पास से गिरफ्तार किया था,,, इस तरह से 8 मुलजिम इस केस में बनाए गए इस केस में आठ मुलजिम बनाए गए जिसमें पांच मुलजिम सेंट्रल जेल बरेली में है और तीन मुलजिम लखनऊ जेल से आते हैं सभी मुलजीमान पेशी पर आते हैं अब इस मुकदमे में अरगुमेंट फाइनल हो चुकी हैं और 1 नवंबर को इसमें फैसला आने वाला है 1 नवंबर 2019 जजमेंट की डेट लगी है इस हमले में 7 जवान सीआरपीएफ के थे और एक रिक्शा चालक किशनलाल था जो मारा गया था कुल मिलाकर इस हमले में 8 लोग मारे गए थे 1 जनवरी 2008 को हमला हुआ और 1 जनवरी को दोपहर को 3:00 बजे चार पांच अज्ञात आतंकवादियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई इस केस की एफ आई आर कोतवाली सिविल लाइंस के दरोगा ओम प्रकाश जी ने लिखवाई और वह इस केस के वादी है,,,,, उनका बयान pw1 के तहत किया गया और बाकी गवाहों के भी बयान किए गए कुल मिलाकर 38 गवाहों ने गवाही दी पुलिस ने इसमें 8 लोगों को आरोपी बनाया 1,,जंग बहादुर उर्फ बाबा खान, 2,,, शरीफ खान 3,,,गुलाब खान रामपुर की तहसील बिलासपुर का निवासी है ,,,4,,,,कौसर खान,,,5,, फहीम अंसारी मुम्बई का निवासी है 6,,,इमरान शहजाद,,,7,,, मोहम्मद फारुख यह पाकिस्तान के निवासी हैं 8,,, सबाउद्दीन यह बिहार के मधुबनी निवासी हैConclusion:बाइट ज़मीर रिज़वी बचाव पक्ष के वकील
विसुअल आतंकी कोर्ट आते
विसुअल सीआरपीएफ
Reporter Azam khan
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Last Updated : Nov 1, 2019, 8:10 AM IST
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