रामपुरः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर प्रदेश में सियासी पारा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को रिझाने में जुट गई हैं. जहां नेता लोकलुभावने वादा करके मतदताओं से सत्ता में वापसी करने की गुहार लगा रहे हैं, वहीं जनता भी किए गए वादों को याद दिलाने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. जिले के विधानसभा चमरौआ-35 में 5 सालों में कितना विकास हुआ और वर्तमान विधायक नसीर अहमद खान के कार्यकाल में लोगों को कितना लाभ मिला. इस संबंध में ETV BHARAT ने चमरौआ विधानसभा क्षेत्र के लोगों की राय जानी.
ETV BHARAT से बातचीत करते हुए महिला रेखा ने बताया कि पिछले 5 सालों में कुछ विकास नहीं हुआ है. महिला ने कहा कि उसका घर भी टूटा हुआ पड़ा है. सरकार की ओर से बनाया गया शौचालय भी टूट चुका है. रेखा ने कहा कि इस बार जो सरकार बने वह मुझे घर और शौचालय दे. वहीं, महिला ममता ने कहा कोई विकास नहीं हुआ है. जो सरकारी योजनाएं हैं उनका भी हमें लाभ नहीं मिला है. किसान सम्मान निधि का पैसा भी नहीं मिल रहा है. ममता ने कहा कि उसे आवास अभी तक नहीं मिला है.
स्थानीय निवासी इरफान मियां ने बताया कि पिछले 5 साल में कुछ विकास कार्य हुए हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में अनाज खूब मिल रहा है. हर महीने 2 बार आनाज मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब जनता को नहीं मिला है. वाजिद ने बताया कि योगी सरकार में कारोबार तो खत्म होने की कगार पर है. वहीं, किसान की बहुत बुरी कंडीशन है. किसान का पूरे पैसों में अनाज नहीं बिकता है. कृषि कानून को सरकार को हर हाल में वापस लेना पड़ेगा.
स्थानीय निवासी मोहम्मद राशिद ने बताया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में कई सड़कें, नालें भी बने हैं विकास हुआ है. इन 5 सालों में क्षेत्र में जितने भी गांव हैं उनमें विधायक के कोटे से सड़क बनी है. बीजेपी के किसी भी कार्यकर्ता ने आकर पूछा भी नहीं है कि गरीब जनता के क्या हाल है.
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वहीं, बुजुर्ग अलाउद्दीन ने कहा कि कुछ भी काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि न किसी गांव में नाली बनी है न ही में कोई चकरोड बनाएं है. अलाउद्दीन ने कहा कि पेंशन और आवास का लाभ भी नहीं मिला. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.
चाय बेचने वाले जाकिर खान ने कहा कि पिछले 5 सालों में हमारे पत्थर खेड़ा गांव में कोई विकास नहीं हुआ है. सब कच्चे रास्ते पड़े हुए हैं, नाली टूटी पड़ी हुई हैं. हमारे यहां न तो विधायक ने कोई काम किया है न जिला पंचायत सदस्य ने और न ही प्रधान ने कोई काम किया है.