रामपुर: तहसील शाहबाद के एक छोटे से गांव के रहने वाले गरीब किसान के बेटे अभिषेक ने एक ऐसा आविष्कार किया है, जो देश के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. अभिषेक ने चंद्रयान-3 के नाम से लैंडर मॉडल तैयार किया है, जिसे बनाने में उसे लगभग 2 महीने का वक्त लगा. अभिषेक का कहना है कि उन्होंने चन्द्रयान-2 की विफलता से प्रेरित होकर यह मॉडल बनाया है. इस अविष्कार में उनके परिवार का और खासकर भाई का अहम रोल है, जो अभिषेक को प्रोत्साहित करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं.
12वीं का छात्र है अभिषेक
तहसील शाहबाद के एक छोटे से गांव दनिया पुर का रहने वाले अभिषेक 12वीं का छात्र हैं. अभिषेक के मुताबिक उसने लैंडर मॉडल में कई सर्किट व सेंसर मोटर आदि इस्तेमाल किया है. यह मॉडल ऊबड़ खाबड़ रास्तों पर जाने में भी सक्षम है. अभिषेक का कहना है कि चंद्रयान-2 फेल होने से पूरा देश निराश हुआ. उसकी विज्ञान में रुचि है, इसलिए उसने विफलता के कारणों को अपने नजरिए से समझने की कोशिश की.
भाई ने मॉडल बनाने में की मदद
मॉडल बनाने के लिए अभिषेक को भाई ने फसल बेचकर पैसे दिए. अभिषेक ने अपने घर के अंदर एक छोटी सी लैब भी बना रखी है. इससे पहले भी वह कई अविष्कार कर चुके हैं. वह अपने काम में इतना मस्त रहते हैं कि वह शायद 24 घंटे में मुश्किल से 2 या 3 घंटे सोते होंगे. हर वक्त उनके दिमाग में कुछ न कुछ नया अविष्कार करने का प्लान चलता रहता है.
तीन अविष्कार कर चुके हैं अभिषेक
लैंडर मॉडल चंद्रयान-3 को बनाने वाले अभिषेक ने बताया कि उनको एक्सपेरिमेंट करने का बचपन से ही शौक रहा है. साल 2012 में उन्होंने किसानों के लिए कॉल स्टार्टर बनाया था, जिससे किसानों को अपने खेत पर ट्यूबवेल इंजन चलाने की जरूरत नहीं पड़ती थी. वह अपने घर से ही उसको स्टार्ट कर दिया करते थे. उसके बाद 2015 में अभिषेक ने एक ड्रोन बनाया और 2016 में एक आज्ञाकारी एलईडी बल्ब बनाया, जो उनकी आवाज से चालू होता था और उन्ही की आवाज से बंद होता था.
चन्द्रयान-2 की विफलता से पहुंचा दु:ख
अभिषेक ने बताया कि जब चन्द्रयान-2 की लॉन्चिंग हो रही थी, तब न्यूज चैनल पर उसी की ही खबरें चल रही थी. वो सब देखकर मुझे बड़ी खुशी मिलती थी कि हमारा देश और इसरो इतनी तरक्की कर रहा है. जिस दिन इसकी लॉन्चिंग हुई और जिस दिन इसकी लैंडिंग होनी थी, उससे कुछ क्षण पहले ही इसरो का इससे संपर्क टूट गया. इसके बाद मुझे बड़ा दु:ख हुआ. देश को इतना नुकसान हुआ.
चन्द्रयान-2 से मिली प्रेरणा
अभिषेक ने कहा कि विक्रम लैंडर की चन्द्रमा पर हार्ड लैंडिंग हुई थी. वह एक साइड में टिल्ट हुआ बताया गया. उसकी तस्वीरें भी आई थी. उसको देखकर मैंने सोचा कि कि ऐसा कुछ किया जाए, जिससे कि वह सीधा हो जाए. अब चंद्रयान पर कोई व्यक्ति तो है नहीं कि उसको जाकर सीधा करेगा. उसी से प्रेरणा लेकर मैंने यह मॉडल तैयार किया है.
क्या है चन्द्रयान-3
अभिषेक ने इस मॉडल के बारे में डिटेल से बताया. उन्होंने कहा कि यह चंद्रयान-3 के लिए लैंडर है. मैंने इसमें तीन तरह के जैक तैयार किए हैं. एक प्लेनर जैक है और दूसरा सेल बैलेंसिंग जैक है और तीसरा सेल्फ स्टैंडिंग जैक है. इसमें अहम काम जो रहेगा, वह लैंडर को अपनी सीधी अवस्था में लाने का रहेगा. उन्होंने बताया कि चंद्रमा पर तो किसी ने देखा नहीं है कितनी प्लेन जगह है और कितने गड्डे हैं. यह थोड़ी बहुत ऊंची-नीची जगह हो या खाई गड्डे में होगा तो ऑटोमेटिकली अपनी प्लेन जगह ढूंढ कर पहुंच जाएगा.
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