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रामपुर: सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने आजम खां पर लगाया जान के मारने का आरोप - सपा सांसद आजम खां

सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने सपा सांसद आजम खां पर जान से मारने का आरोप लगाया है. फैसल ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र भी लिखा है और अपनी सुरक्षा की मांग की है.

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सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला
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Published : Feb 28, 2020, 7:10 PM IST

रामपुर: सपा सांसद आजम खां और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्लाह आजम खां भले ही जेल की सलाखों के पीछे हो, लेकिन उसके बावजूद उनके विरोधियों का पलटवार अभी भी जारी है. आजम खां के कट्टर विरोधी सोशल एक्टिविस्ट फैसल लाला ने आजम खां पर जान से मारने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आजम खां सीतापुर जेल में अपराधियों के साथ मिलकर उनकी हत्या कराने की साजिश रच रहे हैं. इसी को लेकर उन्होंने सुरक्षा की मांग की है.

सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने सरकार से मांगी सुरक्षा.

फैसल लाला ने अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र
सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि रामपुर से सांसद आजम खां, जिनके ऊपर 80 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और जोकि धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज बनाने के केस में 26 फरवरी को पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला के साथ रामपुर जेल में बंद हुए थे और जिन्हें अकारण देर रात रामपुर से जनपद सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया है.

फैसल खान लाला ने कहा

सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने बताया कि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि आजम खां को जेल में न सिर्फ फाइव स्टार होटल का खाना परोसा जा रहा है, बल्कि मोबाइल की सहूलियत भी दी गई है. इसके अतिरिक्त जेल नियमों को दरकिनार करके अनेक संदिग्ध और अपराधी प्रवृति के लोगों की दिन-रात खुली मुलाकात कराई जा रही है, जबकि जेल नियमों के तहत एक गिरोह के लोगों को अलग-अलग जेल में रखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "मैं आजम खां के विरुद्ध लंबे समय से शिकायतें और मुकदमे दर्ज कराता रहा हूं, जिस पर शासन स्तर से कई जांचें चल रही हैं. आजम खान की सीबीआई जांच कराने के लिए मैंने एक पीआईएल याचिका संख्या 2479/19 हाईकोर्ट में दाखिल की है, जिस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार से हलफनामें पर जवाब दाखिल करने के लिए 12 फरवरी 2020 से तीन हफ्ते का समय दिया है. मेरे पास आजम खां के काले कारनामों के बहुत से सबूत मौजूद हैं. इसलिए आजम खां मेरी जान के सख्त दुश्मन बने हुए हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह मेरे पास मौजूद सबूतों को मिटाने के लिए सीतापुर जेल में बैठकर आपराधिक प्रवृति के लोगों से मिलकर मेरी हत्या की खतरनाक साजिशें रच रहे हैं".

इसे भी पढ़ें: मुरादाबाद कोर्ट से भी गैर जमानती वारेंट, आजम खां ने सरेंडर की लगाई अर्जी

फैसल लाला ने कहा कि पहले कई बार राजभवन ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मुझे सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद मुझे दो गनर उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन हाल ही में दोनों गनरों को मेरी सुरक्षा से हटा लिया गया है. फैसल लाला ने कहा कि 20 फरवरी 2020 को भारत के गृह मंत्रालय सहित संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर दोबारा सुरक्षा उपलब्ध कराने का आग्रह किया था.

फैसल लाला ने अपर मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि मामले की गहनता से जांच कराकर आजम खां को मदद करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही मुझे पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए.

रामपुर: सपा सांसद आजम खां और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्लाह आजम खां भले ही जेल की सलाखों के पीछे हो, लेकिन उसके बावजूद उनके विरोधियों का पलटवार अभी भी जारी है. आजम खां के कट्टर विरोधी सोशल एक्टिविस्ट फैसल लाला ने आजम खां पर जान से मारने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आजम खां सीतापुर जेल में अपराधियों के साथ मिलकर उनकी हत्या कराने की साजिश रच रहे हैं. इसी को लेकर उन्होंने सुरक्षा की मांग की है.

सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने सरकार से मांगी सुरक्षा.

फैसल लाला ने अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र
सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि रामपुर से सांसद आजम खां, जिनके ऊपर 80 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और जोकि धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज बनाने के केस में 26 फरवरी को पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला के साथ रामपुर जेल में बंद हुए थे और जिन्हें अकारण देर रात रामपुर से जनपद सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया है.

फैसल खान लाला ने कहा

सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला ने बताया कि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि आजम खां को जेल में न सिर्फ फाइव स्टार होटल का खाना परोसा जा रहा है, बल्कि मोबाइल की सहूलियत भी दी गई है. इसके अतिरिक्त जेल नियमों को दरकिनार करके अनेक संदिग्ध और अपराधी प्रवृति के लोगों की दिन-रात खुली मुलाकात कराई जा रही है, जबकि जेल नियमों के तहत एक गिरोह के लोगों को अलग-अलग जेल में रखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "मैं आजम खां के विरुद्ध लंबे समय से शिकायतें और मुकदमे दर्ज कराता रहा हूं, जिस पर शासन स्तर से कई जांचें चल रही हैं. आजम खान की सीबीआई जांच कराने के लिए मैंने एक पीआईएल याचिका संख्या 2479/19 हाईकोर्ट में दाखिल की है, जिस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार से हलफनामें पर जवाब दाखिल करने के लिए 12 फरवरी 2020 से तीन हफ्ते का समय दिया है. मेरे पास आजम खां के काले कारनामों के बहुत से सबूत मौजूद हैं. इसलिए आजम खां मेरी जान के सख्त दुश्मन बने हुए हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह मेरे पास मौजूद सबूतों को मिटाने के लिए सीतापुर जेल में बैठकर आपराधिक प्रवृति के लोगों से मिलकर मेरी हत्या की खतरनाक साजिशें रच रहे हैं".

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फैसल लाला ने कहा कि पहले कई बार राजभवन ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मुझे सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद मुझे दो गनर उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन हाल ही में दोनों गनरों को मेरी सुरक्षा से हटा लिया गया है. फैसल लाला ने कहा कि 20 फरवरी 2020 को भारत के गृह मंत्रालय सहित संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर दोबारा सुरक्षा उपलब्ध कराने का आग्रह किया था.

फैसल लाला ने अपर मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि मामले की गहनता से जांच कराकर आजम खां को मदद करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही मुझे पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए.

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