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आजम खान ने बताया सपा में अपनी हैसियत का किस्सा, खेला मुस्लिम कार्ड - mohd Azam Khan

रामपुर में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान ने चुनावी सभा में एक बार फिर सोमवार को बीजेपी पर हमला बोला. पूर्व सांसद ने कहा कि रामपुर में राम का नाम है, फिर भेदभाव क्यों?

Samajwadi Party Leader mohd Azam Khan
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Published : May 2, 2023, 7:15 AM IST

रामपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान

रामपुरः नगर निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान में महज चंद दिन बाकी हैं. 4 मई को निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा. इसके लिए सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा दम लगा रहे हैं. जिले में भी यह सिलसिला जारी है. लेकिन, इनमें सबसे ज्यादा चर्चा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान के चुनावी सभाओं की हो रही है. पिछले कई दिनों से पूर्व सांसद रामपुर में लगातार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए जनसभाएं कर रहे हैं. इनमें वो अपने पुराने अंदाज में नजर आ रहे हैं. वह सरकार पर तीखा प्रहार और रामपुर के विकास में अपनी व सामजवादी पार्टी के कामों की गिनती करा रहे हैं. सोमवार को भी आजम खान ने जिले में चुनावी सभा की. मोहल्ला शुतर खाने के चौराहे पर लोगों को संबोधित करते हुए पार्टी में अपनी हैसियत को लेकर कई बड़े बयान दिए.

समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी फातिमा जबी के लिए जनता से वोट मांगते हुए आजम खान ने कहा, 'एक बार जब चुनाव से पहले मेनिफेस्टो तैयार होने लगा, तो मुझे सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह का फोन आया. 'मेनिफेस्टो के लिए कोई राय है?' तो मैंने पूछा क्या मेनिफेस्टो छप गया? तो उन्होंने बोला हां छप गया. मैनें कहा जब मेनिफेस्टो छप गया तो फिर मेरे राय की क्या जरूरत है. अब आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं. मुलायम सिंह ने मुझसे कहा कि तुम राय लिखकर तो भेजो. मैंने राय लिख कर भेजा कि 'उर्दू को रोजी-रोटी से जोड़ा जाएगा'. लाखों कापियां मेनिफेस्टो की छप गई थीं. वो सारी कॉपियां जला दी गईं. फिर इस जुमले को जोड़कर नया मेनिफेस्टो जारी किया गया और सरकार बनी.'

पूर्व सपा सांसद ने भाजपा के एमपी-एमएलए पर निशाना साधते हुए कहा, 'विरासत मायने नहीं रखती. ओहदा जो होता है. वह दिलों पर राज करता है. एमपी-एमएलए के नाम पर जो लोग राज करते हैं. वो घटिया लोग होते हैं. संविदा के लोग होते हैं. मैं अपने हिंदू भाई-बहनों से ईसाई भाइयों से यह पूछना चाहता हूं कभी वजीर रहते हुए मैंने मुसलमान के खातिर इंसाफ के कलम से किसी हिन्दू बहन-भाई या बेटी का हक मारा हो, तो मैं अपनी शक्ल नहीं दिखाउंगा.

आजम खान ने नवाब परिवार पर हमला बोलते हुए कहा, 'आप कहां के नवाब साहब हैं, आपकी रियासत की हद क्या है. लिखते नवाब हैं, लेकिन वोट कितने मिले पौने तीन हजार. हर चीज का सौदा कर दिया, स्वार टांडा की सीट के लिए. आजम खान ने कहा नौजवानों हमारे गमों का तो पूछो मत, बर्दाश्त नहीं कर सकोगे. सुन लोगे तो जलकर खाक हो जाओगे. हमारे मुकदमों की गिनती सुन लो 2000 बच्चे जो तुम्हारे ही समाज के हैं. जाने कितने लोग होंगे या जिनके बहन बेटियां रामपुर पब्लिक स्कूल में पढ़ती होंगी. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से भेदभाव समझ में आता है, लेकिन रामपुर पब्लिक स्कूल तो राम के नाम पर है.

ये भी पढ़ेंः प्रयागराज में सीएम योगी का दौरा आज, माफिया अतीक अहमद के गढ़ में करेंगे जनसभा

रामपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान

रामपुरः नगर निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान में महज चंद दिन बाकी हैं. 4 मई को निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा. इसके लिए सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा दम लगा रहे हैं. जिले में भी यह सिलसिला जारी है. लेकिन, इनमें सबसे ज्यादा चर्चा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान के चुनावी सभाओं की हो रही है. पिछले कई दिनों से पूर्व सांसद रामपुर में लगातार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए जनसभाएं कर रहे हैं. इनमें वो अपने पुराने अंदाज में नजर आ रहे हैं. वह सरकार पर तीखा प्रहार और रामपुर के विकास में अपनी व सामजवादी पार्टी के कामों की गिनती करा रहे हैं. सोमवार को भी आजम खान ने जिले में चुनावी सभा की. मोहल्ला शुतर खाने के चौराहे पर लोगों को संबोधित करते हुए पार्टी में अपनी हैसियत को लेकर कई बड़े बयान दिए.

समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी फातिमा जबी के लिए जनता से वोट मांगते हुए आजम खान ने कहा, 'एक बार जब चुनाव से पहले मेनिफेस्टो तैयार होने लगा, तो मुझे सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह का फोन आया. 'मेनिफेस्टो के लिए कोई राय है?' तो मैंने पूछा क्या मेनिफेस्टो छप गया? तो उन्होंने बोला हां छप गया. मैनें कहा जब मेनिफेस्टो छप गया तो फिर मेरे राय की क्या जरूरत है. अब आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं. मुलायम सिंह ने मुझसे कहा कि तुम राय लिखकर तो भेजो. मैंने राय लिख कर भेजा कि 'उर्दू को रोजी-रोटी से जोड़ा जाएगा'. लाखों कापियां मेनिफेस्टो की छप गई थीं. वो सारी कॉपियां जला दी गईं. फिर इस जुमले को जोड़कर नया मेनिफेस्टो जारी किया गया और सरकार बनी.'

पूर्व सपा सांसद ने भाजपा के एमपी-एमएलए पर निशाना साधते हुए कहा, 'विरासत मायने नहीं रखती. ओहदा जो होता है. वह दिलों पर राज करता है. एमपी-एमएलए के नाम पर जो लोग राज करते हैं. वो घटिया लोग होते हैं. संविदा के लोग होते हैं. मैं अपने हिंदू भाई-बहनों से ईसाई भाइयों से यह पूछना चाहता हूं कभी वजीर रहते हुए मैंने मुसलमान के खातिर इंसाफ के कलम से किसी हिन्दू बहन-भाई या बेटी का हक मारा हो, तो मैं अपनी शक्ल नहीं दिखाउंगा.

आजम खान ने नवाब परिवार पर हमला बोलते हुए कहा, 'आप कहां के नवाब साहब हैं, आपकी रियासत की हद क्या है. लिखते नवाब हैं, लेकिन वोट कितने मिले पौने तीन हजार. हर चीज का सौदा कर दिया, स्वार टांडा की सीट के लिए. आजम खान ने कहा नौजवानों हमारे गमों का तो पूछो मत, बर्दाश्त नहीं कर सकोगे. सुन लोगे तो जलकर खाक हो जाओगे. हमारे मुकदमों की गिनती सुन लो 2000 बच्चे जो तुम्हारे ही समाज के हैं. जाने कितने लोग होंगे या जिनके बहन बेटियां रामपुर पब्लिक स्कूल में पढ़ती होंगी. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से भेदभाव समझ में आता है, लेकिन रामपुर पब्लिक स्कूल तो राम के नाम पर है.

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