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रामपुर रजा लाइब्रेरी के 250वें साल पर रंगारंग कार्यक्रम, कुमार विश्वास ने कविताओं से मोहा मन - नवाब फैजुल्ला खान

रामपुर की रजा लाइब्रेरी (Raza Library of Rampur ) के 250 साल पूरे होने पर एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्धाटन करने मशहूर कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) पहुंचे थे. यहां उन्होंने अपनी कविताओं से लोगों के मन को मोह लिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 1:05 PM IST

कुमार विश्वास ने मंच से कहा.

रामपुर: ऐतिहासिक रामपुर की रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूरे होने पर एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में पहुंचे मशहूर कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने फीता काटकर उद्घाटन किया. इसके बाद लाइब्रेरी में टहलकर कुमार विश्वास ने एक-एक चीज को देखा. इस दौरान मशहूर कवि को देखने के लिए लोगों का हजूम उमड़ पड़ा था. यहां मशहूर कवि ने अपनी मधुर आवाज से कविताएं सुनाकर लोगों का मनमोह लिया. इस कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, सांसद घनश्याम सिंह लोधी, विधायक आकाश सक्सेना, मंडल आयुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह और जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़ समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.

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किले के अलीशान मंच पर कुमार विश्वास.




मशहूर कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने रामपुर की ऐतिहासिक रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूरे होने पर फीता काटकर कार्यक्रम का किया उद्घाटन किया. इस दौरान मशहूर कवि के लिए किले के मैदान में एक अलीशान मंच भी बनाया गया था. कुमार विश्वास ने वहां मौजूद हर किसी का मनमोह लिया. रजा लाइब्रेरी के 250 साल पूरे होने पर लेजर लाइट एंड साउंड शो के जरिए लाइब्रेरी के इतिहास को दर्शाया गया था. किस तरह से यह लाइब्रेरी वजूद में आई. इस लाइब्रेरी को यहां तक पहुंचाने में किन-किन लोगों का अहम योगदान रहा है. चाहे वह नवाब परिवार के लोग हों या अब लाइब्रेरी को इस मकाम पर लाने के लिए अधिकारियों और सियासतों का अहम रोल हो. सबको विस्तार से दिखाया गया था.

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रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूरे होने पर रंगारंग कार्यक्रम में पहुंचे कुमरा विश्वास.


रामपुर की यह विश्व प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी देश ही नहीं पूरी दुनिया में अलग पहचान और मकाम रखती है. 7 अक्टूबर 2024 को रजा लाइब्रेरी के 250 साल पूरे होने हो रहे थे. इसी के उपलक्ष में 7 अक्टूबर 2023 से रजा लाइब्रेरी के लिए एक उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया है. बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 से 7 अक्टूबर 2024 तक यानी एक साल तक लगातार कार्यक्रम चलते रहेंगे. यह ऐतिहासिक आलीशान रजा लाइब्रेरी पहले कभी रामपुर नवाब का किला हुआ करती थी. अब उस किले में रजा लाइब्रेरी है और इस लाइब्रेरी का इतिहास भी काफी लंबा है.

गौरतलब है कि इस रजा लाइब्रेरी को 7 अक्टूबर 1774 में नवाब फैजुल्ला खान द्वारा निजी संग्रह के रूप में तैयार किया गया था. इसके बाद इस लाइब्रेरी के लिए 1840 में नवाब सैयद मोहम्मद सईद खान ने दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रतियां तैयार करवा दी. इसके बाद उन दर्लभ पांडुलिपियों को रजा लाइब्रेरी में संग्रहित कराई. यहां कैलीग्राफी के 2172 नमूने हैं. इसके अतिरिक्त यहां 1361 सिक्कों का संग्रह है. सोने, चांदी, कॉपर के इन सिक्को का लंबा इतिहास एक समय के बारे में बताते हैं. इस रजा लाइब्रेरी में हजरत अली के हाथ का लिखा कुरान है और पर्शियन में लिखी रामायण भी है. जो शायद ही कहीं और दूसरी जगह यह मिले.


वहीं, प्रसिद्ध कवि डॉक्टर कुमार विश्वास देर रात रजा लाइब्रेरी की स्थापना के 250 साल पूरे होने के मौके पर रामपुर पहुंचे थे. उन्होंने वहां आए दर्शकों को अपनी कविताओं से मनमोह लिया. कुमार विश्वास ने कहा इस देश में कोई आदमी ऐसा नहीं है. जो पांच वाक्य ऐसे बोलकर दिखाएं जिसमें उर्दू का एक लफ्ज भी ना हो. उन्होंने कहा कि यह सोचना पड़ेगा उर्दू भाषा सबकी है. किसी के लिए मां है तो किसी के लिए मौसी है. उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा कितने लोगों की अरमान लिए बैठी है. आंचल के तले उसकी तस्वीर कलेजे को हिला देती है, शराबी बाप को जब कोई लाडली बेटी जवानी बेचकर दो घूट पिला देती है.

यह भी पढ़ें- सनातन विरोधी बयानों पर बोले कुमार विश्वास, पहले धर्म विरोधी घोड़े-ऊंट पर आते थे, अब सदन में चढ़कर आ रहे


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कुमार विश्वास ने मंच से कहा.

रामपुर: ऐतिहासिक रामपुर की रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूरे होने पर एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में पहुंचे मशहूर कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने फीता काटकर उद्घाटन किया. इसके बाद लाइब्रेरी में टहलकर कुमार विश्वास ने एक-एक चीज को देखा. इस दौरान मशहूर कवि को देखने के लिए लोगों का हजूम उमड़ पड़ा था. यहां मशहूर कवि ने अपनी मधुर आवाज से कविताएं सुनाकर लोगों का मनमोह लिया. इस कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, सांसद घनश्याम सिंह लोधी, विधायक आकाश सक्सेना, मंडल आयुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह और जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादड़ समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.

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किले के अलीशान मंच पर कुमार विश्वास.




मशहूर कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने रामपुर की ऐतिहासिक रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूरे होने पर फीता काटकर कार्यक्रम का किया उद्घाटन किया. इस दौरान मशहूर कवि के लिए किले के मैदान में एक अलीशान मंच भी बनाया गया था. कुमार विश्वास ने वहां मौजूद हर किसी का मनमोह लिया. रजा लाइब्रेरी के 250 साल पूरे होने पर लेजर लाइट एंड साउंड शो के जरिए लाइब्रेरी के इतिहास को दर्शाया गया था. किस तरह से यह लाइब्रेरी वजूद में आई. इस लाइब्रेरी को यहां तक पहुंचाने में किन-किन लोगों का अहम योगदान रहा है. चाहे वह नवाब परिवार के लोग हों या अब लाइब्रेरी को इस मकाम पर लाने के लिए अधिकारियों और सियासतों का अहम रोल हो. सबको विस्तार से दिखाया गया था.

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रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूरे होने पर रंगारंग कार्यक्रम में पहुंचे कुमरा विश्वास.


रामपुर की यह विश्व प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी देश ही नहीं पूरी दुनिया में अलग पहचान और मकाम रखती है. 7 अक्टूबर 2024 को रजा लाइब्रेरी के 250 साल पूरे होने हो रहे थे. इसी के उपलक्ष में 7 अक्टूबर 2023 से रजा लाइब्रेरी के लिए एक उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया है. बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 से 7 अक्टूबर 2024 तक यानी एक साल तक लगातार कार्यक्रम चलते रहेंगे. यह ऐतिहासिक आलीशान रजा लाइब्रेरी पहले कभी रामपुर नवाब का किला हुआ करती थी. अब उस किले में रजा लाइब्रेरी है और इस लाइब्रेरी का इतिहास भी काफी लंबा है.

गौरतलब है कि इस रजा लाइब्रेरी को 7 अक्टूबर 1774 में नवाब फैजुल्ला खान द्वारा निजी संग्रह के रूप में तैयार किया गया था. इसके बाद इस लाइब्रेरी के लिए 1840 में नवाब सैयद मोहम्मद सईद खान ने दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रतियां तैयार करवा दी. इसके बाद उन दर्लभ पांडुलिपियों को रजा लाइब्रेरी में संग्रहित कराई. यहां कैलीग्राफी के 2172 नमूने हैं. इसके अतिरिक्त यहां 1361 सिक्कों का संग्रह है. सोने, चांदी, कॉपर के इन सिक्को का लंबा इतिहास एक समय के बारे में बताते हैं. इस रजा लाइब्रेरी में हजरत अली के हाथ का लिखा कुरान है और पर्शियन में लिखी रामायण भी है. जो शायद ही कहीं और दूसरी जगह यह मिले.


वहीं, प्रसिद्ध कवि डॉक्टर कुमार विश्वास देर रात रजा लाइब्रेरी की स्थापना के 250 साल पूरे होने के मौके पर रामपुर पहुंचे थे. उन्होंने वहां आए दर्शकों को अपनी कविताओं से मनमोह लिया. कुमार विश्वास ने कहा इस देश में कोई आदमी ऐसा नहीं है. जो पांच वाक्य ऐसे बोलकर दिखाएं जिसमें उर्दू का एक लफ्ज भी ना हो. उन्होंने कहा कि यह सोचना पड़ेगा उर्दू भाषा सबकी है. किसी के लिए मां है तो किसी के लिए मौसी है. उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा कितने लोगों की अरमान लिए बैठी है. आंचल के तले उसकी तस्वीर कलेजे को हिला देती है, शराबी बाप को जब कोई लाडली बेटी जवानी बेचकर दो घूट पिला देती है.

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