रामपुर: समाजवादी पार्टी ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव में आजम खान के बेहद करीबी आसिम राजा को प्रत्याशी बनाने के ऐलान के बाद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर. रामपुर में नामांकन के आखिरी दिन तक सपा के प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस था. हालांकि, सपा की ओर से दो नामांकन पत्र खरीदे गए थे, जिसमें से एक आसिम राजा के नाम से और दूसरा आजम खान की पत्नी डॉ. ताज़ीन फातिमा के नाम से. लेकिन, नामांकन खत्म होने से कुछ घंटे पहले ही आजम खान ने सपा के नगर अध्यक्ष आसिम राजा के नाम पर आखिरी मुहर लगा दी.
आजम खान के करीबी आमने-सामने: समाजवादी पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद असीम राजा चमरोआ के विधायक नसीर अहमद खां के साथ नामांकन के लिए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. आसिम राजा के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी हैं. घनश्याम भी सपा में थे लेकिन कुछ महीने पहले ही वह सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं. वह भी आजम खान के काफी करीबी रह चुके हैं. अब इस वक्त दोनों ही आजम खान के करीबी आपस में एक दूसरे के मुकाबले में है.
शमसी बिरादरी पर आसिम की अच्छी पकड़: सपा प्रत्याशी आसिम राजा पूर्व सभासद भी रह चुके हैं और वह व्यापारी नेता हैं. आसिफ राजा की शमसी बिरादरी पर अच्छी पकड़ है. मोहल्ला घेर सैफुदीन खां थानागंज के रहने वाले 59 साल के आसिम राजा के पिता दिलदार अहमद हैं. आसिम राजा ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने अब तक शादी नहीं की है.
नब्बे के दशक में राजनीतिक एंट्री: आसिम राजा ने नब्बे के दशक में राजनीति में एंट्री की और 1995 से 2002 तक कांग्रेस में कार्यकर्ता रहे. साल 2002 में वह आजम खान के संपर्क में आए और कांग्रेस को छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. साल 2015 से अबतक वह रामपुर नगर अध्यक्ष के पद पर काबिज हैं.
मासिक पत्रिका के संपादक: आसिम राजा मुख्य तौर पर ठेकेदारी और प्रोपर्टी डीलिंग का कारोबार करते हैं. इतना ही नहीं, फिक्र-ए सेहत नाम से मासिक पत्रिका जो दिल्ली से प्रकाशित होती है उसके संपादक भी हैं. आजम खान ने जेल में रहते 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा तो आसिम राजा ने उनका नामांकन भरा था. आसिम राजा के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जो उन पर 2018 के बाद लगे हैं. अब रामपुर से सपा के टिकट पर किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं.
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