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इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खां को झटका, जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों से जमीन लेने के मामले में याचिकाएं खारिज - रामपुर जौहर विश्वविद्यालय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी नेता आजम खां को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने किसानों की जमीनें जबरदस्ती बैनामा कराने के मामले में दर्ज मुकदमों के खिलाफ आजम खां की याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Oct 1, 2022, 7:26 AM IST

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें जबरदस्ती बैनामा कराने के मामले में दर्ज मुकदमों के खिलाफ आजम खान की याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दी हैं. इस मामले में आजम के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. आजम खां ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर इन चार्जशीट को रद्द करने व मुकदमे की प्रक्रिया समाप्त करने की मांग की थी. याचिकाओं पर न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सुनवाई की.

आजम खां के खिलाफ मोहम्मद अली, बंदे अली, यासीन आदि ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जौहर विश्वविद्यालय के लिए उनकी जमीनों का डरा-धमकाकर बैनामा करवा लिया है. जबकि, उक्त जमीन उनके नाम पर भूमि धरी के तौर पर दर्ज है. शिकायत की जांच के बाद राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार ने आजम नगर थाने में आजम खां व अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 506, 447, 342 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसके बाद से तमाम अन्य ग्रामीण सामने आए और उन्होंने आरोप लगाया कि आजम खां ने उनका अपहरण करवा करके, मारपीट और डराने-धमकाने के बाद जबरदस्ती उनकी जमीनें लिखवा ली हैं. पुलिस ने इन सभी मुकदमों में जांच के बाद आजम खां और अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है.

यह भी पढ़ें: नोएडा की ओमेक्स सोसायटी में बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक

चार्जशीट और मुकदमे की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि यह मुकदमे राजनीतिक विद्वेष के कारण दर्ज कराए गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मुकदमे जमीन की टाइटल से संबंधित हैं. तथ्यों और साक्ष्यों का विश्लेषण किए बिना इस स्तर पर इनका निस्तारण नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं.

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें जबरदस्ती बैनामा कराने के मामले में दर्ज मुकदमों के खिलाफ आजम खान की याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दी हैं. इस मामले में आजम के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. आजम खां ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर इन चार्जशीट को रद्द करने व मुकदमे की प्रक्रिया समाप्त करने की मांग की थी. याचिकाओं पर न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सुनवाई की.

आजम खां के खिलाफ मोहम्मद अली, बंदे अली, यासीन आदि ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जौहर विश्वविद्यालय के लिए उनकी जमीनों का डरा-धमकाकर बैनामा करवा लिया है. जबकि, उक्त जमीन उनके नाम पर भूमि धरी के तौर पर दर्ज है. शिकायत की जांच के बाद राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार ने आजम नगर थाने में आजम खां व अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 506, 447, 342 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसके बाद से तमाम अन्य ग्रामीण सामने आए और उन्होंने आरोप लगाया कि आजम खां ने उनका अपहरण करवा करके, मारपीट और डराने-धमकाने के बाद जबरदस्ती उनकी जमीनें लिखवा ली हैं. पुलिस ने इन सभी मुकदमों में जांच के बाद आजम खां और अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है.

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चार्जशीट और मुकदमे की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि यह मुकदमे राजनीतिक विद्वेष के कारण दर्ज कराए गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मुकदमे जमीन की टाइटल से संबंधित हैं. तथ्यों और साक्ष्यों का विश्लेषण किए बिना इस स्तर पर इनका निस्तारण नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं.

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