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किसानों को आतंकवादी कहना सबसे बड़ा जुल्म : प्रियंका - किसान आंदोलन

रामपुर पहुंचीं प्रियंका गांधी ने नवरीत सिंह के परिवार से मुलाकात कर कहा कि नवरीत की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.

प्रियंका गांधी
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Published : Feb 4, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 4:48 PM IST

रामपुर : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नवरीत सिंह के परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दिया. इस दौरान प्रियंका गांधी ने लोगों को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने अनुभव से मालूम है कि यह एक शहीद का परिवार है और उनकी शहादत को कभी भूल नहीं सकते. नवरीत सिंह की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता. प्रियंका गांधी ने कहा कि नवरीत 25 साल का था और मेरा बेटा 20 साल का है. आपके भी नौजवान बेटे हैं और उनमें उत्साह है किसानों के साथ खड़े होने का इसलिए वो वहां गए. लेकिन उनके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वह वापस नहीं लौटे.

प्रियंका गांधी

'आतंकवादी कहना सबसे बड़ा जुल्म'

प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों के दिल की बात सुनने के लिए सरकार को अपने दरवाजे खोलने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. प्रियंका गांधी ने गुरु गोविंद सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि जुल्म करना पाप है और जुल्म सहना उससे भी बड़ा पाप है. उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को सरकार वापस लेना नहीं चाहती लेकिन उसे वापस लेना चाहिए. इससे भी बड़ा जुल्म यह है कि किसानों को आतंकवादी कहते हैं, किसान के आंदोलन को राजनीतिक साजिश की तरह देखते हैं. यह बहुत बड़ा जुल्म है.

'किसानों का आंदोलन एक सच्चा आंदोलन'

प्रियंका गांधी ने कहा कि हम ऐसा जुल्म नहीं सह सकते. किसान का आंदोलन कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं है, यह एक सच्चा आंदोलन है, आपका आंदोलन है, किसानों का आंदोलन है. मैं इस परिवार को कहना चाहती हूं कि आप अकेले नहीं हैं. आपके साथ देश का एक-एक नागरिक खड़ा है. देश के कोने-कोने का किसान आपके साथ खड़ा है. हम आपके साथ हैं. उन्होंने कहा कि नवरीत की शहादत हम व्यर्थ नहीं होने देंगे. इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक ये तीन काले कानून सरकार वापस नहीं लेती.

मीडिया से बात करती प्रियंका गांधी

'किसान आंदोलन के पीछे कोई राजनीतिक दल नहीं'

वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में कोई राजनीतिक साजिश नहीं है. इसके पीछे कोई नेता नहीं है और ना ही कोई पार्टी इसके पीछे नहीं है. उन्होंने कहा कि यह दर्द है किसानों का, यह दर्द है देशवासियों का. इस दर्द को पहचानना पड़ेगा और इस दर्द का आदर करना पड़ेगा.

'किसान कौन सा आतंक फैला रहे हैं?'

दिल्ली में नुकीली कीलें और तार लगाए जाने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर आप फोटो देखेंगे तो ऐसा लगता है जैसे देश का बॉर्डर हो. उन्होंने कहा कि किसान कौन सा आतंक फैला रहे हैं. 2 महीने से किसान बैठे हुए हैं और केवल यही कह रहे हैं कि हमारी बात सुनो. मेरे लिए कानून बना रहे हो तो मेरे से पूछो.

'अहंकार से भरे हैं प्रधानमंत्री मोदी'

प्रधानमंत्री मोदी के एक फोन कॉल की दूरी पर होने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा कि लाखों किसान 2 महीने से बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. मोदी जी को उनसे मिलने की इच्छा नहीं है. प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि बॉर्डर कितना दूर है प्रधानमंत्री के निवास से. प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री में इतना अहंकार है कि वे अपने घर से गाड़ी में बैठकर वहां तक नहीं जा सकते.

रामपुर : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नवरीत सिंह के परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दिया. इस दौरान प्रियंका गांधी ने लोगों को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने अनुभव से मालूम है कि यह एक शहीद का परिवार है और उनकी शहादत को कभी भूल नहीं सकते. नवरीत सिंह की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता. प्रियंका गांधी ने कहा कि नवरीत 25 साल का था और मेरा बेटा 20 साल का है. आपके भी नौजवान बेटे हैं और उनमें उत्साह है किसानों के साथ खड़े होने का इसलिए वो वहां गए. लेकिन उनके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वह वापस नहीं लौटे.

प्रियंका गांधी

'आतंकवादी कहना सबसे बड़ा जुल्म'

प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों के दिल की बात सुनने के लिए सरकार को अपने दरवाजे खोलने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. प्रियंका गांधी ने गुरु गोविंद सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि जुल्म करना पाप है और जुल्म सहना उससे भी बड़ा पाप है. उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को सरकार वापस लेना नहीं चाहती लेकिन उसे वापस लेना चाहिए. इससे भी बड़ा जुल्म यह है कि किसानों को आतंकवादी कहते हैं, किसान के आंदोलन को राजनीतिक साजिश की तरह देखते हैं. यह बहुत बड़ा जुल्म है.

'किसानों का आंदोलन एक सच्चा आंदोलन'

प्रियंका गांधी ने कहा कि हम ऐसा जुल्म नहीं सह सकते. किसान का आंदोलन कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं है, यह एक सच्चा आंदोलन है, आपका आंदोलन है, किसानों का आंदोलन है. मैं इस परिवार को कहना चाहती हूं कि आप अकेले नहीं हैं. आपके साथ देश का एक-एक नागरिक खड़ा है. देश के कोने-कोने का किसान आपके साथ खड़ा है. हम आपके साथ हैं. उन्होंने कहा कि नवरीत की शहादत हम व्यर्थ नहीं होने देंगे. इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक ये तीन काले कानून सरकार वापस नहीं लेती.

मीडिया से बात करती प्रियंका गांधी

'किसान आंदोलन के पीछे कोई राजनीतिक दल नहीं'

वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में कोई राजनीतिक साजिश नहीं है. इसके पीछे कोई नेता नहीं है और ना ही कोई पार्टी इसके पीछे नहीं है. उन्होंने कहा कि यह दर्द है किसानों का, यह दर्द है देशवासियों का. इस दर्द को पहचानना पड़ेगा और इस दर्द का आदर करना पड़ेगा.

'किसान कौन सा आतंक फैला रहे हैं?'

दिल्ली में नुकीली कीलें और तार लगाए जाने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर आप फोटो देखेंगे तो ऐसा लगता है जैसे देश का बॉर्डर हो. उन्होंने कहा कि किसान कौन सा आतंक फैला रहे हैं. 2 महीने से किसान बैठे हुए हैं और केवल यही कह रहे हैं कि हमारी बात सुनो. मेरे लिए कानून बना रहे हो तो मेरे से पूछो.

'अहंकार से भरे हैं प्रधानमंत्री मोदी'

प्रधानमंत्री मोदी के एक फोन कॉल की दूरी पर होने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा कि लाखों किसान 2 महीने से बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. मोदी जी को उनसे मिलने की इच्छा नहीं है. प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि बॉर्डर कितना दूर है प्रधानमंत्री के निवास से. प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री में इतना अहंकार है कि वे अपने घर से गाड़ी में बैठकर वहां तक नहीं जा सकते.

Last Updated : Feb 4, 2021, 4:48 PM IST
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