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किसान के अंतिम संस्कार में उमड़े लोग, ट्रैक्टर परेड में हुई थी मौत - किसान ट्रैक्टर रैली

किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा में यूपी के रामपुर जिले के रहने वाले एक नौजवान किसान की मौत हो गई थी. बुधवार को मृतक किसान का उसके गांव डिबडिबा में अंतिम संस्कार किया गया. मृतक किसान के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों लोग उमड़ पड़े.

किसान के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब
किसान के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब
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Published : Jan 27, 2021, 5:01 PM IST

Updated : Jan 27, 2021, 6:31 PM IST

रामपुर: किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा में जिले के रहने वाले एक नौजवान किसान की मौत हो गई थी. बुधवार को मृतक किसान का उसके गांव डिबडिबा में अंतिम संस्कार किया गया. अंत्येष्टि स्थल पर किसानों के साथ-साथ समाजसेवी और राजनीतिक लोग भी इस गमगीन माहौल में मृतक के परिवार को ढांढस बधाने पहुंचे. मृतक किसान के दादा ने कहा कि उनके पोते को गोली मारी गई है. हालांकि यूपी पुलिस ने गोली लगने से इनकार किया है.

जानकारी देते मृतक किसान के दादा.

दरअसल, रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील के डिबडिबा गांव के रहने वाले नवरीत सिंह की 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान मौत हो गई थी. बताया जा रहा कि पुलिस और किसानों की आपस में हुई झड़प के दौरान नौजवान किसान नवरीत सिंह की मौत हो गई. बुधवार को किसान का शव रामपुर पहुंचा, जहां डॉक्टरों के पैनल द्वारा उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया.

बरेली जोन के ADG अविनाश चंद्र ने बताया कि कल रात को मृतक किसान के शव का पोस्टमार्टम हुआ, जिसमें गोली लगने की पृष्टि नहीं हुई है. ट्रैक्टर पलटने से उनको चोट लगी, जिससे उनकी मौत हुई है.

वहीं आज मृतक नवरीत सिंह का उसके गांव डिबडिबा में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे. सभी ने नम आंखों से मृतक किसान को अंतिम विदाई दी. पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से भी काफी लोग डिबडिबा गांव पहुंचे. मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे.

ट्रैक्टर परेड में रामपुर के किसान की मौत, दिल्ली पुलिस पर गोली मारने के आरोप

मृतक किसान नवरीत सिंह के दादा हरदीप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में पुलिस की गोली से मेरा पोता शहीद हुआ है. उसकी 24 साल उम्र थी और डेढ़ साल पहले हमने उसकी शादी की थी. हम तो यही कहेंगे कि हमारे बेटे की कातिल सरकार है. हरदीप सिंह ने कहा कि मंगलवार को हुए एक्सरे में साफ आया है कि गोली आगे से लग कर पीछे को निकल गई.

हरदीप सिंह ने कहा कि मेरा पोता चार दिन से किसान आंदोलन में शामिल था. वह राजस्थान बॉर्डर पर थे और उनका पोता गाजीपुर बॉर्डर पर था. हमारी तरफ से अगर कोई गड़बड़ होती तो तीन माह हम पंजाब में बैठे और दो माह से यहां बैठे हैं. पांच माह से हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं. अब यह गड़बड़ कहां से हो गई. हम तो बार-बार कह रहे थे कि सरकार की एजेंसियां गड़बड़ करवाएंगी. हमारे पास इस बात के सबूत भी हैं.

रामपुर: किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा में जिले के रहने वाले एक नौजवान किसान की मौत हो गई थी. बुधवार को मृतक किसान का उसके गांव डिबडिबा में अंतिम संस्कार किया गया. अंत्येष्टि स्थल पर किसानों के साथ-साथ समाजसेवी और राजनीतिक लोग भी इस गमगीन माहौल में मृतक के परिवार को ढांढस बधाने पहुंचे. मृतक किसान के दादा ने कहा कि उनके पोते को गोली मारी गई है. हालांकि यूपी पुलिस ने गोली लगने से इनकार किया है.

जानकारी देते मृतक किसान के दादा.

दरअसल, रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील के डिबडिबा गांव के रहने वाले नवरीत सिंह की 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान मौत हो गई थी. बताया जा रहा कि पुलिस और किसानों की आपस में हुई झड़प के दौरान नौजवान किसान नवरीत सिंह की मौत हो गई. बुधवार को किसान का शव रामपुर पहुंचा, जहां डॉक्टरों के पैनल द्वारा उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया.

बरेली जोन के ADG अविनाश चंद्र ने बताया कि कल रात को मृतक किसान के शव का पोस्टमार्टम हुआ, जिसमें गोली लगने की पृष्टि नहीं हुई है. ट्रैक्टर पलटने से उनको चोट लगी, जिससे उनकी मौत हुई है.

वहीं आज मृतक नवरीत सिंह का उसके गांव डिबडिबा में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे. सभी ने नम आंखों से मृतक किसान को अंतिम विदाई दी. पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से भी काफी लोग डिबडिबा गांव पहुंचे. मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे.

ट्रैक्टर परेड में रामपुर के किसान की मौत, दिल्ली पुलिस पर गोली मारने के आरोप

मृतक किसान नवरीत सिंह के दादा हरदीप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में पुलिस की गोली से मेरा पोता शहीद हुआ है. उसकी 24 साल उम्र थी और डेढ़ साल पहले हमने उसकी शादी की थी. हम तो यही कहेंगे कि हमारे बेटे की कातिल सरकार है. हरदीप सिंह ने कहा कि मंगलवार को हुए एक्सरे में साफ आया है कि गोली आगे से लग कर पीछे को निकल गई.

हरदीप सिंह ने कहा कि मेरा पोता चार दिन से किसान आंदोलन में शामिल था. वह राजस्थान बॉर्डर पर थे और उनका पोता गाजीपुर बॉर्डर पर था. हमारी तरफ से अगर कोई गड़बड़ होती तो तीन माह हम पंजाब में बैठे और दो माह से यहां बैठे हैं. पांच माह से हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं. अब यह गड़बड़ कहां से हो गई. हम तो बार-बार कह रहे थे कि सरकार की एजेंसियां गड़बड़ करवाएंगी. हमारे पास इस बात के सबूत भी हैं.

Last Updated : Jan 27, 2021, 6:31 PM IST
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