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CAA हिंसा: रामपुर प्रशासन ने 28 को भेजा नोटिस, मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश में सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर अब प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है. इसी क्रम में रामपुर में नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी किया है. हालांकि कई आरोपियों के परिजनों ने अपनों को बेकसूर बताया है.

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Published : Dec 27, 2019, 8:51 PM IST

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प्रशासन ने 28 लोगों को भेजा रिकवरी नोटिस.

रामपुर: एनआरसी और सीएए को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन में बीते 21 दिसंबर को रामपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में टकराव हो गया था. इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी के साथ जमकर हंगामा किया. इस हिंसा में चार मोटरसाइकिल और एक पुलिस की जीप जला दी गई थी. इस नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी करके हर्जाना वसूली की कार्रवाई शुरू की है.

प्रशासन ने 28 लोगों को भेजा रिकवरी नोटिस.

ये भी पढ़ें- जुमे की नमाज को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट, 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बाधित

पति को बताया बेकसूर
रामपुर उपद्रव के आरोपी महमूद की पत्नी शबनम की मानें तो पुलिस उसके पति को उपद्रव के एक दिन बाद 22 दिसंबर को उठाकर ले गई थी. पति ठेला चलाकर मजदूरी से अपना परिवार चलाता था. महिला ने बताया पुलिस पड़ोस में किसी के दरवाजे पर दस्तक दे रही थी. आवाज सुनकर पति बाहर पहुंचा तो पुलिस उसे भी पकड़ कर अपने साथ ले गई. महिला के अनुसार 21 दिसंबर को हुए उपद्रव में उसका पति महमूद शामिल नहीं हुआ था. वह पूरे दिन घर पर ही था.

ये भी पढ़ें- CAA विरोध: 498 उपद्रवियों की हुई पहचान, वसूला जाएगा हर्जाना

जिलाधिकारी ने दिया न्याय का आश्र्वासन
दंगे के दूसरे आरोपी के पिता नईम की मानें तो उन्हें नोटिस मिला है. वह रकम की वसूली का नोटिस है. रामपुर में उपद्रव के बाद उनके दिलों में इतनी दहशत हो गई है कि वह अपना घर छोड़कर दूसरे जगह रह रहे हैं. पुलिस ने उनके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उन्होंने बताया कि अपने बेटे को छुड़ाने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी से भी बात की. डीएम ने उसे छोड़ने का आश्वासन भी दिया है.

हिंसा में नहीं थे शामिल
सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को पहुंचाई गई क्षति के संबंध में नोटिस मिलने वाले तीसरे शख्स आलम की मानें तो रामपुर में हुए बवाल वाले दिन उसका भाई मोहम्मद आबिद पूरे दिन घर पर ही था. दोनों भाई पतंग बनाने का काम करते हैं. आलम के अनुसार शाम को जब आबिद घर लौट रहा था तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

रामपुर: एनआरसी और सीएए को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन में बीते 21 दिसंबर को रामपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में टकराव हो गया था. इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी के साथ जमकर हंगामा किया. इस हिंसा में चार मोटरसाइकिल और एक पुलिस की जीप जला दी गई थी. इस नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी करके हर्जाना वसूली की कार्रवाई शुरू की है.

प्रशासन ने 28 लोगों को भेजा रिकवरी नोटिस.

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पति को बताया बेकसूर
रामपुर उपद्रव के आरोपी महमूद की पत्नी शबनम की मानें तो पुलिस उसके पति को उपद्रव के एक दिन बाद 22 दिसंबर को उठाकर ले गई थी. पति ठेला चलाकर मजदूरी से अपना परिवार चलाता था. महिला ने बताया पुलिस पड़ोस में किसी के दरवाजे पर दस्तक दे रही थी. आवाज सुनकर पति बाहर पहुंचा तो पुलिस उसे भी पकड़ कर अपने साथ ले गई. महिला के अनुसार 21 दिसंबर को हुए उपद्रव में उसका पति महमूद शामिल नहीं हुआ था. वह पूरे दिन घर पर ही था.

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जिलाधिकारी ने दिया न्याय का आश्र्वासन
दंगे के दूसरे आरोपी के पिता नईम की मानें तो उन्हें नोटिस मिला है. वह रकम की वसूली का नोटिस है. रामपुर में उपद्रव के बाद उनके दिलों में इतनी दहशत हो गई है कि वह अपना घर छोड़कर दूसरे जगह रह रहे हैं. पुलिस ने उनके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उन्होंने बताया कि अपने बेटे को छुड़ाने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी से भी बात की. डीएम ने उसे छोड़ने का आश्वासन भी दिया है.

हिंसा में नहीं थे शामिल
सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को पहुंचाई गई क्षति के संबंध में नोटिस मिलने वाले तीसरे शख्स आलम की मानें तो रामपुर में हुए बवाल वाले दिन उसका भाई मोहम्मद आबिद पूरे दिन घर पर ही था. दोनों भाई पतंग बनाने का काम करते हैं. आलम के अनुसार शाम को जब आबिद घर लौट रहा था तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

Intro:स्पेशल पैकेज स्टोरी
Rampur up


Story Slug: गरीबों से सरकार वसूलेगी संपत्ति क्षति।

एंकर:- एनआरसी और सीएए को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन में बीते 21 दिसंबर को रामपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में टकराव हो गया था जिसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की आगजनी की और जमकर हंगामा किया जिसमें चार मोटरसाइकिल और एक पुलिस की जीप जला दी गई थे इस नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी करके हर्जाना वसूली की कार्रवाई शुरू की है। सरकार और प्रशासन जिन लोगों से दंगे में हुए नुकसान की भरपाई करना चाहती है उनमें रिक्शा चलाने वाले रेडी चलाने वाले और पतंग बना कर मेहनत मजदूरी करने वाले शामिल हैं ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मुश्किल से 2 जून की रोटी कमाने वाले लोग आखिर कैसे दंगे में हुए नुकसान की भरपाई कर पाएंगे


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रामपुर में उपद्रव के आरोपी महमूद की पत्नी शबनम की माने तो पुलिस उसके पति को उपद्रव के एक दिन बाद 22 दिसंबर को पुलिस उसके पति को उठाकर ले गई थी घर चलाने के लिए उसका पति ठेली चलाकर मजदूरी करके अपना गुजारा बसर करते थे महिला ने बताया पुलिस उसके पड़ोस में किसी के दरवाजे पर दस्तक दे रहे थे आवाज सुनकर उसका पति बाहर पहुंचा तो पुलिस उसे भी पकड़ कर अपने साथ ले गई। महिला के अनुसार 21 दिसंबर को हुए उपद्रव में उसका पति महमूद शामिल नहीं हुआ था और पूरा दिन घर पर ही था। महिला की माने तो वह अपने पति महमूद की रिहाई के लिए पुलिस के आला अधिकारियों से भी मिली जिन्होंने उसी इंसाफ करने का आश्वासन दिया है।

बाइट :शबनम (आरोपी महमूद की पत्नी)Conclusion:वही इस दंगे के दूसरे आरोपी के पिता नईम की माने तो उन्हें जो नोटिस मिला है वह रकम की वसूली का नोटिस है और रामपुर में उपद्रव के बाद उनके दिलों में इतनी दहशत हो गई है कि वह अपना घर छोड़कर दूसरी जगह रह रहे हैं पुलिस ने उनके बेटे को तो गिरफ्तार कर जेल भेज ही दिया है कहीं उन्हें भी गिरफ्तार नहीं कर लिया जाए जिस दर से वह अपने घर भी नहीं जा रहे हैं उन्होंने बताया कि अपने बेटे को छुड़ाने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी से भी बात की जिन्होंने उसे छोड़ने का आश्वासन भी दिया था।

बाइट: नईम (आरोपी के पिता)

प्रशासन द्वारा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को पहुंचाई गई क्षति के संबंध में तीसरा नोटिस मिलने वाले शख्स आलम की माने तो रामपुर में हुए बवाल वाले दिन उसका भाई मोहम्मद आबिद पूरे दिन घर पर ही रहा था दोनों भाई पतंग बनाने का काम करते हैं आलम के अनुसार शाम को जब आबिद वापस घर लौट रहा था तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आलम के अनुसार बलवे वाले दिन उसका भाई उस उग्र भीड़ में भी नहीं गया था जिन्होंने बवाल किया उसने कहा अगर वह कैमरे की फुटेज या किसी फोटो में आ गए हो तो उसे प्रशासन जो चाहे सजा दे लेकिन वह बेकसूर है। आगे बताते हुए आलम की आंखें छलक आई उसने कहा मां रोजाना उसके भाई के बारे में पता करती हैं तो वह उन्हें रोज दिलासा देकर चुप कराता हैं वही उसने बताया वसूली के नोटिस की रकम उनकी आमदनी से बहुत ज्यादा है जिसे वह भरने में असमर्थ हैं। फिलहाल उसने बताया उसे अधिकारियों द्वारा इंसाफ दिलाए जाने का आश्वासन दिया गया है।

बाइट: आलम (आरोपी मोहम्मद आबिद का भाई)

Reporter Azam khan 8218676978,,,,8791987181

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