रामपुरः उत्तर प्रदेश पुलिस किस तरह से काम करती है, उसकी मिसाल रामपुर में देखने को मिली. यहां एक नर्सरी क्लास में पढ़ने वाले 5 वर्ष के मासूम से ही शांतिभंग का खतरा बताते हुए पुलिस ने 107, 116 के तहत कार्रवाई कर डाली. यही नहीं पुलिस की रिपोर्ट पर मजिस्ट्रेट ने भी नोटिस जारी कर दी. परिजन अब जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं और मासूम के खिलाफ की गई इस कार्रवाई को वापस लेने की गुहार लगा रहे हैं.
कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए पुलिस प्रशासन अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 107, 116 के तहत जिन लोगों से अमन का खतरा होता है, उनको पाबंद करने की कार्रवाई करती है. पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर मजिस्ट्रेट मुचलकों के लिए नोटिस जारी करते हैं, लेकिन भला हो उत्तर प्रदेश पुलिस की कर्मठता का जिन्होंने मात्र 5 साल के मासूम को ही शांतिभंग का खतरा बताते हुए नोटिस जारी करने की कार्रवाई कर डाली. हैरत की बात यह है कि नगर मजिस्ट्रेट ने भी इस मासूम को 50,000 रुपये की जमानत राशि जमाकर जमानत हासिल करने का फरमान सुनाया है.
रामपुर के शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला राजद्वारा निवासी जमीर अहमद का अपनी पुश्तैनी जमीन को लेकर कुछ विवाद था. इसमें पुलिस ने शांतिभंग की कार्रवाई करते हुए 3 लोगों को नामजद किया. इसमें जमीर अहमद और उनका 5 साल का बेटा और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ शांतिभंग होने का खतरा है. पुलिस की इस कार्रवाई से उसकी कार्यशैली पर सवालिया निशान उठ रहे हैं.
इस संबंध में बच्चे के पिता जमीर अहमद से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरा 5 साल का बच्चा है. उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई गई है. वहीं पिता-पुत्र पेशी पर आए हैं. यह बच्चा अभी नर्सरी में है. जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि अभी एक व्यक्ति एक बच्चे को लेकर आया था. यह कहा गया है कि इस बच्चे के खिलाफ 107, 116 की नोटिस जारी हो गई है. जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रकरण की जांच की जाएगी. पुलिस अधीक्षक को भी इस मामले से अवगत कराया गया है. साथ ही जिस किसी की भी इसमें लापरवाही होगी. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.