ETV Bharat / state

रामपुर: NGT की बड़ी कार्रवाई, अवैध खनन मामले में पट्टाधारकों पर 9 करोड़ का लगाया जुर्माना

अवैध खनन के मामले में एनजीटी की मुख्य बेंच ने पट्टाधारकों पर 9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एनजीटी यानि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने रामपुर में साल 2017 में हुए अवैध खनन के मामले में यह जुर्माना लगाया है.

अवैध खनन मामले में पट्टेधारकों पर 9 करोड़ का जुर्माना.
author img

By

Published : Oct 2, 2019, 3:02 PM IST

रामपुर: जिले में 2017 में हुए अवैध खनन के मामले में एनजीटी न्यायालय में इसके खिलाफ शिकायत की गई थी. जिसके बाद एनजीटी ने एक जांच दल बनाकर इसकी रिपोर्ट मंगवायी थी. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि क्षेत्र में अवैध खनन हुआ है.

अवैध खनन मामले में पट्टेधारकों पर 9 करोड़ का जुर्माना

पट्टेदारों को एनजीटी ने भेजा 9 करोड़ का नोटिस-

कोसी नदी के किनारे हो रहे ऐसे अवैध खनन की शिकायतों की सुनवाई ना तो अधिकारी करते हैं और ना ही शासन स्तर पर कोई सुनवाई हो पाती है. सब जगह अवैध खनन की शिकायतें करके निराश हो चुके एक सामाजिक कार्यकर्ता ने ही राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में गुहार लगाई. एनजीटी ने वैज्ञानिकों को जांच के लिए भेजा और पर्यावरण को होने वाले नुकसान का आकलन करते हुए अब 9 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया है.

एनजीटी ने कराई थी जांच-

एनजीटी न्यायालय द्वारा आदेशित कर पर्यावरण मंत्रालय के वैज्ञानिक डॉक्टर सत्या व दिनेश चंद्र झकवाल के नेतृत्व में जांच दल को स्वार के पट्टी कला में अवैध खनन की जांच करने के लिए भेजा गया था. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भारी मशीनों के द्वारा अवैध खनन हुआ है. भारतीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 16 मार्च 2018 को अपनी रिपोर्ट एनजीटी न्यायालय में प्रस्तुत की गई, जिसमें पाया गया कि क्षेत्र में अवैध खनन हुआ.

ये भी पढ़ें:- मथुरा: भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में बम की सूचना से मचा हड़कंप

अवैध खनन के खिलाफ मेरा जो संघर्ष था, वह कामयाब हुआ है. लेकिन मुझे अफसोस है कि मेरे द्वारा प्रशासन से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. जबकि अवैध खनन के दौरान तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी. माफिया द्वारा अधिकारियों से मिलकर मुझे जान से मरवाने का षडयंत्र रचा गया. मेरा बहुत मानसिक उत्पीड़न हुआ लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी.
-मुस्तफा हुसैन, शिकायतकर्ता

रामपुर: जिले में 2017 में हुए अवैध खनन के मामले में एनजीटी न्यायालय में इसके खिलाफ शिकायत की गई थी. जिसके बाद एनजीटी ने एक जांच दल बनाकर इसकी रिपोर्ट मंगवायी थी. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि क्षेत्र में अवैध खनन हुआ है.

अवैध खनन मामले में पट्टेधारकों पर 9 करोड़ का जुर्माना

पट्टेदारों को एनजीटी ने भेजा 9 करोड़ का नोटिस-

कोसी नदी के किनारे हो रहे ऐसे अवैध खनन की शिकायतों की सुनवाई ना तो अधिकारी करते हैं और ना ही शासन स्तर पर कोई सुनवाई हो पाती है. सब जगह अवैध खनन की शिकायतें करके निराश हो चुके एक सामाजिक कार्यकर्ता ने ही राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में गुहार लगाई. एनजीटी ने वैज्ञानिकों को जांच के लिए भेजा और पर्यावरण को होने वाले नुकसान का आकलन करते हुए अब 9 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया है.

एनजीटी ने कराई थी जांच-

एनजीटी न्यायालय द्वारा आदेशित कर पर्यावरण मंत्रालय के वैज्ञानिक डॉक्टर सत्या व दिनेश चंद्र झकवाल के नेतृत्व में जांच दल को स्वार के पट्टी कला में अवैध खनन की जांच करने के लिए भेजा गया था. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भारी मशीनों के द्वारा अवैध खनन हुआ है. भारतीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 16 मार्च 2018 को अपनी रिपोर्ट एनजीटी न्यायालय में प्रस्तुत की गई, जिसमें पाया गया कि क्षेत्र में अवैध खनन हुआ.

ये भी पढ़ें:- मथुरा: भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में बम की सूचना से मचा हड़कंप

अवैध खनन के खिलाफ मेरा जो संघर्ष था, वह कामयाब हुआ है. लेकिन मुझे अफसोस है कि मेरे द्वारा प्रशासन से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. जबकि अवैध खनन के दौरान तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी. माफिया द्वारा अधिकारियों से मिलकर मुझे जान से मरवाने का षडयंत्र रचा गया. मेरा बहुत मानसिक उत्पीड़न हुआ लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी.
-मुस्तफा हुसैन, शिकायतकर्ता

Intro:Rampur up

Story Slug:अवैध खनन पर एनजीटी ने ठोका 9 करोड़ का जुर्माना।

एंकर : उत्तराखंड के पहाड़ों से निकलकर रामनगर होते हुए कोसी नदी जब उत्तर प्रदेश के रामपुर क्षेत्र में दाखिल होती है तो अपने साथ बेशुमार बालू रेत बजरी का खजाना लेकर आती है।कुदरत के इस बेशुमार कीमती खजाने की लूट का धंधा अधिकारियों नेताओं सफेदपोशो और अवैध खनन करने वाले माफियाओं पर धन की बरसात करती है शायद यही वजह है कि यहां होने वाला अवैध खनन रुकने का नाम नहीं लेता। कोसी नदी के किनारे हो रहे ऐसे ही अवैध खनन की शिकायतों की सुनवाई ना तो अधिकारी ही करते हैं और ना ही शासन स्तर पर कोई सुनवाई हो पाती है सब जगह अवैध खनन की शिकायतें करके निराश हो चुके एक सामाजिक कार्यकर्ता ने हीं राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल या एनजीटी में गुहार लगाई. एनजीटी ने वैज्ञानिकों को जांच के लिए भेजा और पर्यावरण को होने वाले नुकसान का आकलन करते हुए अब 9 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया है।
Body:
बात सन 2017 की है जब कोसी नदी के किनारे स्वार तहसील में खुलेआम खनन किया जा रहा था पट्टे की शर्तों के विपरीत अधिकारियों ने भी भारी यंत्रों जैसे जेसीबी मशीन और पोकलेन से खनन करने की अनुमति दे रखी थी जो कि पूरी तरह अवैध थी यहां हो रहे अवैध खनन की शिकायत अधिकारियों से की गई लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई... प्रशासन द्वारा जेसीबी व पोकलैंड मशीनों की अनुमति दिए जाने पर व भारी मात्रा में अवैध खनन करने के मामले में एन.जी.टी. कोर्ट में दायर की थी याचिका।

बाइट:-मुस्तफा हुसैन (अधिवक्ता याचिकाकर्ता)

वीओ 1:- जनपद में भी अवैध खनन करने के मामले में एन.जी.टी. (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) की मुख्य बेंच नई दिल्ली द्वारा रामपुर में जिला प्रशासन की मिलीभगत से वर्ष 2017 में हुए अवैध खनन के मामले में पट्टे धारकों पर 9 करोड़ का जुरमाना डाला है।

एन.जी.टी. न्यायालय द्वारा आदेशित कर पर्यावरण मंत्रालय के वैज्ञानिक डॉक्टर सत्या व दिनेश चंद्र झकवाल के नेतृत्व में जांच दल को स्वार के पट्टी कला में अवैध खनन की जांच करने के लिए भेजा। जांच रिपोर्ट में पाया गया की क्षेत्र में भारी मात्रा में भारी मशीनों के द्वारा अवैध खनन हुआ। भारतीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 16 मार्च 2018 को अपनी रिपोर्ट एनजीटी न्यायालय में प्रस्तुत की गई। जिसमें पाया गया कि क्षेत्र में अवैध खनन हुआ। प्रशासन द्वारा जिन स्थानों को खनन की मार से भर डाला है व पट्टा दिया गया, उस निर्धारित क्षेत्र पर कोई बाउंड्री निशान नहीं था। जांच के समय हैवी मशीनें भी पाई गई। नदियों में बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई दे रहे थे, जिससे लगा कि हैवी मशीनों का प्रयोग हुआ है। नदी में डंपरों के रास्ते बने हुए थे। नदी क्षेत्र में ही एक चाय की दुकान थी, जिस से पूछा गया तो उसने भी बताया कि यहां पर डंपरों की काउंटिंग होती है। नदी क्षेत्र के पास में दो स्टोन क्रेशर भी पाए गए।

27 सितंबर को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के जज रघुवेंद्र सिंह राठौर व डॉक्टर सत्यभान सिंह गर्बयाल ने निर्णय सुनाया। जिसमें आदेशित किया, कि स्वार क्षेत्र के पट्टी में भारी मात्रा में अवैध खनन हुआ है। इसलिए गाटा संख्या 577 का 1,10,52,832 रुपया व गाटा संख्या 1126-1127 का 7,96,66,125 रूपया। कुल 9,16,61,677 रुपया पर्यावरण क्षतिपूर्ति का पट्टे धारक नीरज चतुर्वेदी से 15 दिन में जमा करे।
Conclusion:
याचिकाकर्ता मुस्तफा हुसैन ने एनजीटी द्वारा दिए गए निर्णय पर कहा कि अवैध खनन के खिलाफ मेरा जो संघर्ष था वह कामयाब हुआ है। लेकिन मुझे अफसोस है कि मेरे द्वारा प्रशासन से शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई थी, जबकि अवैध खनन से तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी। माफियाओं द्वारा अधिकारियों से मिलकर मुझे जान से मरवाने का षडयंत्र रचा गया, मेरा बहुत मानसिक उत्पीड़न हुआ, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।
बाइट मुस्तुफा हुसैन शिकायतकर्ता
विसुअल कोर्ट कॉपी

Reporter Azam khan 8218676978,,,,8791987181

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.