रामपुर: पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने एक बार फिर आजम खान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में अखिलेश यादव की शह पर ही आजम ने रामपुर में जुर्म किए थे. अगर तब तानाशाही का लाइसेंस नहीं दिया गया होता तो आज आजम खान को बचाने के लिए अखिलेश यादव को राजभवन जाकर गुहार नहीं लगानी पड़ती.
आजम खान पर निशाना साधते पूर्व मंत्री नवेद मियां ने कहा है कि सपा शासन में रामपुर में लोकतंत्र नहीं, तानाशाही का दौर था. यहां जुल्म ढाए जा रहे थे. लोगों से रोजगार छीना जा रहा था. सरकारी जमीनें कब्जाई जा रही थीं. झूठे मुकदमों में लोगों को जेल भेजा जा रहा था. तब यहां के अवाम की चीखें अखिलेश यादव नहीं सुन रहे थे. लोगों की आंखों के आंसू नहीं दिख रहे थे. अब आजम और उसके परिवार को गुनाहों की सजा मिल रही है तो अखिलेश यादव बचाव में उतर आए हैं. क्योंकि जुर्म और जुल्म अखिलेश यादव ने कराए हैं, इसलिए वो भी बराबर के जिम्मेदार हैं. उन्हें आजम और उनके परिवार का बचाव नहीं करना चाहिए.
नवेद मियां ने कहा कि आजम और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस प्रशासन की कार्रवाई बिल्कुल सही है. यूनिवर्सिटी से मदरसा आलिया से चोरी हुईं किताबें और अलमारी बरामद हुई है. सर्च वारंट के बाद तलाशी होगी तो रामपुर से गायब की गईं धरोहरें भी बरामद होंगी. आजम खान और उनके कार्यकर्ताओं ने गैर कानूनी काम किए हैं. हवाला का भी काम किया है. आजम खान का परिवार हिंदुस्तान का सबसे बड़ा डकैत परिवार है. आजम खान की फर्जी कंपनियों में गैरकानूनी तरीके से पैसे का लेनदेन हुआ है. आज उन कंपनियों के मालिक फरार हैं, जिसकी ईडी जांच कर रही है. इन बाप-बेटों को सजा जरूर मिलेगी.
रामपुर की जनता से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि डर सिर्फ अल्लाह का होना चाहिए, आजम के डकैत परिवार का नहीं. रामपुर जिला प्रशासन की कार्रवाइयों को लेकर नवेद मियां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कहा.
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