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रामपुर कोर्ट ने आजम खान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बयान दर्ज कराने के दिया आदेश

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Published : Mar 16, 2023, 10:02 PM IST

रामपुर कोर्ट ने आजम खान का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अब्दुल्ला आजम और तांजीन फातिमा को उपस्थित होने को कहा है.

रामपुर कोर्ट
रामपुर कोर्ट

रामपुर: पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के 2 अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में मुकदमा अंतिम दौर में है. जिसमें आरोपियों के धारा 313 के अंतर्गत बयान होना शेष है. इन बयानों के लिए आजम खान, बेटा अब्दुल्लाह खान और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातमा जनवरी से लगातार अदालत में हाजिर नहीं हो रहे हैं. ऐसे में कोर्ट ने आजम खान को वीडियो कॉन्फ्रेंस से बयान दर्ज कराने के आदेश दिया है.


अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने गुरुवार को बताया कि 2 पत्रावली धारा 313 सीआरपीसी का बयान अंकित कराने हेतु नियत थी. एक अब्दुल्लाह खान के डबल जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित था. जो थाना गंज का मुकदमा जिसका क्राइम नंबर 4/19 है. इसमें आजम खान, अब्दुल्लाह और तांजीन फातिमा अभियुक्त हैं. जबकि दूसरा भड़काऊ भाषण से संबंधित मामला थाना शहजाद नगर में आजम खान मुलजिम हैं. यह दोनों पत्रावलीजनवरी महीने से ही 313 में नियत चली आ रही थी. जिसमें न्यायालय द्वारा तीनों को 313 का बयान अंकित कराने के लिए बुलाया जा रहा था. लेकिन तीनों लोगों द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र दिया जाता रहा कि बीमार हैं नहीं आ पाएंगे. इसके अलावा अब्दुल्ला खान का प्रार्थना पत्र आता था कि वह जिले से बाहर हैं. इनके वकील ने गुरुवार को भी यही प्रार्थना पत्र लगाया गया था.

अभियोजन अधिकारी ने बताया कि उन्होंने न्यायालय से लिखित और मौखिक रूप से भी अनुरोध किया कि यह स्थगन प्रार्थना पत्र जान बूझकर बार-बार दिया जा रहा है. जो कि विगत जनवरी महीने से चला आ रहा है. जिसका मात्र उद्देश्य निस्तारण में विलंब करना है. उन्होंने कहा कि आजम खान की तबीयत खराब है तो अन्य 2 अभियुक्तों को तो आना चाहिए. इसके बावजूद भी वह नहीं आ रहे हैं. पिछली तारीख में न्यायालय द्वारा आदेशित किया गया था. इसके बावजूद भी गुरुवार को वह नहीं आए. उन्होंने मांग की है कि वीडियो कॉन्फ्रेसिंग नियमावली उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा या शपथ पत्र के माध्यम से इनका 313 सीआरपीसी का बयान अंकित दर्ज कराया जाए. जिससे मामले का निस्तारण हो.

जिस पर न्यायालय ने उनके अधिवक्ता की भी सुनी. उनके अधिवक्ता ने शपथ पत्र देने से मना कर दिया. जिसके बाद न्यायालय ने आदेशित किया कि आजम खान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 313 के बयान अंकित कराया जाए. इसके साथ ही अब्दुल्ला आजम और तंजीन फातिमा रामपुर न्यायालय में उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराएं. जन्म प्रमाण पत्र मामले और भड़काऊ भाषण वाले मामले में 313 के बयान अंकित कराने हेतु शुक्रवार की तिथि नियत की गई है.


यह भी पढ़ें- दलितों की जमीन लेने के लिए डीएम की अनुमति को खत्म करने का कांग्रेस ने किया विरोध

रामपुर: पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के 2 अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में मुकदमा अंतिम दौर में है. जिसमें आरोपियों के धारा 313 के अंतर्गत बयान होना शेष है. इन बयानों के लिए आजम खान, बेटा अब्दुल्लाह खान और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातमा जनवरी से लगातार अदालत में हाजिर नहीं हो रहे हैं. ऐसे में कोर्ट ने आजम खान को वीडियो कॉन्फ्रेंस से बयान दर्ज कराने के आदेश दिया है.


अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने गुरुवार को बताया कि 2 पत्रावली धारा 313 सीआरपीसी का बयान अंकित कराने हेतु नियत थी. एक अब्दुल्लाह खान के डबल जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित था. जो थाना गंज का मुकदमा जिसका क्राइम नंबर 4/19 है. इसमें आजम खान, अब्दुल्लाह और तांजीन फातिमा अभियुक्त हैं. जबकि दूसरा भड़काऊ भाषण से संबंधित मामला थाना शहजाद नगर में आजम खान मुलजिम हैं. यह दोनों पत्रावलीजनवरी महीने से ही 313 में नियत चली आ रही थी. जिसमें न्यायालय द्वारा तीनों को 313 का बयान अंकित कराने के लिए बुलाया जा रहा था. लेकिन तीनों लोगों द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र दिया जाता रहा कि बीमार हैं नहीं आ पाएंगे. इसके अलावा अब्दुल्ला खान का प्रार्थना पत्र आता था कि वह जिले से बाहर हैं. इनके वकील ने गुरुवार को भी यही प्रार्थना पत्र लगाया गया था.

अभियोजन अधिकारी ने बताया कि उन्होंने न्यायालय से लिखित और मौखिक रूप से भी अनुरोध किया कि यह स्थगन प्रार्थना पत्र जान बूझकर बार-बार दिया जा रहा है. जो कि विगत जनवरी महीने से चला आ रहा है. जिसका मात्र उद्देश्य निस्तारण में विलंब करना है. उन्होंने कहा कि आजम खान की तबीयत खराब है तो अन्य 2 अभियुक्तों को तो आना चाहिए. इसके बावजूद भी वह नहीं आ रहे हैं. पिछली तारीख में न्यायालय द्वारा आदेशित किया गया था. इसके बावजूद भी गुरुवार को वह नहीं आए. उन्होंने मांग की है कि वीडियो कॉन्फ्रेसिंग नियमावली उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा या शपथ पत्र के माध्यम से इनका 313 सीआरपीसी का बयान अंकित दर्ज कराया जाए. जिससे मामले का निस्तारण हो.

जिस पर न्यायालय ने उनके अधिवक्ता की भी सुनी. उनके अधिवक्ता ने शपथ पत्र देने से मना कर दिया. जिसके बाद न्यायालय ने आदेशित किया कि आजम खान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 313 के बयान अंकित कराया जाए. इसके साथ ही अब्दुल्ला आजम और तंजीन फातिमा रामपुर न्यायालय में उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराएं. जन्म प्रमाण पत्र मामले और भड़काऊ भाषण वाले मामले में 313 के बयान अंकित कराने हेतु शुक्रवार की तिथि नियत की गई है.


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