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भाजपा सरकार को विश्वविद्यालयों से तकलीफ: इमरान प्रतापगढ़ी

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर कार्रवाई करते हुए जमीन को उत्तर प्रदेश सरकार के नाम पर दर्ज कर दिया गया. इसी मामले को लेकर इमरान प्रतापगढ़ी और आरिफ मसूद रामपुर पहुंचे और आजम खां की बीवी तंजीम फातमा से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हम इस कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

इमरान प्रतापगढ़ी और आरिफ मसूद
इमरान प्रतापगढ़ी और आरिफ मसूद
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Published : Jan 21, 2021, 9:26 AM IST

Updated : Jan 21, 2021, 9:56 AM IST

रामपुर: जौहर यूनिवर्सिटी की 1400 बीघा जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने की कार्रवाई के बाद अब इस मुद्दे पर सियासत गरमाती जा रही है. उर्दू के मशहूर शायर और कांग्रेस पार्टी के नेता इमरान प्रतापगढ़ी और भोपाल मध्य के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद रामपुर पहुंचे. यहां उन्होंने आजम खां की विधायक पत्नी डॉ. तजीन फातमा से मुलाकात की. इस दौरान इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को विश्वविद्यालयों से हमेशा तकलीफ रही है. वह चाहे अलीगढ़ हो, जामिया हो, जेएनयू हो या जौहर यूनिवर्सिटी. हम इस कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए तैयार हैं.

इमरान प्रतापगढ़ी और आरिफ मसूद ने तंजीम फातमा से की मुलाकात.

इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अभी तक हम यह समझते रहे के आजम खां के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है, लेकिन अब जौहर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाया गया और उसको खत्म करने की साजिश की जा रही है. ऐसे में हम खुलकर जौहर यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन करने को आए हैं. यूनिवर्सिटी के साथ देश का हर पढ़ा-लिखा इंसान खड़ा है. उन्होंने कहा कि मैं रामपुर इसलिए आया हूं क्योंकि अब्दुल्ला मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और अब्दुल्ला की मां भी मेरी मां की तरह हैं. जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए किस तरह से तहरीक शुरू की जा सकती है. इंशाल्लाह मैं कोशिश करूंगा कि उस पर काम हो. देशभर का नौजवान इस यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए खड़ा हो. क्योंकि यह यूनिवर्सिटी सिर्फ आजम खां की नहीं हैं. पूरे देश की यूनिवर्सिटी है. पूरे समाज की यूनिवर्सिटी है. यह स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से यूनिवर्सिटी है.

इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सबसे पहले तो मैंने एक दायरा तोड़ा है. मैं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यहां बैठा हूं. प्रदेश भर में लोगों से जाकर अपील करूंगा. विश्वविद्यालय में अभी भी बच्चे पढ़ रहे हैं. यूनिवर्सिटी की जमीन ले लेना सरकारी जमीन अगर है भी तो इस्तेमाल तो अच्छे कामों के लिए हो रही है. आप यूनिवर्सिटी को बंद कर देना चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि शिक्षा का मंदिर बंद हो. हमारे देश के मुख्यमंत्री को भी समझना होगा. 10 महीने आप ने एक 70 साल की बूढ़ी महिला को जेल में रखा. उनका कंधा फैक्चर हो गया और यह सुनकर मेरी आंखें नम हो गईं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदले की भावना में सरकार को इस हद तक नहीं जाना चाहिए. सरकार एक व्यक्ति से लड़ते-लड़ते उसके परिवार से और उसके बनाए गए संस्थान पर हमलावर हो गई. उसे बर्बाद करना चाहती है.

वहीं भोपाल से आए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मेरा आजम भाई से 25 साल पुराना ताल्लुक है. मैंने राजनीति में उनके साथ काम किया है. बराबर आजम भाई पर राजनीतिक हमले हो रहे थे, हम देखते रहे. अब लगा कि अब इंतहा हो गई है. अब उठ कर खड़े होना चाहिए. इसके बाद इमरान प्रतापगढ़ी और मैं मिलने आए हैं. हम देश के अंदर एक मुहिम चलाएंगे. यह आपकी आवाज को कब तक दबाया जाएगा. उसी सोच पर हम आज यहां आए हैं और आजम खां की बीवी से मुलाकात की है.

रामपुर: जौहर यूनिवर्सिटी की 1400 बीघा जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने की कार्रवाई के बाद अब इस मुद्दे पर सियासत गरमाती जा रही है. उर्दू के मशहूर शायर और कांग्रेस पार्टी के नेता इमरान प्रतापगढ़ी और भोपाल मध्य के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद रामपुर पहुंचे. यहां उन्होंने आजम खां की विधायक पत्नी डॉ. तजीन फातमा से मुलाकात की. इस दौरान इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को विश्वविद्यालयों से हमेशा तकलीफ रही है. वह चाहे अलीगढ़ हो, जामिया हो, जेएनयू हो या जौहर यूनिवर्सिटी. हम इस कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए तैयार हैं.

इमरान प्रतापगढ़ी और आरिफ मसूद ने तंजीम फातमा से की मुलाकात.

इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अभी तक हम यह समझते रहे के आजम खां के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है, लेकिन अब जौहर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाया गया और उसको खत्म करने की साजिश की जा रही है. ऐसे में हम खुलकर जौहर यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन करने को आए हैं. यूनिवर्सिटी के साथ देश का हर पढ़ा-लिखा इंसान खड़ा है. उन्होंने कहा कि मैं रामपुर इसलिए आया हूं क्योंकि अब्दुल्ला मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और अब्दुल्ला की मां भी मेरी मां की तरह हैं. जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए किस तरह से तहरीक शुरू की जा सकती है. इंशाल्लाह मैं कोशिश करूंगा कि उस पर काम हो. देशभर का नौजवान इस यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए खड़ा हो. क्योंकि यह यूनिवर्सिटी सिर्फ आजम खां की नहीं हैं. पूरे देश की यूनिवर्सिटी है. पूरे समाज की यूनिवर्सिटी है. यह स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से यूनिवर्सिटी है.

इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सबसे पहले तो मैंने एक दायरा तोड़ा है. मैं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यहां बैठा हूं. प्रदेश भर में लोगों से जाकर अपील करूंगा. विश्वविद्यालय में अभी भी बच्चे पढ़ रहे हैं. यूनिवर्सिटी की जमीन ले लेना सरकारी जमीन अगर है भी तो इस्तेमाल तो अच्छे कामों के लिए हो रही है. आप यूनिवर्सिटी को बंद कर देना चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि शिक्षा का मंदिर बंद हो. हमारे देश के मुख्यमंत्री को भी समझना होगा. 10 महीने आप ने एक 70 साल की बूढ़ी महिला को जेल में रखा. उनका कंधा फैक्चर हो गया और यह सुनकर मेरी आंखें नम हो गईं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदले की भावना में सरकार को इस हद तक नहीं जाना चाहिए. सरकार एक व्यक्ति से लड़ते-लड़ते उसके परिवार से और उसके बनाए गए संस्थान पर हमलावर हो गई. उसे बर्बाद करना चाहती है.

वहीं भोपाल से आए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मेरा आजम भाई से 25 साल पुराना ताल्लुक है. मैंने राजनीति में उनके साथ काम किया है. बराबर आजम भाई पर राजनीतिक हमले हो रहे थे, हम देखते रहे. अब लगा कि अब इंतहा हो गई है. अब उठ कर खड़े होना चाहिए. इसके बाद इमरान प्रतापगढ़ी और मैं मिलने आए हैं. हम देश के अंदर एक मुहिम चलाएंगे. यह आपकी आवाज को कब तक दबाया जाएगा. उसी सोच पर हम आज यहां आए हैं और आजम खां की बीवी से मुलाकात की है.

Last Updated : Jan 21, 2021, 9:56 AM IST
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